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श्रीलंका के मौजूदा हालात और भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका

श्रीलंका लगातार एक के बाद दूसरे संकट से जूझ रहा है। अपनी कई समस्याओं के लिए वह स्वयं उत्तरदायी है। परंतु कोविड-19 के प्रभाव तथा रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी बाहरी घटनाओं ने भी उसे प्रभावित किया है। एक बात एकदम स्पष्ट है कि जहां भी सत्ता के दो केंद्र रहे हैं, वहां अंत:स्फोट की स्थितियां बनी […]

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गंभीर होते हालात

रूस द्वारा पड़ोसी देश यूक्रेन पर आक्रमण की छाया दुनिया भर के बाजार, निवेशक और आर्थिक नीति निर्माता महसूस कर रहे हैं लेकिन अगर यह संघर्ष लंबा चला तो भारत उन देशों में शुमार होगा जो आर्थिक दृष्टि से सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। रुपया पहले ही रिकॉर्ड स्तर तक गिर चुका है और […]

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आम बजट में नजर आई सुसंगति और निरंतरता

अक्सर शुरुआती धारणा ही मजबूत हो जाती है। परंतु नए आंकड़ों पर नजर डालना भी महत्त्वपूर्ण है। हमें बताया गया कि कोविड-19 के झटके के तहत भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाली रही और वृद्धि में सुधार इसलिए हो रहा है कि गिरावट आई। परंतु अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के 2020 और 2021 के […]

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आत्मप्रशंसा नहीं

वर्ष 2021-22 की आर्थिक समीक्षा पिछले वर्षों से कुछ अलग स्वरूप में सोमवार को संसद में प्रस्तुत की गई। पिछली आर्थिक समीक्षाओं के दो खंडों की जगह इस बार एक खंड की समीक्षा पेश की गई और इसके लगभग सभी अध्याय ढांचागत विषयों पर केंद्रित हैं। एक अलग खंड में अंकविवरण संबंधी परिशिष्ट भी प्रकाशित […]

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आत्मप्रशंसा नहीं

वर्ष 2021-22 की आर्थिक समीक्षा पिछले वर्षों से कुछ अलग स्वरूप में सोमवार को संसद में प्रस्तुत की गई। पिछली आर्थिक समीक्षाओं के दो खंडों की जगह इस बार एक खंड की समीक्षा पेश की गई और इसके लगभग सभी अध्याय ढांचागत विषयों पर केंद्रित हैं। एक अलग खंड में अंकविवरण संबंधी परिशिष्ट भी प्रकाशित […]

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राजकोषीय सुदृढ़ीकरण अब है केंद्र की बारी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण महज कुछ सप्ताह में अपना लगातार चौथा बजट पेश करेंगी। स्वतंत्र भारत में अब तक 23 वित्त मंत्री (तीन प्रधानमंत्रियों को छोड़कर) हुए हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल में कम से कम एक बजट पेश किया है। परंतु इनमें से केवल आठ को लगातार चार बजट पेश करने का गौरव प्राप्त […]

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कोविड प्रबंधन में भारत की नीतिगत खामियां

कोविड महामारी की दूसरी लहर एकदम विनाशकारी साबित हुई है। भले ही इसकी चपेट में आने वाले संक्रमितों एवं मृतकों की संख्या में अब कमी आने लगी है लेकिन मौजूदा स्तर भी खासा अधिक है। अधिकांश राज्यों ने कोरोनावायरस के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए लॉकडाउन जैसी बंदिशें लगाई हुई हैं जिससे आर्थिक क्रियाकलापों […]

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अर्थव्यवस्था पर विमर्श को बॉन्ड बाजार जैसों ने अगवा किया

सरकार को लगता है कि सुधारों के बारे में उसका पक्ष न तो ठीक से सुना जा रहा है और न ही उसकी ठीक से चर्चा हो रही है। लेकिन इसके लिए दोष किसका है? कई लोग कहेंगे कि सरकार प्रभावी तरीके से संवाद नहीं कर पाई है। लेकिन यह आंशिक रूप से ही सही […]

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देश में शिथिल मौद्रिक नीति और सही-गलत का निर्णय

जिस व्यक्ति को मामले में केवल अपना पक्ष मालूम होता है, वास्तव मेंं वह उसके बारे मेंं काफी कम जानकारी रखता है-जॉन स्टुअर्ट मिल (1860) बीते एक वर्ष के दौरान कम ब्याज दर वाली आर्थिक नीति (शिथिल मौद्रिक नीति) पर जोर देने वाले आर्थिक सलाहकारों का यह कहना एकदम उचित है कि गरीबों के हाथ […]

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केवल काम चलाना पर्याप्त नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जो नई आर्थिक नीति अपनाई है, वह कामयाब होगी या नहीं यह जानने के लिए बेहतर समझ की आवश्यकता है। नई नीति में सरकारी कंपनियों का निजीकरण ही शामिल नहीं है बल्कि बिजली वितरण जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं जहां उपभोक्ताओं को पसंद का आपूर्तिकर्ता चुनने की आजादी देने […]