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Festive Market Outlook: नवरात्रि 2025 को देखते हुए स्मालकेस के इनवेस्टमेंट मैनेजर्स ने भारत के फेस्टिव मार्केट आउटलुक पर असर डालने वाले 9 सेक्टर्स की पहचान की है। इन सेक्टर्स में ऑटो कंपोनेंट्स, FMCG, रक्षा, क्लीन एनर्जी, फार्मा एंड हेल्थकेयर, एनबीएफसी, गोल्ड, इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपिटल मार्केट शामिल हैं। मजबूत कंजम्प्शन डेटा, पॉलिसी सपोर्ट और रिटेल निवेशकों की रिकॉर्ड भागीदारी के चलते इनवेस्टमेंट मैनेजर्स इन सेक्टर्स को फेस्टिव सीजन में बेहतर मान रहे हैं।
राइट रिसर्च (Wright Research) के अनुसार, GST 2.0 और शुभ खरीदारी दौरान ऑटो मांग में फेस्टिवल्स तेजी आने की संभावना है। अगस्त 2025 में रिटेल बिक्री 2.84% YoY बढ़ी, जबकि थोक बिक्री में भी बढ़ोतरी हुई। हाई PV इन्वेंट्री (करीब 56 दिन) फेस्टिव सीजन के दौरान डिलीवरी की उम्मीद को मजबूत कर रही है। रूरल लिक्विडिटी में सुधार और PLI-Auto/Components प्रोग्राम की मदद से ब्रेकिंग सिस्टम, टायर, बैटरी और इलेक्ट्रॉनिक्स में मांग बढ़ सकती है।
राइज रिसर्च, निवेशाय, स्मार्टवेल्थ एआई और वेल्थट्रस्ट कैपिटल का मानना है कि फेस्टिवल कंजंप्शन मजबूती से बढ़ा है। अगस्त में UPI लेनदेन 20 अरब ट्रांजेक्शन और ₹24.85 लाख करोड़ तक पहुंच गया। ई-कॉमर्स बिक्री इस फेस्टिवल सीजन में ₹1.2 लाख करोड़ (+27% YoY) रहने की उम्मीद है। रूरल FMCG खपत 14.6% CAGR से बढ़ते हुए $220 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है। GST 2.0 टैक्स कटौती ने कीमतों को किफायती बनाया है, जिससे ऑटो, इलेक्ट्रॉनिक्स, अपैरल और छोटे उपकरणों की मांग में बढ़ोतरी हो रही है।
स्मार्टवेल्थ एआई के अनुसार, नवरात्रि–दिवाली 2025 में भारत में गोल्ड की मांग में तेजी आने की संभावना है। अमेरिकी फेडरल डेट $35.5 ट्रिलियन तक बढ़ गया है और वैश्विक केंद्रीय बैंक गोल्ड में निवेश बढ़ा रहे हैं। घरेलू स्तर पर RBI भी गोल्ड खरीद बढ़ा रहा है। बढ़ती आय और फेस्टिवल के सांस्कृतिक महत्व से रिकॉर्ड गोल्ड खरीदारी होने की उम्मीद है।
गोलएफआई के अनुसार, MSME फेस्टिव लोन डिमांड 35–40% बढ़कर ₹3.45 लाख करोड़ होने की संभावना है। ऑटो लोन भी 18–19% बढ़ सकते हैं। कुल क्रेडिट ग्रोथ FY25–26 में 13–15% रहने का अनुमान है। छोटे शहरों से 70% फेस्टिव लोन डिमांड आने के कारण NBFCs भारत की क्रेडिट साइकिल में अहम योगदान दे रहे हैं।
गोलएफआई के अनुसार, भारतीय फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर FY25–28 में 12–14% CAGR से बढ़ रहा है। घरेलू फार्मूलेशन मार्केट FY26 तक $65 बिलियन तक पहुंचने की संभावना है। टेलीमेडिसिन और ई-फार्मेसी 25% YoY ग्रोथ दिखा रही हैं। फार्मा एक्सपोर्ट्स $35 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है। PLI स्कीम और नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन से उत्पादन क्षमता और ऑपरेशन बेहतर हो रहे हैं।
निवेशाय के अनुसार, सोलर पावर 31% YoY बढ़ी है और भारत 2030 तक 500 GW रिन्यूएबल कैपेसिटी का लक्ष्य रखता है। EVs में दो-पहिया वाहनों की हिस्सेदारी FY30 तक 25% तक बढ़ सकती है। बैटरी एनर्जी स्टोरेज और ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से विस्तार कर रहे हैं।
वेल्थट्रस्ट कैपिटल के अनुसार, भारत में रिटेल निवेश रिकॉर्ड स्तर पर है, 155 मिलियन डिमैट अकाउंट्स हैं। MF SIP फ्लो ₹21,000–22,000 करोड़ प्रति माह है। Nifty Financial Services Index पिछले दशक में करीब 18% CAGR दे चुका है।
कमायाक्या के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से FY26 में ₹11.21 लाख करोड़ का कैपेक्स जारी है। सीमेंट पर GST कटौती (28% से घटकर 18%) प्रोजेक्ट लागत 3–5% घटा सकती है। CE वॉल्यूम FY26 में 2–5% बढ़ सकता है।
ग्रीन पोर्टफोलियो के अनुसार, FY25 में डिफेंस प्रोडक्शन ₹1.50 लाख करोड़ और एक्सपोर्ट ₹23,622 करोड़ तक पहुंच गया। मंत्रालय ने 193 प्रोक्योरमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स पर ₹2.09 लाख करोड़ के ऑर्डर दिए। 2029 तक डिफेंस एक्सपोर्ट ₹50,000 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
Smallcase के इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स मानते हैं कि नवरात्रि 2025 और फेस्टिव सीजन के चलते इन नौ सेक्टर्स में मजबूत रुझान दिखाई दे रहा है। निवेशकों के लिए यह समय अपने पोर्टफोलियो को भारत की सबसे मजबूत ग्रोथ स्टोरी के साथ तैयार करने या रिएडजस्ट करने का अवसर है।