India in Paris Olympics: आगामी पेरिस ओलंपिक में भारत के मेडल की संख्या बढ़ाने के लिए, केंद्र सरकार ने खेलों की तैयारी पर रिकॉर्ड 470 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यह रकम 16 खेलों में भारत की तैयारियों पर खर्च की गई है। यह मल्टी-स्पोर्ट प्रतियोगिता 26 जुलाई से 11 अगस्त तक फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित की जाएगी।
टोक्यो ओलंपिक में, भारत ने कुल मिलाकर सात मेडल जीते थे, जो ओलंपिक के सिंगल एडिशन में अब तक का उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने टोक्यो में जो शानदार प्रदर्शन किया और गोल्ड मेडल जीता। यह अभिनव बिंद्रा के बाद किसी भारतीय द्वारा जीता गया दूसरा व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड मेडल था।
इस जीत ने भारत में एथलेटिक्स के लिए और अधिक फंड मिलने का रास्ता खोल दिया। खेल प्राधिकरण की मिशन ओलंपिक समिति के आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने एथलेटिक्स पर 96.08 करोड़ रुपये खर्च किए। यह किसी भी खेल के लिए दिया गया सबसे ज्यादा फंड है।
पिछले ओलंपिक की तैयारी के लिए एथलेटिक्स को सिर्फ 5.38 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन इस बार नीरज चोपड़ा की जीत के बाद इस खेल पर करीब 18 गुना ज्यादा यानी 96 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। इस तरह से कुल मिलाकर एथलेटिक्स को बजट में 1685% की बढ़ोतरी मिली
नेरज चोपड़ा 28 खिलाड़ियों की एथलेटिक्स टीम की अगुवाई करेंगे जो पैरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस बार भारत कुल 118 खिलाड़ियों को ओलंपिक भेज रहा है।
किस खेल को सबसे ज्यादा फंड मिला?
एथलेटिक्स के बाद बैडमिंटन को दूसरा सबसे ज्यादा फंड मिला, जो 72.02 करोड़ रुपये है। इसके बाद तीसरे स्थान पर बॉक्सिंग (60.93 करोड़ रुपये) और चौथे स्थान पर शूटिंग (60.42 करोड़ रुपये) को फंड दिया गया है।
पिछले ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली हॉकी टीम को इस बार केंद्र सरकार ने 41.29 करोड़ रुपये दिए हैं। वहीं तीरंदाजी को 39.18 करोड़ रुपये मिले हैं। कुश्ती को 37.80 करोड़ रुपये और वेटलिफ्टिंग को 26.98 करोड़ रुपये मिले। अन्य खेलों जैसे टेनिस, गोल्फ, सेलिंग, रोइंग और तैराकी को 4 करोड़ रुपये से कम का बजट मिला है। घुड़सवारी को सबसे कम फंड मिला, जो लगभग 95 लाख रुपये है।