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ऐलान में नहीं चूके चव्हाण

Last Updated- December 10, 2022 | 6:42 PM IST

लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही महाराष्ट्र सरकार वर्षों से लटके फैसलों में तेजी दिखाने लगी है।
लगभग हर तबके के मतदाताओं को रिझाने के लिए सरकार ने नई योजनाओं और वादों की झडी लगानी शुरू कर दी है।
दूसरी तरफ विपक्षी शिवसेना-भाजपा सरकारी फैसलों को चुनावी घोषणा करार तो देती है लेकिन देश की सबसे बड़ी महानगर पालिका के माध्यम से वह भी जनता को रिझाने के लिए कुछ नए काम करके दिखाना चाहती है।
मराठवाडा और विदर्भ में मुफ्त बिजली देने की सीमा 31 मार्च 2012 से बढ़कर 2014 तक कर दी गई है। इन इलाकों में किसानों की आत्महत्या और भुखमरी की सबसे ज्यादा घटनाएं हुईं।
सरकार ने पंढरपुर तीर्थक्षेत्र के विकास के लिए अलग से प्राधिकरण बनाने की घोषणा, फेरीवालों को लाइसेंस लेने से छूट, धार्मिक स्थलों के विकास के लिए नई योजनाएं, नई एवं पुरानी इमारतों की लुभावनी योजनाओं को मंजूरी और अल्पसंख्यकों की शिक्षा के लिए अतिरिक्त धन की व्यवस्था की है लेकिन कुछ विवादित योजनाओं में चुप्पी साध ली है।
नवी मुंबई में रिलांयस के सेज विकास के लिए 22 गांवों में रजामंदी के लिए कराए गए मतदान पर कोई फैसला न देकर सरकार चुनाव के समय कोई नया मुद्दा विपक्ष को देना नहीं चाहती है। लोकसभा में मतदाताओं को रिझाने के लिए सरकार ने सबसे पहले मुंबई में अपना भी हो एक घर के सपने को साकार करने का वादा किया है।
हाल ही में म्हाडा के लगभग 3,500 फ्लैटों के लिए लगभग आठ लाख आवेदन फार्मों की बिक्री को देखते हुए सरकार ने ऐसे 14 हजार और फ्लैट तैयार करने का वादा लोगों से किया है। म्हाडा की पुरानी बिल्डिंगों के निर्माण के लिए सरकारी और निजी भागीदारी को भी मंजूरी दे दी गई है।
म्हाडा के सस्ते मकानों के अलावा अल्पसंख्यक छात्रों की पढ़ाई के लिए सरकार ने 111 करोड़ रुपये की शिक्षण योजना शुरु करने की भी घोषणा की है। इसके अलावा तबेला की जगहों को अतिरिक्त चटाई क्षेत्र दिया जाने की घोषणा मंत्रिमंडल की बैठक में की गई है। तबेलों की खाली जगह को कॉमर्शियल इस्तेमाल की अनुमति दी जाएगी।
धार्मिक स्थलों के लिए भी अतिरिक्त 50 फीसदी एफएसआई की मंजूरी दी गई। इसकेअलावा सरकार फेरीवालों को खुश करने के लिए उनको लाइसेंस लेने केझंझट से छुटकारा देकर साधारण पंजीकरण करने की घोषणा कर दी है।
डॉक्टरों और अस्पतालों पर हमले रोकने के लिए सरकार ने हमलावरों को 3 वर्ष की सजा या 50 हजार रपये तक जुर्माने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, तो मरीजों की शिकायत सुनने के लिए अलग से प्राधिकरण बनाने को मंजूरी दी गई है। मुंबई की जर्जर इमारतों, उपकर वाली इमारतों और म्हाडा की पुरानी इमारतों की जगह नई इमारतें बनाने के प्रस्ताव को सरकार ने मंजूरी दे दी है।
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की बैठक में दक्षिण मुंबई की जर्जर इमारतों के लिए क्लस्टर डेवलपमेंट की प्रणाली को मंजूरी मिल गई, जबकि यह मामला पिछले कई सालों से विचाराधीन था। इस योजना के तहत कदम उठाने वाली इमारतों के मकान मालिक को कम से कम 300 वर्ग फुट का फ्लैट दिया जाएगा, जबकि इसके पहले मकान मालिक को न्यूनतम 225 वर्ग फुट का फ्लैट दिया जाना था। इसके अलावा सरकार ने भवन निर्माताओं को भी छूट दी है।
मराठवाड़ा, विदर्भ पर नजरें इनायत
नवी मुंबई सेज पर साधी चुप्पी
दिखाया है अपने घर का सपना
वादे करने में विपक्षी पार्टी भी नहीं पीछे

First Published - March 3, 2009 | 2:32 PM IST

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