केंद्र सरकार इंडिया AI मिशन के तहत 10,372 करोड़ रुपये की राशि में से करीब 5,000 करोड़ रुपये ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (जीपीयू) की खरीद में खर्च करेगी और भारतीय स्टार्टअप कंपनियों को कम कीमत पर कंप्यूट क्षमता उपलब्ध कराएगी। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार यह जानकारी दी।
दिल्ली में आयोजित किए जा रहे ग्लोबल इंडिया AI समिट के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने कहा ‘इस मिशन के तहत कंप्यूट क्षमता निर्मित करने में सहायता के लिए जरूरी 10,000 से ज्यादा जीपीयू उपलब्ध कराने के लिए हमने तकरीबन 5,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।’
जीपीयू ऐसे विशेष चिप होते हैं, जिन्हें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस तथा तीव्र प्रोसेसिंग के जरिये मशीन लर्निंग कार्यों में तेजी लाने के लिए बेहतरीन ढंग से तैयार किया जाता है। एनवीडिया, इंटेल और एएमडी जैसी कंपनियां दुनिया भर में जीपीयू की सबसे बड़ी विनिर्माताओं में शामिल हैं।
सिंह ने यह भी कहा कि सरकार इन चिपों की खरीद के लिए निविदा जारी करने की प्रक्रिया में है, लेकिन इन चिपों की सीधी खरीद करने का दृष्टिकोण नहीं होगा। उन्होंने कहा ‘ऐसा नहीं है कि हम चिपसेट खरीदेंगे तथा हम सार्वजनिक स्वामित्व वाले और सार्वजनिक रूप से संचालित बुनियादी ढांचा तैयार करेंगे।
हम चाहेंगे कि निवेश निजी भागीदारों की तरफ से आए, लेकिन उस कंप्यूट की पहुंच की लागत के हिस्से को सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाएगी ताकि जिन लोगों को कंप्यूटर की जरूरत है, जो मॉडल बना रहे हैं या मॉडल का प्रशिक्षण दे रहे हैं या अनुमान लगा रहे हैं या शोध कर रहे हैं या एल्गोरिदम पर काम कर रहे हैं, वे उस लागत पर कंप्यूटर तक पहुंच पाएंगे जो आज की तुलना में बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि इस दृष्टिकोण की वजह यह है कि उपयोगकर्ताओं या उद्यमों और इस मामले में स्टार्टअप कंपनियों को यह फैसला करने दिया जाए कि उनके इस्तेमाल के लिए कौन-सा जीपीयू सही रहेगा।