facebookmetapixel
भारत के नए उप राष्ट्रपति होंगे सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को हरायासेबी ने IPO नियमों में ढील दी, स्टार्टअप फाउंडर्स को ESOPs रखने की मिली मंजूरीNepal GenZ protests: नेपाल में क्यों भड़का प्रोटेस्ट? जानिए पूरा मामलाPhonePe का नया धमाका! अब Mutual Funds पर मिलेगा 10 मिनट में ₹2 करोड़ तक का लोनभारतीय परिवारों का तिमाही खर्च 2025 में 33% बढ़कर 56,000 रुपये हुआNepal GenZ protests: प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी दिया इस्तीफापीएम मोदी ने हिमाचल के लिए ₹1,500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया, मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की मददCredit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेशITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरें

Union Budget 2025: बजट से पहले उद्योग जगत की मांग – रोडटेप योजना को सितंबर तक बढ़ाए सरकार

एसईजेड और ईओयू के लिए कर छूट जारी रखने की अपील, एसईजेड कानून में संशोधन की भी मांग

Last Updated- January 29, 2025 | 10:37 PM IST
No new tax concessions to SEZ units!

केंद्रीय बजट पेश होने से ऐन पहले उद्योग जगत ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से निर्यात प्रोत्साहन योजना रोडटेप को आगे बढ़ाने की मांग की है। उद्योग जगत ने निर्यात उन्मुख इकाइयों (ईओयू) और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) के लिए निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों में छूट (रोडटेप) योजना को 30 सितंबर तक बढ़ाने का अनुरोध किया है।

इस साल 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किया जाएगा। सीतारमण को लिखे पत्र में ईओयू और एसईजेड के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीईएस) ने वित्त विधेयक के जरिये एसईजेड कानूनों में बदलाव के लिए लंबे समय से चली आ रही मांग को भी पूरा करने के लिए कहा है, जिससे सरकार विनिर्माण को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत पर अपना ध्यान बढ़ा सके।

वित्त वर्ष 2023 के बजट में इन क्षेत्रों को नया रूप देने की घोषणा के बाद से ही एसईजेड कानून में बदलाव की मांग की जा रही है, जो करीब 3 वर्षों से लंबित है। निर्यात संवर्धन परिषद के मुताबिक, इससे एसईजेड में मौजूदा और आने वाले समय में निवेशकों के भीतर इस नीति के प्रति अनिश्चितता की भावना भी पैदा हुई है।

ईपीसीईएस ने पत्र लिखकर एसईजेड अधिनियम में बदलाव की मांग की है ताकि चीन जैसे देशों की तरह ही पूर्ण सीमा शुल्क देने के बजाय एसईजेड से देश के बाकी हिस्सों में आपूर्ति को कर छूट के आधार पर सक्षम बनाया जा सके। पत्र में कहा गया है कि कंपनियों से दो संयंत्र स्थापित करने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए- एक निर्यात के लिए और दूसरा घरेलू बाजार के लिए, इससे निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता कम हो जाएगी और पैमाने की अर्थव्यवस्था भी कम हो जाएगा। ऐसी अनुमति एमओओडब्ल्यूआर योजना और ईओयू में पहले से ही है। इससे देसी विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा।

परिषद ने केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण से घरेलू क्षेत्रों में सेवाओं की आपूर्ति का भुगतान स्थानीय मुद्रा में करने की अनुमित देने का अनुरोध किया है। परिषद ने कहा है कि वस्तुओं में इसकी अनुमति है। एसईजेड से डीटीए तक लेनदेन में सेवाओं के भुगतान के लिए विदेशी मुद्रा खरीदने का कोई औचित्य नहीं है। एसईजेड, ईओयू और अग्रिम प्राधिकार (एए) धारकों से निर्यात के लिए आरओडीटीईपी योजना 31 दिसंबर को समाप्त हो गई थी मगर उद्योग और वाणिज्य विभाग के अनुरोधों के बीच इसे 29 जनवरी तक बढ़ा दिया गया था।

वाणिज्य विभाग ने करीब 1,600 से 1,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन भी मांगा है, जिससे सरकार इस योजना को 31 मार्च तक खींच सकेगी। अगर इसे सितंबर तक बढ़ाया जाता है तो बजट की कोई बाधा नहीं होगी क्योंकि रोडटेप योजना में एक प्रणाली है, जो आवंटन में 10 फीसदी की वृद्धि की अनुमति देती है।

 

First Published - January 29, 2025 | 10:37 PM IST

संबंधित पोस्ट