ई-कॉमर्स से जुड़े सॉफ्टवेयर सेवा मंच यूनिकॉमर्स के विश्लेषण के अनुसार, त्योहारों के सीजन की सेल के पहले सप्ताह के दौरान क्विक कॉमर्स के ऑर्डर की संख्या में सालाना 85 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई। दूसरी ओर, सामान्य ई-कॉमर्स के ऑर्डर की संख्या में 21 प्रतिशत की सालाना वृद्धि हुई।
यह रुझान ग्राहकों की तेज डिलीवरी को दी जा रही तरजीह को उजागर करता है, जिसके कारण इस साल की त्योहारी बिक्री में क्विक कॉमर्स वृद्धि के एक प्रमुख चालक के रूप में स्थापित हुआ है। यह तुलना पिछले वर्ष की समान छह-दिवसीय अवधि (26 सितंबर 2024 से शुरू) और इस वर्ष की बिक्री अवधि के बीच की गई है, जो विभिन्न प्लेटफॉर्म पर अलग-अलग तारीख में शुरू हुई थी। यह विश्लेषण दोनों वर्षों में त्योहारी सेल के पहले सप्ताह के दौरान यूनिकॉमर्स के प्रमुख प्लेटफॉर्म यूनीवेयर द्वारा प्रोसेस किए गए 4 करोड़ से अधिक लेनदेन पर आधारित है।
इस अवधि के दौरान समग्र वृद्धि को बढ़ाने वाली प्रमुख श्रेणियों में एफएमसीजी उत्पाद शामिल थे, जिनमें हेल्दी फूड्स सबसे आगे थे, इसके बाद सौंदर्य और वेलनेस, हेल्थ एवं फार्मा जिसमें न्यूट्रास्यूटिकल्स और सप्लीमेंट्स की अच्छी मांग देखी गई, साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स सामान भी इसमें शामिल रहे जो होम अप्लायंसेज और घर की सजावट से जुड़े सामानों की बढ़ी हुई बिक्री से प्रेरित थे।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि बिक्री माध्यमों के एकीकरण के कारण, ब्रांड वेबसाइट के कारोबार में भी 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो मुख्य रूप से ब्यूटी और वेलनेस सेगमेंट के कारण थी जिसमें मेकअप, पर्सनल केयर, और हाइजीन उत्पाद शामिल हैं। फैशन श्रेणी में मुख्य रूप से परिधान और आभूषण शामिल हैं जिन्होंने मजबूत वृद्धि दर्ज की।
भौगोलिक संदर्भ में भी देखा जाए तो मझोले और छोटे शहरों की ऑर्डर की संख्या में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रही जो पहले त्योहारी सप्ताह के दौरान कुल त्योहारी बिक्री का सामूहिक रूप से लगभग 58 प्रतिशत था। विश्लेषण के अनुसार, महानगरों और बड़े शहरों में ऑर्डर की संख्या में 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, वहीं मझोले शहरों और छोटे शहरों में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मझोले शहरों और छोटे शहरों से ऑर्डर की संख्या में लगातार वृद्धि वास्तव में संकेत देती है कि त्योहारों के मौसम में मांग को बढ़ाने में इन शहरों की अहमियत बढ़ रही है।