इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के शुरू होने से पहले लोगों के मन में शक था कि बीसीसीआई का यह प्रयोग कामयाब हो पाएगा या नहीं।
खैर, शक की इसी धुंध के बीच इस प्रतियोगिता की शुरुआत हुई। फिर तो जैसे इतिहास ही रच गया। अब तक इस लीग में ऐसे कई मैच हो चुके, जिनका फैसला आखिरी ओवर में निकला है। साथ ही, दर्शक एक बार हल्की लाठी चार्ज का स्वाद भी चख चुके हैं और कई क्रिकेट धुरधंर बल्ले और गेंद से अपना जौहर दिखा चुके हैं।
आजकल तो भज्जी-श्रीसंत का ‘चांटा’ विवाद भी पूरे शबाब पर चल रहा है। जब शाहरुख खान कोलकाता के इडेन गार्डेन्स में मैच देखने आए थे, उस वक्त तो लोग-बाग स्टेडियम की तरफ टूट पड़े थे। स्टेडियम में छोटे-छोटे कपड़ों में मौजूद चियरलीडर्स कई दफे बदतमीजी की शिकायत कर चुकी हैं। दूसरी तरफ, इतिहासकार रामचंद्रन गुहा समेत कई लोग-बाग तो इन चियरलीडर्स के खिलाफ ही मोर्चा खोल चुके हैं।
वजह कुछ भी हो, बीसीसीआई की आईपीएल इन दिनों लगातार चर्चा में है। यह आज की तारीख में बस नाम के लिए एक क्रिकेट टूर्नामेंट बनकर रह गया है। स्वाभाविक तौर पर पारंपरिक क्रिकेट के शौकिन इससे दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन फिर भी शौकीन की नई भीड़ स्टेडियम में जगह बनाती जा रही है। इस वजह से दर्शकों की तादाद आसमान छूती जा रही है।
भीड़ में आप किस टीम की तरफ हैं, इससे बेपरवाह कंपनियों के लिए यह टूर्नामेंट टारगेट ऑडियंस तक पहुंचने और नए कंज्यूमरों को तलाशने के लिए सबसे बढ़िया रास्ते के रूप में उभारा है। इसी वजह से विज्ञापनदाता कंपनियां को अपनी रणनीति पर फिर से सोचने को मजबूर हो गई हैं। कुछ तो साल के बीच में पूरी रणनीति को बदलने के बारे में भी सोच रही हैं।
हिट या मिस?
सोनी का इस टूर्नामेंट पर किया गया भरोसा, रंग दिखाता नजर आ रहा है। टैम मीडिया रिसर्च की मानें तो शाहरुख खान की टीम ‘कोलकाता नाइट राइडर्स’ और विजय माल्या की टीम ‘बैंगलोर चैलेंजर्स’ के बीच हुए पहले मैच में सेट मैक्स की व्यूअरशिप रेटिंग पांच मेट्रो शहरों और हैदराबाद में 8.21 हो गई थी।
19 अप्रैल को हुए दो मैचों की रेटिंग 4.97 और 5.58 रही। मुंबई और दिल्ली के उच्च तबके के बीच तो रेटिंग तो और भी ज्यादा थी। इन अमीरों के बीच पहले तीनों मैच की रेटिंग 9.82, 4.91 और 5.96 रही। टैम के ताजा रिपोर्ट की मानें तो देश भर में पहले तीनों मैचों की रेटिंग 7.2, 4.5 और 5 के लेवल पर रही।
आलोचकों का तो कहना है कि ‘कौन बनेगा करोड़पति’ और ‘इंडियन आइडल’ की तुलना में यह रेटिंग नहीं टिकती। लेकिन अगर ठंडे दिमाग से सोचें तो यह रेटिंग काफी पुरानी बात हो चुकी है और इन प्रोग्राम्स के बाद से बुध्दु बक्से की दुनिया काफी बदल चुकी है। 2007 में सुपरहिट सीरियल्स और कार्यक्रमों की रेटिंग्स केवल पांच के आंकड़े के इर्द-गिर्द घूमती रही।
पिछले साल केवल ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप और कुछेक रियलिटी शो के फाइनल्स ही इस बात के अपवादों में जगह बना पाए। इस बात का सबूत है, टैम का टॉप 10। दरअसल, आईपीएल ऐसे समय आया जब टीवी सीरियल्स के दर्शकों की संख्या दिनोंदिन गिरती जा रही थी।
टैम के प्रमुख एल.वी. कृष्णन का कहना है कि,’एक करोड़ 80 लाख लोगों ने आईपीएल के पहले तीन मैचों को देखा। दूसरी तरफ, आईसीसी के ट्वंटी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम के पहले तीन मैचों को दो करोड़ लोगों ने देखा था। इसे बेहतरीन शुरुआत ही कहेंगे।’ हंसा रिसर्च ने हाल में स्टारकॉम इंडिया के लिए छह शहरों में 1500 लोगों के बीच एक सर्वे किया था। इस सर्वे में यह पता चला था कि देश के 10 में से 9 शख्स भारतीय सीरियल्स में बदलाव देखना चाहता है।
ग्लोबलस्पोर्ट इंडिया के सीईओ अनिर्बान दास बलाह का कहना है कि, ‘पूरे देश की बात करें, तो उच्च तबके के नौजवानों तक पहुंचने के लिए आईपीएल एक अच्छा प्लेटफॉर्म है।’
सेट मैक्स की ऑनएयर प्रेजिंटिंग पार्टनर वोडाफोन आईपीएल से मिल रहे रिस्पॉन्स से काफी खुश है। वोडाफोन के डाइरेक्टर (मार्केटिंग एंड न्यू बिजनेस) हरित नागपाल का कहना है कि, ‘हमें जो रिस्पॉन्स मिल रहा है, उससे हम काफी खुश हैं। आईपीएल ने हमें जल्द से जल्द, ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने का मौका दिया है।
इतने ही लोगों तक पहुंचने में हमें काफी टाइम लग जाता।’ वैसे, विश्लेषकों को लगता है कि सात हफ्तों तक चलने वाले इस टूर्नामेंट की रेटिंग कामकाजी दिनों में कम हो जाएगी। वैसे, उन्होंने इसकी भी पूरी उम्मीद जताई है, अपने अंतिम दिनों में आईपीएल को खूब दर्शक मिलेंगे।
फील्डिंग में बदलाव
आईपीएल को चार दिनों की चांदनी कहना बेवकूफी होगी। ज्यादातर विश्लेषकों को लगता है कि ब्रांडों को अब उन तरीकों को ढूंढ़ना होगा, जिससे वे अपनी लोकप्रियता में आए इस उफान को बरकरार रख सकें। ट्वंटी-20 क्रिकेट की इस कामयाबी को देखकर तो यही लगता है कि वन डे और टेस्ट क्रिकेट की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
हाल ही में मीडिया एजेंसी माइंडशेयर ने पांच मेट्रो शहरों के 2100 लोगों के बीच एक सर्वे किया था। इस सर्वे में 76 फीसदी लोगों ने ट्वंटी-20 को अपना मनपसंद क्रिकेट फॉर्मेट बताया था, जबकि केवल 22 और दो प्रतिशत लोगों ने ही वन डे और टेस्ट क्रिकेट के पक्ष में वोट दिया था।
बलाह का कहना है कि, ‘आईपीएल ने ट्वंटी-20 को बड़े स्तर पर लोगों तक पहुंचा दिया। यह क्रिकेट का भविष्य नहीं, बल्कि उसका वर्तमान बन चुका है। वन डे क्रिकेट के दिन पूरे होते जा रहे हैं और आईपीएल इस प्रक्रिया को तेज ही करेगा।’
स्पैशियल एक्सेस मीडिया सॉल्यूशंस के संस्थापक और मैनेजिंग पार्टनर मीनाक्षी माधवानी का कहना है, ‘दर्शकों के लिए इस बात की कोई अहमियत नहीं है कि आईसीसी इस पर अपनी स्वीकारती देती है या नहीं। वे तो बस दुनिया भर के बेहतरीन खिलाड़ियों को एक मंच पर देखने के लिए खींचे चले आ रहे हैं। इस हिसाब से यह काफी चोखा धंधा साबित होगा।’ ब्रांड फाइनैंस के कंट्री मैनेजर उन्नी कृष्णन की मानें तो आईपीएल को अभी लंबा रास्ता तय करना है।
उन्होंने कहा कि, ‘यह भारत का दुनिया भर के 103 अरब डॉलर (4,01,700 करोड़ रुपये) के स्पोट्र्स बाजार में पहला कदम होगा। साथ ही, यही मौका है ब्रांडों के लिए लंबे समय के लिए टीमों के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करने का। कल को ये टीमें बड़े ब्रांड बन जाएंगी, जिनके पीछे लोगों की भारी भीड़ चला करेगी।’
उनकी इस सोच के साथ बड़े ब्रांड भी इत्तेफाक रखते हैं। मिसाल के तौर पर मुल्क की सबसे बड़ी रियल एस्टेट डेवलपर डीएलएफ को ही ले लीजिए. जिसने टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए 400 करोड़ रुपये की मोटी-ताजी रकम चुकाई है।
जबर्दस्त है रन रेट
आईपीएल ने अभी से ही कंपनियों के मार्केटिंग बचट का इतना बड़ा हिस्सा हड़प लिया है कि उन कंपनियों को अपना मार्केटिंग बजट बढ़ाने के वास्ते मजबूर होना पड़ा है। आंकड़ों की मानें तो लीग अब तक विज्ञापनों पर होने वाले कुछ खर्च में से 300 करोड़ रुपये को अपनी झोली में डाल चुका है।
वैसे, लीग के शुरू होने से पहले कंपनियों को समझ में नहीं आ रहा था कि वे आईपीएल की ओर जाएं या फिर स्टार प्लस के ‘क्या आप पांचवीं पास से तेज हैं?’ की तरफ। ‘पांचवी पास’ के होस्ट सुपरस्टार शाहरुख खान हैं।
वोडाफोन ने आईपीएल की तरफ जाने का फैसला किया, जबकि उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी एयरटेल ने स्टार के इस शो के साथ। भारती के निदेशक (मार्केटिंग और कम्युनिकेशन), गोपाल विट्टल ने बताया कि, ‘एक ब्रांड के तौर पर हम हर तरह की मौजूद अवसरों के बारे में सोचते हैं। आईपीएल भी ऐसा ही एक मौका था। लेकिन हर ब्रांड को मौकों के बीच किसी खास मौके का चुनाव करना पड़ता है।’
जब सोनी को आईपीएल के लिए प्रायोजकों की तलाश थी, तो वह ऐसे प्रेजेंटिंग स्पान्सर को ढूंढ़ रही थी जो 25-30 करोड़ रुपये देने के लिए तैयार हो। वहीं, असोसिएट स्पॉन्सर के लिए उसे 18-22 करोड़ रुपये तक चुकाने की कुव्वत रखने वाली किसी कंपनी की तलाश थी।
दूसरी तरफ, स्टार प्लस को स्पॉन्सर्स से 8-10 करोड़ रुपये की दरकार थी। रेटिंग्स के जारी होने से पहले सोनी मैच के दौरान 10 सेकंड के स्पॉट के लिए 2.5-3 लाख रुपये मांगती थी। अब तो वह उसी स्पॉट के लिए 3.5-4 लाख रुपये मांग रही है।
नई गेंद
जैसे क्रिकेट में नई गेंद के साथ रोमांच आ जाता है, उसी तरह आईपीएल भी क्रिकेट दर्शकों के बीच एक ताजा हवा के झोंके की तरह आया। इसने उतनी महिला दर्शकों को अपने साथ जोड़ा है, जिसके बारे में आम क्रिकेट सोच भी नहीं सकता।
आईपीएल के पहले दो दिन दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद और बेंगलुरु की करीब 82 लाख औरतों ने इसे देखा। टैम की मानें तो पहले दो दिनों को देखने वालों में से 36 फीसदी महिलाएं थीं। इन छह शहरों में पहले दो दिन महिलाओं के बीच इसकी रेटिंग 4.89 रही।
‘दर्शक तो बस दुनिया भर के बेहतरीन खिलाड़ियों को एक मंच पर देखने के लिए खिंचे चले आ रहे हैं। इस हिसाबसे यह काफी चोखा धंधा साबित होगा।’
मीनाक्षी माधवानी
मैनेजिंग पार्टनर, स्पैशियल एक्सेस मीडिया सॉल्यूशंस
‘यह भारत के लिए दुनिया भर के 103 अरब डॉलर (4,01,700 करोड़ रुपये) के स्पोट्र्स बाजार में पहला कदम होगा। यही मौका है ब्रांडों के लिए टीमों के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करने का।’
उन्नी कृष्णन
कंट्री मैनेजर, ब्रांड फाइनैंस
आईपीएल के सूरमा
आधिकारिक आईपीएल प्रायोजक
टाइटल स्पॉन्सर : डीएलएल, 400 करोड़ रु. में 5 साल के लिए
आधिकारिक प्रायोजक : हीरो-होंडा, 54 करोड़ रु. में 3 साल के लिए
ब्रेवरेज स्पॉन्सर : पेप्सीको इंडिया, 50 करोड़ में 5 साल के लिए
ट्रैवल स्पॉन्सर : किंगफिशर
टीवी स्पॉन्सर
प्रेजेंटिंग स्पॉन्सर : हुंडई व वोडाफोन, दोनों ने दिए 30-30 करोड़ रु.
असोसिएट स्पॉन्सर : गोदरेज, कोका-कोला और मैक्स न्यूयॉर्क। इन्होंने दिए 18-22 करोड़ रु.
टीम स्पॉन्सर
कोलकाता नाइट राइडर्स : रिबॉक, नोकिया, टी-सीरिज, टैग हुअर, बेलेमौंटे
मुंबई इंडियंस : मास्टरकार्ड, एडीडास, किंगफिशर
दिल्ली डेयरडेविल्स : हीरो-होंडा, रिबॉक, किंगफिशर