तीस्ता सीतलवाद ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में बाधा पैदा करने वाले असामाजिक तत्वों पर अंकुश लगाना सबसे बडी चुनौती है, ऐसे तत्वों को चुनावी प्रक्रिया से दूर रखने और चुनाव लडने पर रोक लगाने जैसे मुददे पर विचार कर निर्णय लेना चाहिए।
उन्हंोने मीडिया के बदल रहे नजरिये की चर्चा करते हुए कहा कि शिवसेना के बालासाहब ठाकरे के निधन पर सोशलसाइट पर टिप्पणी करने और उसे पसंद करने वाले मुददे को मीडिया ने जोरशोर से उठाया लेकिन गुजरात के सुन्दरनगर में गोलीबारी मेंंं ग्यारह लोगों की मौत पर मीडिया ने पूरी तरह अनदेखी की।
तीस्ता ने कहा कि मीडिया को मानवाधिकार समेत अन्य मुददों पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए जिसकी वर्तमान में अनदेखी की जा रही है। उन्होने शिक्षा के अधिकार कानून की कमियों की चर्चा करते हुए कहा कि जब तक खामियों को दूर नहीं किया जाएगा इस कानून का पूरा लाभ मिल पाना संदिग्ध है।
भाषा अनिल कवीन्द्र