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वोडाफोन आइडिया ने की एजीआर बकाये पर जुर्माना-ब्याज माफी की मांग

वोडाफोन आइडिया को वित्त वर्ष 2016-17 तक की गणना के अनुसार ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज सहित 58,254 करोड़ रुपये का एजीआर भुगतान करना है।

Last Updated- September 29, 2025 | 10:54 PM IST
Vodafone Idea

देश की तीसरी सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी ने आज सर्वोच्च न्यायालय से सरकार को किए जाने वाले समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के बकाया पर जुर्माना, ब्याज तथा जुर्माने पर ब्याज की देनदारी से छूट का अनुरोध किया।

यह मांग इस महीने की शुरुआत में उसकी पिछली याचिका में संशोधन के जरिये उठाई गई है। इसमें कंपनी ने वित्त वर्ष 2018-19 तक 9,560 करोड़ रुपये के अतिरिक्त एजीआर बकाया को चुनौती दी थी, जिसमें से 5,606 करोड़ रुपये की रा​शि वित्त वर्ष 2016-17 तक की अवधि की है और एजीआर बकाया का दोबारा आकलन करने की मांग की गई थी। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने संशोधित याचिका को देखा है। इसमें इस आधार पर ब्याज और जुर्माना माफ करने की मांग की गई है कि दूरसंचार विभाग की ओर से एजीआर बकाये की कुल राशि के संबंध में स्पष्टता नहीं है।

दूरसंचार कंपनी ने अपनी याचिका में कहा कि दूरसंचार विभाग ने न्यायालय को बताया था कि जुर्माना, ब्याज तथा जुर्माने पर ब्याज सहित एजीआर की राशि अदालती मामलों के अलावा विभागीय आकलन, सीएजी के ऑडिट और विशेष ऑडिट के आधार पर आगे संशोधन पर निर्भर करती है।

खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकरण बनाम स्टील आथॉरिटी ऑफ इंडिया मामले के पैरा 25(सी) का हवाला देते हुए दूरसंचार कंपनी ने कहा, ‘यह सर्वविदित है कि जहां देय राशि पर विवाद हो, स्पष्ट न हो या निश्चित न हो तथा पक्षकारों को सटीक राशि के संबंध में भ्रम हो, वहां दंड नहीं लगाया जा सकता।’

कंपनी ने कहा कि उसने स्व-मूल्यांकन के आधार पर निर्विवाद राशि का एजीआर पहले ही चुका दिया है। इसलिए साल 2020 में न्यायालयों के समक्ष आया मामला केवल कमी के संबंध में था। कंपनी ने कहा कि चूंकि उसने भुगतान कर दिया था, इसलिए भुगतान नहीं करने पर जुर्माने की बात ही नहीं उठती।

दूरसंचार विभाग के अनुसार वोडाफोन आइडिया को वित्त वर्ष 2016-17 तक की गणना के अनुसार ब्याज, जुर्माना और जुर्माने पर ब्याज सहित 58,254 करोड़ रुपये का एजीआर भुगतान करना है।

First Published - September 29, 2025 | 10:50 PM IST

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