देश में यात्री वाहनों की बिक्री वित्त वर्ष 2025 में महज 2.6 फीसदी बढ़कर 43.4 लाख वाहन हो गई। शहरी बाजार में कमजोर मांग, उच्च आधार प्रभाव और हैचबैक एवं सिडैन कारों की सुस्त रफ्तार से बिक्री प्रभावित हुई। मार्च में यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री 3,80,000 से 3,90,000 वाहनों की रही। एक साल पहले की समान अवधि में 3,68,016 यात्री वाहनों की बिक्री हुई थी।
मारुति सुजूकी के प्रमुख (बिक्री एवं मार्केटिंग) पार्थ बनर्जी ने कहा, ‘आम तौर पर सब जानते हैं कि हमने उच्च आधार के साथ वित्त वर्ष 2025 में कदम रखा था। पिछले साल (वित्त वर्ष 2024) में दर्ज की गई वृद्धि को कोविड-19 के बाद की दबी हुई मांग से रफ्तार मिली थी।’
बनर्जी ने कहा, ‘अगर आप पिछले पांच वर्षों का सीएजीआर पर नजर डालेंगे तो वह करीब 4.6 फीसदी रहा है। सायम ने वित्त वर्ष 2025 की शुरुआत में ही अनुमान जाहिर किया था कि वृद्धि 3-4 फीसदी ही रहेगी जबकि यह करीब 2.6 फीसदी है।’ मारुति सुजूकी ने वित्त वर्ष 2025 में 19 लाख वाहनों की बिक्री की जो एक साल पहले के मुकाबले 2.7 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2024 में करीब 42.3 लाख यात्री वाहनों की बिक्री हुई थी जो सालाना आधार पर करीब 9 फीसदी अधिक है। साल के दौरान छोटी कारों- हैचबैक एवं सिडैन- की बिक्री में लगातार गिरावट दर्ज की गई। मारुति इस श्रेणी की सबसे बड़ी कंपनी है।
वित्त वर्ष 2025 में मारुति की छोटी कारों की बिक्री घटकर 9,04,909 वाहन रही जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह आंकड़ा 9,80,446 वाहनों का रहा था। देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी ह्युंडै मोटर इंडिया ने वित्त वर्ष 2025 के दौरान घरेलू बाजार में 5,98,666 यात्री वाहनों की बिक्री की जो एक साल पहले के मुकाबले 2.6 फीसदी कम है।
टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2025 में 5,55,585 यात्री वाहनों की बिक्री की जो एक साल पहले के मुकाबले 3 फीसदी कम है। कंपनी के यात्री वाहन एवं इलेक्ट्रिक वाहन इकाई के प्रमुख शैलेष चंद्र ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 काफी चुनौतीपूर्ण रहा जहां मांग में काफी उतार-चढ़ाव दिखा।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा (एमऐंडएम) और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने वित्त वर्ष 2025 के दौरान बिक्री में दमदार वृद्धि दर्ज कीं। एमऐंडएम की बिक्री एक साल पहले के मुकाबले 27.9 फीसदी बढ़कर 3,37,148 वाहन हो गई। टीकेएम की घरेलू बिक्री 19.9 फीसदी बढ़कर 5,51,487 वाहन हो गई।