अमेरिका ने जहां इस वर्ष के जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे दक्षिण अफ्रीका को चेतावनी दी है कि वह कोई संयुक्त बयान जारी न करे, वहीं भारत ने गुरुवार को कहा कि यह सम्मेलन विकासशील देशों से जुड़े कई प्रमुख मुद्दों को आगे बढ़ाएगा। इनमें आपदा जोखिम कम करने जैसे कई मुद्दे हैं, जिन्हें 2023 में भारत की अध्यक्षता में आयोजित सम्मेलन के दौरान भी उठाया गया था। अमेरिका ने इस बार जी20 शिखर सम्मेलन का बहिष्कार किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 21 से 23 नवंबर तक दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेंगे। अफ्रीकी महाद्वीप के लिए यह पहला मौका है जब वह जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। इसी के साथ जी20 के सभी सदस्य देशों द्वारा समूह की अध्यक्षता संभालने का पहला चक्र समाप्त हो जाएगा।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि 2023 में भारत में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ही अफ्रीकी संघ को इस प्रतिष्ठित समूह का स्थायी सदस्य बनाया गया था। मंत्रालय ने यह भी कहा कि पिछले चार बार से जी20 की अध्यक्षता विकासशील देश ही कर रहे हैं। इनमें 2022 में इंडोनेशिया, 2023 में भारत, 2024 में ब्राजील और इस बार दक्षिण अफ्रीका का नंबर है। इस समूह ने विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के लिए प्रासंगिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।
प्रधानमंत्री मोदी जोहानिसबर्ग में जी20 सम्मेलन के जिन तीन पूर्ण सत्रों को संबोधित करेंगे, उनमें पहला- समावेशी और सतत आर्थिक विकास और व्यापार की भूमिका, विकास के लिए वित्तपोषण और ऋण का बोझ, दूसरा- आपदा जोखिम कम करना, जलवायु परिवर्तन, न्यायसंगत ऊर्जा परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा तथा तीसरा- दुर्लभ खनिज, सुविचारित काम और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस शामिल हैं।
शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी वहां मौजूद कुछ शीर्ष नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं। वह भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका के नेताओं की बैठक में भी भाग लेंगे, जिसकी मेजबानी दक्षिण अफ्रीका कर रहा है।