ट्रंप के टैरिफ युद्ध से बचने की चीनी जुगत और भारत
चीन की सालाना सेंट्रल इकनॉमिक वर्क कॉन्फ्रेंस (सीईडब्ल्यूसी) आम तौर पर साल के आखिर में होती है। इसका बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि इससे पता चलता है कि चीनी नेतृत्व को गुजरते साल में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कैसा लगा और आगे की चुनौतियों से निपटने के लिए वह क्या कदम उठाएगा। इस साल सीईडब्ल्यूसी […]
चीन में सुधारों की शुरुआत की कथा
पचास वर्ष पहले अगस्त के एक उमस भरे दिन मैं हॉन्गकॉन्ग से चीन की राजधानी पेइचिंग जा रहा था। एक कनिष्ठ राजनयिक के रूप में यह मेरा पहला काम था। हॉन्गकॉन्ग उस समय तक ब्रिटिश उपनिवेश था और हॉन्गकॉन्ग से कोई सीधी उड़ान नहीं थी। वहां से चीन जाने के लिए एक जलधारा पर बना […]
सऊदी अरब की महत्त्वाकांक्षा भरी तकनीकी छलांग
वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं में अग्रणी देशों की बात करें तो आम तौर पर सऊदी अरब का ध्यान नहीं आता। उसकी छवि अब भी अर्द्ध सामंती, रूढ़िवादी समाज की ही बनी हुई है, जहां वंशवादी राजशाही का शासन है। लेकिन हकीकत काफी अलग है। वली अहद यानी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के प्रधानमंत्री बनने […]
भारत की वैश्विक भूमिका और विकास की चुनौती: क्या 2047 तक पूरा होगा ‘विकसित’ अर्थव्यवस्था का सपना?
भारत अब भी विकासशील देश की पहचान से बाहर नहीं निकल पाया है। इसकी प्रति व्यक्ति आय 2,500 डॉलर है, जो आय एवं धन में व्यापक असमानता की तरफ इशारा करती है। मानव विकास सूचकांक में भारत इस समय 193 देशों में 134वें स्थान पर है। मानव विकास सूचकांक किसी देश की आबादी के सामाजिक […]
अमेरिकी चुनाव के बीच भारत की रणनीति काफी अहम, सहज और परिपक्व प्रतिक्रिया से मिलेगी मजबूती
कमला हैरिस नवंबर में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में औपचारिक रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रत्याशी घोषित हो चुकी हैं। शिकागो में डेमोक्रेटिक पार्टी का सम्मेलन हैरिस के सफल अभियान के शिखर पर पहुंचने का साक्षी बन गया है। कुछ हफ्तों पहले तक हैरिस की पहचान एक मामूली राजनेता और कम प्रभावशाली उप […]
महाशक्ति के दर्जे के लिए एक नया एजेंडा
नई सरकार का गठन इस बात का अवसर है कि देश की आर्थिक रणनीतियों की समीक्षा की जाए। सालाना बजट जल्दी ही सदन में पेश किया जाएगा। बजट में ऐसी आर्थिक नीति पेश की जानी चाहिए जो 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने का प्रयास करें, जो भारत की आजादी की सौवीं वर्षगांठ […]
Opinion: नई सरकार के सामने भूराजनीतिक चुनौतियां
एक अप्रैल से 1 जून, 2024 तक विस्तारित आम चुनाव की प्रक्रिया के दौरान लाजिमी ही है कि लोगों का ध्यान बाहरी दुनिया के बजाय घरेलू राजनीतिक घटनाक्रम पर केंद्रित हो जाए। देश में बनने वाली अगली सरकार के सामने एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य होगा जो 1 अप्रैल से तब तक बहुत बदल चुका होगा। […]
भारत के लिए पश्चिम एशिया की सुरक्षा कितनी अहम
इस क्षेत्र में भारत के अपने हित भी जुड़े हैं, इसके बावजूद इसकी नीति के लक्ष्य इस क्षेत्र की दीर्घकालिक स्थिरता पर केंद्रित नहीं हैं। बता रहे हैं श्याम सरन इजरायल-हमास युद्ध (Israel-Hamas war) की शुरुआत हुए अब सात महीने हो चुके हैं लेकिन अब भी इसका कोई अंत नहीं दिख रहा है। इसकी वजह […]
म्यांमार के हालात और क्षेत्रीय सुरक्षा का प्रश्न
म्यांमार एक महत्त्वपूर्ण पड़ोसी है। भारत की सुरक्षा और बेहतरी में उसकी अहम भूमिका है। दोनों देशों के बीच 1,400 किलोमीटर लंबी सीमा है। भारत में पूर्वोत्तर के चार संवेदनशील राज्य-अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम इस सीमावर्ती देश से लगे हुए हैं। दोनों देशों की सीमा के इधर और उधर समान जातीय समूहों के […]
राष्ट्रवाद, लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थान
भारत में अठारहवीं लोक सभा के चुनाव आगामी 19 अप्रैल से 1 जून तक होने जा रहे हैं। यह न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा आयोजन है और इसका प्रबंधन करना खासा चुनौतीपूर्ण है। 1.4 अरब की आबादी में करीब एक अरब लोग अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए उन […]