यहां रेशमीबाग मैदान में दशहरा के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, देश की आर्थिक स्थिति का आम लोगों के जीवन पर सीधा और प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है.... और अभी बढती कीमतों के कारण आम लोगों पर भार काफी बढ़ गया है।
सरकार की लोकलुभावन योजनाओं का उल्लेख किये बिना सरसंघचालक ने कहा, राजकोषीय घाटा, चालू खाते का घाटा और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण अर्थव्यवस्था का विकास रूक गया है, इसके साथ ही जीडीपी की तुलना में विदेशी कर्ज में तीव्र वृद्धि से स्पष्ट संकेत मिलता है कि हमारी आर्थिक नीतियां गलत हैं।
भागवत ने कहा, यह चिंता का विषय है कि हमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में रूपये के मूल्य में आ रही गिरावट को रोकने की जरूरत पड़ रही है।
जारी भाषा दीपक