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Modi Surname Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर लगाई रोक

पिछले हफ्ते SC में दायर एक हलफनामे में, राहुल गांधी ने अपनी Modi Surname वाली टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया था

Last Updated- August 04, 2023 | 2:05 PM IST
Congress leader Rahul Gandhi

Modi surname case: सुप्रीम कोर्ट ने आज ‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी से संबंधित मानहानि मामले में गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की । सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले में विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि जब तक अपील लंबित है, तब तक सजा पर रोक रहेगी।

मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस गवई जे ने कहा कि ट्रायल जज द्वारा अधिकतम सजा देने के लिए कोई कारण नहीं बताया गया है इसलिए सजा के आदेश पर अंतिम फैसला आने तक रोक लगाने की जरूरत है…

जस्टिस गवई जे ने कहा कि प्रभाव व्यापक हैं। इससे न केवल याचिकाकर्ताओं का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन मतदाताओं का भी अधिकार प्रभावित हुआ जिन्होंने उन्हें चुना है।

उन्होंने कहा ‘हो सकता है कि अगर ये टिप्पणियां याचिकाकर्ता द्वारा ये बातें (मोदी सरनेम) कहने से पहले आतीं, तो वह ऐसी टिप्पणियां करने से पहले अधिक सावधान रहता, जो कथित रूप से मानहानि हैं…। जस्टिस गवई ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जो बातें अच्छी नहीं लगतीं, सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की अपेक्षा की जाती है। जैसा कि इस अदालत ने अवमानना ​​याचिका में उनके हलफनामे को स्वीकार करते हुए कहा, उन्हें अधिक सावधान रहना चाहिए था…।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में राहुल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में 21 जुलाई को राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार से जवाब मांगा था।

15 जुलाई को दायर अपनी अपील में, गांधी ने कहा कि अगर 7 जुलाई के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो इससे बोलने, अभिव्यक्ति, विचार और बयान की स्वतंत्रता का गला घोंट दिया जाएगा। यानी उन्होंने संविधान के मूलभूत अधिकार की धारा 19 के तहत अपने स्वत्त्रता की मांग की।

हालांकि, 7 जुलाई को गुजरात हाईकोर्ट ने उन्हें कोई राहत नहीं दी और मामले में गांधी की दोषसिद्धि को बरकरार रखा यानी उनपर लगे आरोप को खारिज न करते हुए बरकरार रखा था।

कांग्रेस नेता को 24 मार्च को संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था जब गुजरात की एक अदालत ने उन्हें मोदी उपनाम के बारे में की गई टिप्पणियों के लिए आपराधिक मानहानि (criminal defamation) के आरोप में दोषी ठहराया और दो साल की कैद की सजा सुनाई थी। गांधी को लोकसभा सीट गंवानी पड़ी थी। वह उस समय केरल के वायनाड जिले से सांसद थे।

जुलाई में गांधी की सजा पर रोक से लोकसभा सांसद के रूप में उनकी बहाली हो सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्हें सेशन कोर्ट या गुजरात हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त तय की थी। जिसके तहत, आज सुनवाई हुई।

क्या है राहुल गांधी का मोदी सरनेम वाला मामला?

मामला है साल 2019 का आज 4 साल से ज्यादा हो गए। कर्नाटक के कोलार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक चुनावी रैली में भाषण दे रहे थे और उनके निशाने पर आ गए मोदी। रैली में गांधी ने कहा, “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी…इन सभी का उपनाम मोदी कैसे है? सभी चोरों का उपनाम मोदी कैसे है?”

गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी को यह बात रास नहीं आई और वह पहुंच गए एक सेशन कोरेट में। पूर्णेश मोदी राहुल गांधी द्वारा की गई एक टिप्पणी पर 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था।

ये मामले भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499, 500 और 504 के तहत दर्ज किए गए थे। धारा 500 में मानहानि के लिए साधारण कारावास का प्रावधान है। सजा मिलने पर दो साल तक की जेल, या जुर्माना, या दोनों हो सकता है।

मार्च में, गांधी को गुजरात की एक जिला अदालत ने दोषी ठहराया और दो साल की जेल की सजा सुना दी।

सजा मिलने के बाद राहुल गांधी को लेकसभा की भी सीट गंवानी पड़ी। हालांकि अगर उनकी सजा एक भी दिन दो साल से कम होती तो उन्हें अपनी सीट नहीं गंवानी पड़ती और वे सांसद बने रहते।

राहुल गांधी ने कहा- मैं दोषी नहीं, लोकसभा में भाग लेने की मांगी अनुमति

पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में, गांधी ने अपनी मोदी उपनाम वाली टिप्पणी के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया, लेकिन अदालत से उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का आग्रह किया। उन्होंने दावा किया कि वह दोषी नहीं हैं और उन्हें मौजूदा लोकसभा में चल रहे मॉनसून सेशन में भाग लेने की अनुमति दी जाए।

गांधी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जवाब में उनके लिए “अहंकारी” जैसे “अपमानजनक” शब्दों का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए किया क्योंकि उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया है।

उन्होंने कोर्ट से कहा, “बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए याचिकाकर्ता को बांह मरोड़ने के लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representation of People Act ) के तहत आपराधिक प्रक्रिया और परिणामों का उपयोग करना न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है और इस अदालत द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।”

केरल के वायनाड से सांसद के रूप में अयोग्य ठहराए गए राहुल गांधी ने कहा कि उनके पास एक “असाधारण” मामला है, क्योंकि अपराध “मामूली” था और एक विधायक के रूप में अयोग्य ठहराए जाने से उन्हें जितना नुसान हुआ है उसकी भरपाई नहीं की जा सकती।

उन्होंने यह भी दावा किया कि रिकॉर्ड में “मोदी” नाम का कोई समुदाय या “समाज” नहीं है, और इसलिए, पूरी तरह से मोदी समुदाय को बदनाम करने का अपराध नहीं बनता है।

सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा था पूर्णेश मोदी ने?

राहुल गंधी के मोदी सरनेम वाले बयान पर शिकायतकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के हलफनामा सौंपते हुए कहा था कि राहुल गांधी का व्यवहार हठी जैसा है और वे किसी भी तरह की राहत के हकदार नहीं हैं।

उन्होंने कहा- ‘गांधी क्षमा मांगने के बजाय अपने बयान पर अड़े रहे और उनका बयान एक विशेष समुदाय को आहत करता है और कानून को भी चोट पहुंचाता है।’

First Published - August 4, 2023 | 1:49 PM IST

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