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नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री, नई मंत्रिपरिषद में बड़े सरप्राइज

नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 26 सदस्यीय मंत्रिमंडल में BJP को सबसे अधिक जगह, कई नए चेहरे शामिल।

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अर्चिस मोहन   
Last Updated- November 21, 2025 | 8:58 AM IST

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके मंत्रिमंडल में 26 मंत्री बनाए गए हैं। इनमें तीन महिलाएं हैं। पटना के गांधी मैदान में गुरुवार सुबह आयोजित शानदार समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री और राजग शासित कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी उपस्थित थे। पिछली सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे भाजपा के सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा को भी मंत्री बनाया गया है। इन दोनों को बुधवार को आयोजित पार्टी की बैठक में क्रमश: भाजपा के विधायक दल के नेता और उपनेता चुना गया था। दस मंत्री ऐसे हैं, जो निवर्तमान सरकार में मंत्रिपरिषद के सदस्य नहीं थे।

मंत्रिमंडल में शामिल नए चेहरों में भाजपा नेता और 2018 के राष्ट्रमंडल खेलों की शूटिंग में स्वर्ण पदक विजेता श्रेयसी सिंह, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख और राज्य सभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश शामिल हैं, जो बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों में से किसी के भी सदस्य नहीं हैं। औराई से भाजपा की नवनिर्वाचित विधायक रमा निषाद को भी मंत्री बनाया गया है, जो पूर्व केंद्रीय मंत्री जयनारायण निषाद की बहू हैं। रमा निषाद अत्यंत पिछड़ा वर्ग मल्लाह समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। इस वर्ग को अपने पाले में करने के लिए चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी महागठबंधन ने पूरी कोशिश की थी।

श्रेयसी सिंह, रमा निषाद और जदयू की लेसी सिंह मंत्रिपरिषद में तीन महिला सदस्य हैं। वर्ष 2024 के लोक सभा चुनाव में पाटलिपुत्र से राष्ट्रीय जनता दल की मीसा भारती से शिकस्त खाने वाले भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री राम कृपाल यादव को भी मंत्रिपरिषद में जगह दी गई है। वह इस बार दानापुर सीट से जीत कर विधान सभा पहुंचे हैं। जदयू के मोहम्मद ज़मा खान राजग के एकमात्र मुस्लिम विधायक हैं। उन्हें दोबारा मंत्री बनाया गया है। वह पिछली सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग संभाल रहे थे। मंत्रिमंडल में आठ सदस्य उच्च जाति से ताल्लुक रखते हैं, पांच दलित, एक मुस्लिम और 13 अन्य पिछड़ा वर्ग एवं ईबीसी से हैं। नई सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने वाले प्रमुख चेहरों में निवर्तमान मंत्रिपरिषद में उद्योग मंत्री रहे भाजपा के नीतीश मिश्रा, जीवेश मिश्रा और संजय सरावगी हैं।

शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार को पद की शपथ दिलाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने गांधी मैदान में मौजूद भीड़ को तब मंत्रमुग्ध कर दिया जब उन्होंने सूती गमछे को अपने सिर के ऊपर लहराया। बिहार विधान सभा चुनाव के परिणाम वाले दिन 14 नवंबर को भी प्रधानमंत्री मोदी ने नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय में अपने विजय भाषण के दौरान इसी तरह गमछा लहराया था। प्रधानमंत्री ने कुमार का हाथ पकड़कर भी भीड़ का अभिवादन किया।

बाद में एक्स पर पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने नीतीश कुमार को अनुभवी प्रशासक बताया, जिनके पास कई वर्षों से सुशासन का सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है। उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘उनके आगे के कार्यकाल के लिए मेरी शुभकामनाएं।’ नीतीश कुमार के 50 वर्षीय बेटे निशांत कुमार शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद थे। गांधी मैदान में पत्रकारों से बात करते हुए निशांत ने राज्य के लोगों को ऐतिहासिक जनादेश के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने महिला मतदाताओं को उनकी विशेष भागीदारी के लिए सराहा। इस मौके पर वह अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत पर सवालों को मुस्कुराते हुए सफाई से टाल गए।

किस दल के कितने मंत्री

नीतीश कुमार के अलावा शपथ लेने वाले 26 मंत्रियों में से 14 भाजपा से हैं। यह 89 विधायकों की जीत के साथ बिहार विधान सभा में सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है। नीतीश के नेतृत्व वाली जदयू को इस बार 85 सीटें मिली हैं और उसके कोटे से 8 मंत्री बनाए गए हैं। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) से दो मंत्री हैं। इसने 19 सीटें जीती हैं। इसी प्रकार केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम से एक-एक मंत्री बनाया गया है। मांझी और कुशवाहा के दलों के क्रमशः पांच और चार विधायक चुने गए हैं।

भाजपा की ओर से चौधरी और सिन्हा के अलावा मंगल पांडे, नितिन नवीन और सुरेंद्र प्रसाद मेहता ऐसे नेता हैं, जो पिछली सरकार में भी मंत्री थे। पार्टी की ‘एक व्यक्ति, एक पद’ नीति को ध्यान में रखते हुए लगभग दो साल पहले कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भी नए मंत्रिमंडल में वापस आ गए हैं।

जदयू ने पिछली सरकार में मंत्री रहे अपने सभी नेताओं को दोबारा मौका दिया है। हम (एस) से केंद्रीय मंत्री मांझी के बेटे संतोष सुमन भी पुन: मंत्रिमंडल का हिस्सा बने हैं। लोजपा (राम विलास) के मंत्रियों में संजय कुमार सिंह शामिल हैं, जिन्होंने महुआ में तेज प्रताप यादव को हराया। आरएलएम कोटे से पार्टी प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है। सासाराम सीट पर जीत दर्ज करने वाली उपेंद्र की पत्नी स्नेहलता मंत्री नहीं बनी हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा, दिलीप जायसवाल, प्रमोद कुमार, अशोक चौधरी और संतोष सुमन राज्य विधान परिषद के सदस्य हैं। नीतीश कुमार अपनी मंत्रिपरिषद का बाद में और विस्तार कर सकते हैं, क्योंकि बिहार विधान सभा में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की अधिकतम संख्या 36 हो सकती है।

First Published : November 21, 2025 | 8:58 AM IST