वाहन बनाने वाली नामी कंपनी वाहनों का अपना काफिला बढ़ाने की तैयारी में है। कंपनी की योजना 2030 तक पेट्रोल-डीजल से चलने वाले 9 एसयूवी, 7 इलेक्ट्रिक वाहन और 7 हल्के वाणिज्यिक वाहन लाने की है। उसने वित्त वर्ष 2025 से वित्त वर्ष 2027 तक वाहन कारोबार पर 27,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है। अगले तीन साल में कंपनी कुल 37,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इसमें से 5-5 हजार करोड़ रुपये कृषि कारोबार और सेवा कारोबार में लगाए जाएंगे।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के निदेशक मंडल ने ईवी कंपनी महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल पर 12,000 करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव मंजूर कर दिया। कंपनी अगले तीन साल में ईवी तैयार करने पर यह रकम खर्च करेगी। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के कार्यकारी निदेशक और सीईओ (वाहन एवं कृषि क्षेत्र) राजेश जेजुरिकर ने कहा कि पूरी तरह महिंद्रा द्वारा ही तैयार पहला ईवी वर्ष 2025 की पहली तिमाही में सड़कों पर दौड़ने लगेगा। उन्होंने कहा कि 2027 तक कंपनी की कुल बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 20 से 30 फीसदी हो जाएगी।
महिंद्रा की ईवी इकाई में ब्रिटिश इंटरनैशनल इन्वेस्टमेंट ने 1,200 करोड़ रुपये और टेमासेक ने 300 करोड़ रुपये लगाए हैं। टेमासेक ने पिछले साल अगस्त में कंपनी में 1,200 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया था। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने कहा कि बाकी 900 करोड़ रुपये भी तय समय के भीतर निवेश कर दिए जाएंगे।
ब्रिटिश इंटरनैशनल इन्वेस्टमेंट ने 2022 में 70,070 करोड़ रुपये के मूल्यांकन पर अनिवार्य परिवर्तनीय निवेश साधनों के जरिये कंपनी में 1,925 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा की थी। इससे महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल में इसकी हिस्सेदारी 2.75 फीसदी से 4.76 फीसदी हो सकती है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने नतीजों की घोषणा के दौरान कहा कि उसे तथा उसकी वाहन इकाई को पूंजी निवेश की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त परिचालन नकदी जुटाने की उम्मीद है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अनीश शाह ने कहा कि महिंद्रा और ब्रिटिश इंटरनैशनल इन्वेस्टमेंट चर्चा कर रही हैं कि बाकी 725 करोड़ रुपये की जरूरत है या नहीं। इस बारे में अगले 6 से 7 महीने में निर्णय लिया जाएगा। कंपनी ने कहा, ‘महिंद्रा और ब्रिटिश इंटरनैशनल इन्वेस्टमेंट ने 725 करोड़ रुपये के निवेश की समयसीमा को आपसी सहमति से आगे बढ़ा दिया है और दोनों इस पर विचार करेंगे कि 31 दिसंबर, 2024 तक अतिरिक्त निवेश की जरूरत होगी
या नहीं।’
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के एमडी व सीईओ अनीश शाह ने कहा कि ईवी का मार्जिन भी पेट्रोल-डीजल इंजन वाले वाहनों की तरह ही होगा। शुरुआती दौर में ईवी पर मार्जिन कम रहेगा मगर बाद में वह बढ़ता जाएगा। मगर उन्होंने यह नहीं बताया कि महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल कंपनी मुनाफे में कब तक आएगी।
नए वाहन उतारने और 2.20 लाख वाहनों के पिछले ऑर्डर पूरे करने के लिए कंपनी क्षमता बढ़ाने पर लगातार जोर दे रही है। जेजुरिकर ने कहा कि वित्त वर्ष 2020 तक कंपनी हर महीने 19,000 एसयूवी बना सकती थी, जो संख्या अब बढ़कर 49,000 वाहन प्रति माह हो गई है।
वित्त वर्ष 2025 के अंत तक उत्पादन क्षमता बढ़कर 49,000 वाहन प्रति माह और इसके अगले साल 72,000 वाहन प्रति माह हो जाएगी। जेजुरिकर ने स्पष्ट किया कि वित्त वर्ष 2025 के अंत तक हर महीने 10,000 इलेक्ट्रिक वाहन भी बनने लगेंगे और उसके अगले साल ईवी उत्पादन क्षमता में 8,000 प्रति माह का इजाफा किया जाएगा। महिंद्रा हर महीने 9,000 एक्यूवी 3एक्सओ बना सकती है और जरूरत पड़ने पर इसकी क्षमता बढ़ाकर 10,500 वाहन प्रति माह की जा सकती है।
वित्त वर्ष 2025 से 2027 के लिए कंपनी ने कुल 27,000 करोड़ रुपये का निवेश की योजना बनाई है, जिनमें से 8,500 करोड़ रुपये डीजल-पेट्रोल से चलने वाले एसयूवी पर खर्च किए जाएंगे। वाणिज्यिक वाहनों (ईवी, ट्रक एवं बसों पर) पर 4,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। वित्त वर्ष 2024 में वाहन कारोबार की आय 43.1 फीसदी चक्रवृद्धि दर से बढ़ी है।