आज पौं फटते ही मां दुर्गा की विदाई की तैयारियां होने लगीं क्योंकि उनके भक्त यह भली भांति जानते थे कि चार दिन के उत्सव के बाद अब मां पृथ्वी पर अपना प्रवास समाप्त कर अपने कैलाश धाम वापस लौट जाएंगी।
महिलाओं ने सिंदूर खेला की रस्म निभाते हुए एक दूसरे के चेहरे पर सिंदूर लगाया और मां दुर्गा की पूजा अर्चना की।
बिजोय के मौके पर सभी आयु के लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी और शुभकामनाओं का आदान प्रदान किया।
शाम में मां की प्रतिमाओं के साथ लोगों के रेले हुबली नदी की ओर चल पड़े, जहां पूरी श्रद्धा और सम्मान के साथ मां को विदा किया गया।
विसर्जन की इस अद्भुत वेला में बहुत से विदेशी पर्यटकों ने इन पलों को अपने कैमरों में कैद कर लिया।
पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे।
पुलिस अधिकारियों के अलावा नागरिक सुरक्षा एजेंसियों के जवान भी सुरक्षा बंदोबस्त में लगे थे। कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट और रिवर ट्रैफिक पुलिस के जवान विसर्जन प्रक्रिया में मदद कर रहे थे, जबकि भारतीय नौसेना की स्पीड बोट पूरी प्रक्रिया पर नजर बनाए हुए थीं।