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In Parliament: पीएम, सीएम, मंत्रियों को पद से हटाने संबंधी विधेयक संसद में पेश, विपक्ष का जोरदार हंगामा

PM CM removal bill: विधेयक में गंभीर आपराधिक आरोपों में लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहने पर पीएम, केंद्रीय मंत्री, सीएम, राज्य के मंत्री को हटाने का प्रावधान है। 

Last Updated- August 20, 2025 | 5:03 PM IST
All three bills brought back in place of criminal laws, new ones introduced

केंद्र सरकार द्वारा देश के संवैधानिक ढांचे में बड़ा बदलाव लाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन प्रमुख विधेयक पेश किए। इन विधेयकों के पेश किए जाने पर विपक्षी दलों ने जोरदार हंगामा किया और लोकसभा को 3 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। 

पेश किए गए तीन विधेयक:

  1. संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025 
  2. केंद्रशासित प्रदेश शासन (संशोधन) विधेयक, 2025
  3. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025

विधेयकों के विरोध में, विपक्षी सांसदों ने संसद में जोरदार नारेबाजी की, और पेश किए गए विधेयकों की प्रतियां फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंकीं, जिसके बाद सदन को स्थगित करना पड़ा। विपक्ष ने इन विधेयकों को लोकतंत्र के खिलाफ बताया और सरकार पर “तानाशाही” रवैया अपनाने का आरोप लगाया।

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इन विधेयकों का विरोध करते हुए कहा, “मैं जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025, केंद्रशासित प्रदेश शासन (संशोधन) विधेयक 2025 और संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक 2025 के पेश किए जाने का विरोध करता हूं। यह सत्ता के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करता है और सरकार चुनने के अधिकार को कमजोर करता है।”

ओवैसी ने आगे कहा कि ये विधेयक कार्यकारी एजेंसियों को “जज और जल्लाद” बनने की खुली छूट देते हैं, और यह देश को एक “पुलिस राज्य” में बदलने की कोशिश है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह कदम सरकारों की हत्या साबित होगा।

संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 के अनुसार, यदि कोई प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री या राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के मंत्री गंभीर आपराधिक आरोपों में लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहते हैं, तो 31वें दिन उन्हें पद से हटा दिया जाएगा।

विधेयक के अनुसार, “संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो किसी मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों के चलते हिरासत में होने पर पद से हटाए। ऐसे में अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन की आवश्यकता है।” इसका मकसद भ्रष्टाचार या गंभीर आपराधिक मामलों में लिप्त नेताओं को संवैधानिक रूप से पद से हटाना है।

केंद्रशासित प्रदेशों से जुड़े अन्य दो विधेयक क्या कहते हैं?

  • केंद्रशासित प्रदेश शासन (संशोधन) विधेयक, 2025 
  • जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025

इन दोनों विधेयकों में पुडुचेरी, जम्मू और कश्मीर जैसे केंद्रशासित प्रदेशों में मुख्यमंत्री और मंत्रियों को हटाने की प्रक्रिया को परिभाषित किया गया है।

जहां सरकार इन विधेयकों को लोकतंत्र की स्वच्छता बनाए रखने वाला कदम बता रही है, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक बदले की भावना और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बता रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विधेयक न केवल सरकार और विपक्ष के बीच टकराव को बढ़ाएंगे, बल्कि केंद्र और राज्यों के बीच शक्ति संतुलन पर भी बड़ा असर डाल सकते हैं। अब इन विधेयकों पर संसद में विस्तार से चर्चा होगी। विपक्ष ने इन विधेयकों को संसदीय समिति को भेजने की मांग की है, जबकि सरकार इन्हें इसी सत्र में पारित कराना चाहती है।

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First Published - August 20, 2025 | 4:19 PM IST

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