facebookmetapixel
बीमा क्षेत्र में 100% FDI का रास्ता होगा साफ! सरकार शीतकालीन सत्र में बड़ा बदलाव लाने की तैयारी मेंCorporate Action: अगले हफ्ते मार्केट में स्प्लिट-डिविडेंड-बोनस का मिलेगा तगड़ा मिश्रण, निवेशकों की चांदीG20 में PM मोदी के बड़े सुझाव: अफ्रीका के विकास से लेकर वैश्विक पारंपरिक ज्ञान तक बड़ा एजेंडाDividend Stocks: नवंबर के आखिरी हफ्ते निवेशकों की चांदी, कई कंपनियां अपने शेयरधारकों को बांटेगी डिविडेंडUP में युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा मौका, KVIC से 21% ज्यादा नौकरियां!Car Loan Offer: सिर्फ 7.6% पर कार लोन! EMI केवल ₹10,000 के करीब; जानें कौन दे रहा है सबसे सस्ता ऑफरभारत की पहली मरीन NBFC सागरमाला फाइनेंस ने बढ़ाई कर्ज सीमा, समुद्री प्रोजेक्ट्स को ₹25,000 करोड़ की राहतSudeep Pharma IPO: सब्सक्राइब करें या नहीं? पूरा रिव्यू 3 मिनट में!Bonus Stocks: अगले हफ्ते ये दो बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेगी बोनस, पोर्टफोलियो में जुटेगें नए शेयरSIP निवेशक की गाइड: कब और कैसे करें निकासी; एक्सपर्ट से समझें

वोडाफोन आइडिया ने की एजीआर बकाये पर जुर्माना-ब्याज माफी की मांग

वोडाफोन आइडिया को वित्त वर्ष 2016-17 तक की गणना के अनुसार ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज सहित 58,254 करोड़ रुपये का एजीआर भुगतान करना है।

Last Updated- September 29, 2025 | 10:54 PM IST
Vodafone Idea share

देश की तीसरी सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी ने आज सर्वोच्च न्यायालय से सरकार को किए जाने वाले समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के बकाया पर जुर्माना, ब्याज तथा जुर्माने पर ब्याज की देनदारी से छूट का अनुरोध किया।

यह मांग इस महीने की शुरुआत में उसकी पिछली याचिका में संशोधन के जरिये उठाई गई है। इसमें कंपनी ने वित्त वर्ष 2018-19 तक 9,560 करोड़ रुपये के अतिरिक्त एजीआर बकाया को चुनौती दी थी, जिसमें से 5,606 करोड़ रुपये की रा​शि वित्त वर्ष 2016-17 तक की अवधि की है और एजीआर बकाया का दोबारा आकलन करने की मांग की गई थी। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने संशोधित याचिका को देखा है। इसमें इस आधार पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की मांग की गई है कि दूरसंचार विभाग की ओर से एजीआर बकाये की कुल राशि के संबंध में स्पष्टता नहीं है।

दूरसंचार कंपनी ने अपनी याचिका में कहा कि दूरसंचार विभाग ने न्यायालय को बताया था कि जुर्माना, ब्याज तथा जुर्माने पर ब्याज सहित एजीआर की राशि अदालती मामलों के अलावा विभागीय आकलन, सीएजी के ऑडिट और विशेष ऑडिट के आधार पर आगे संशोधन पर निर्भर करती है।

खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकरण बनाम स्टील आथॉरिटी ऑफ इंडिया मामले के पैरा 25(सी) का हवाला देते हुए दूरसंचार कंपनी ने कहा, ‘यह सर्वविदित है कि जहां देय राशि पर विवाद हो, स्पष्ट न हो या निश्चित न हो तथा पक्षकारों को सटीक राशि के संबंध में भ्रम हो, वहां दंड नहीं लगाया जा सकता।’

कंपनी ने कहा कि उसने स्व-मूल्यांकन के आधार पर निर्विवाद राशि का एजीआर पहले ही चुका दिया है। इसलिए साल 2020 में न्यायालयों के समक्ष आया मामला केवल कमी के संबंध में था। कंपनी ने कहा कि चूंकि उसने भुगतान कर दिया था, इसलिए भुगतान नहीं करने पर जुर्माने की बात ही नहीं उठती।

दूरसंचार विभाग के अनुसार वोडाफोन आइडिया को वित्त वर्ष 2016-17 तक की गणना के अनुसार ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज सहित 58,254 करोड़ रुपये का एजीआर भुगतान करना है।

First Published - September 29, 2025 | 10:50 PM IST

संबंधित पोस्ट