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सहारा की फर्म ने संपत्ति बेचने की मंजूरी के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

इस याचिका पर संभवतः 14 अक्टूबर को सुनवाई होगी

Last Updated- September 29, 2025 | 11:11 PM IST
Supreme Court
प्रतीकात्मक तस्वीर

सहारा इंडिया कमर्शियल कॉरपोरेशन (एसआईसीसीएल) ने महाराष्ट्र में एम्बी वैली और लखनऊ में सहारा शहर समेत विभिन्न संपत्तियों को अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेचने की अनुमति के लिए उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। इस याचिका पर संभवतः 14 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

अधिवक्ता गौतम अवस्थी के जरिये दायर याचिका में ‘सहारा समूह से संबंधित विभिन्न संपत्तियों को अदाणी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को 6 सितंबर 2025 की ‘टर्म शीट’ में निर्धारित नियमों एवं शर्तों पर बेचने के लिए’ अनुमति मांगी गई है। सहारा समूह से संबंधित लंबित मामलों में दायर अंतरिम आवेदन में कहा गया कि इस न्यायालय द्वारा समय-समय पर पारित विभिन्न आदेशों के अनुसरण में तथा विभिन्न आदेशों के जरिये इस न्यायालय की अनुमति प्राप्त करने के बाद एसआईसीसीएल और सहारा समूह बड़ी कठिनाई से अपनी कुछ चल एवं अचल संपत्तियों को बेचने में सक्षम हुए हैं।

इससे हासिल राशि को बाजार नियामक सेबी-सहारा ‘रिफंड’ खाते में जमा कर दिया गया। इसमें कहा गया कि ‘कुल 24,030 करोड़ रुपये की मूल राशि में से, सहारा समूह ने अपनी चल एवं अचल संपत्तियों की बिक्री/परिसमापन के माध्यम से लगभग 16,000 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की है और उसे सेबी-सहारा ‘रिफंड’ खाते में जमा कर दिया है।’

प्रतिष्ठित ब्रोकरेज कंपनियों की सेवाएं लेने के बावजूद सहारा समूह की संपत्तियों को बेचने में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की असमर्थता की ओर इशारा करते हुए एसआईसीसीएल ने कहा कि सेबी-सहारा ‘रिफंड’ खाते में जमा की गई पूरी धनराशि आवेदक एवं सहारा समूह के प्रयासों से और बड़ी मुश्किल से जमा की गई थी। एसआईसीसीएल ने कहा कि नवंबर 2023 में सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का निधन होने के बाद समूह ने अपना एकमात्र निर्णयकर्ता खो दिया है जो अब तक समूह की ओर से सभी निर्णय ले रहा था।

इसमें कहा गया, ‘दिवंगत सुब्रत रॉय के परिवार के सदस्य सहारा समूह के दैनिक व्यावसायिक संचालन एवं प्रबंधन में शामिल नहीं थे। हालांकि, निवेशकों के हितों की रक्षा हेतु परिवार के सदस्यों की इच्छा को ध्यान में रखते हुए सहारा समूह ने निर्णय लिया है कि उसकी संपत्तियों को अधिकतम मूल्य पर और शीघ्रता से बेचा जाए ताकि इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का पालन किया जा सके, सहारा समूह के दायित्वों का निर्वहन किया जा सके और वर्तमान अवमानना कार्यवाही को समाप्त किया जा सके।’

First Published - September 29, 2025 | 11:10 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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