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जोमैटो: चीफ ऑफ स्टाफ पद के लिए आवेदन

कई अच्छे लोगों ने मुझे आपके चीफ ऑफ स्टाफ पद के लिए आवेदन न करने की सलाह दी है

Last Updated- December 03, 2024 | 9:47 PM IST
Zomato: Apply for the post of Chief of Staff जोमैटो: चीफ ऑफ स्टाफ पद के लिए आवेदन

प्रिय दीपी (दीपेंद्र गोयल),

मुझे पता है कि अब आप कोई आवेदन नहीं ले रहे हैं, फिर भी कोशिश करने में कोई हर्ज नहीं! लेकिन पहले मैं आपको एक सच बता दूं। कई अच्छे लोगों ने मुझे आपके चीफ ऑफ स्टाफ पद के लिए आवेदन न करने की सलाह दी है। उनका मानना है कि सफल उम्मीदवार से पहले साल में पैसे लेना सही नहीं है।

मेरे एक दोस्त ने अपना स्टार्टअप बेच दिया और वह सोशल मीडिया पर एक बेहद संवेदनशील विषय पर बात करते-करते एन्फ्लुएंसर बन गया। उसने महज 17 महीनों में इंस्टाग्राम पर दस लाख फॉलोअर जुटा लिए। उसका कहना है कि कुछ स्टंट यानी ‘तिकड़मबाजी’ करके लोगों का ध्यान आकर्षित (यानी अधिक फॉलोअर) किया जा सकता है। दुर्भाग्यवश, लगता है यह बात बहुत दूर तक पहुंच गई है, और कई मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अब समस्याओं को हल करने की बजाय, नए-नए स्टंट करने के तरीके ढूंढ़ रहे हैं।

हालांकि, मेरा दोस्त भी मानता है कि नौकरी वाला आपका पोस्ट एक अच्छा आइडिया था। 20 लाख रुपये में हम कई संभावनाएं तलाश सकते हैं जैसे आपके पास खूब सीखने को मिलेगा और आपको ऐसा अनुभव मिलेगा जो कोई भी बिजनेस स्कूल नहीं दे सकता है। आइए चंद सेकंड हम इस बात पर गौर करते हैं कि हमारे स्कूलों और कॉलेजों से लोग क्या सीखकर निकल रहे हैं। नौकरी देने वाली कंपनियों के लोग इन छात्रों की गुणवत्ता के स्तर को देखकर हैरान रह जाते हैं और वे छात्रों की इस भीड़ के लिए कई तरह के नाम दे देते हैं जिनमें से ‘अनएम्प्लॉयबल यानी नौकरी के लायक नहीं’ एक ऐसा शब्द है जिसे इस अखबार में लिखा जा सकता है। यहां कुछ छात्र अच्छे भी हैं लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है।

वर्ष 2023-24 की आर्थिक समीक्षा में एक उल्लेखनीय बात निकल कर आई कि कॉलेज से निकलने वाले हर दो स्नातकों में से एक नौकरी दिए जाने के लायक नहीं होता है। आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने भी वीर सांघवी को एक साक्षात्कार में बताया कि लगभग 1.9 करोड़ लोग रेलवे की 60,000 नौकरियों के लिए आवेदन करते हैं और पीएचडी करने वाले लोग भी चपरासी की नौकरी के लिए आवेदन करने पर मजबूर हैं। पिछले दिनों एक बिजनेस अखबार में खबर आई थी कि आईआईटी के छात्र एडटेक कंपनियों से जुड़ रहे हैं और कोचिंग सेंटर में शिक्षक बन रहे हैं। इस खबर में जो नहीं लिखा वह यह है कि जिन पेशेवरों को उद्योग में ढंग की नौकरी नहीं मिल पाई, वे ही मजबूरी में शिक्षक बन गए। ऐसे में वे कैसे लाखों छात्रों को इंजीनियरिंग कॉलेजों में जाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं?

खैर, जहां तक आपका सवाल है, आपका चीफ ऑफ स्टाफ बनकर बहुत कुछ सीखने की गुंजाइश बन सकती है। आखिरकार, आप ही वह शख्स हैं जिन्होंने अपने स्टार्टअप को यूनिकॉर्न के मुकाम तक पहुंचाया। इससे भी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि आपने ब्लिंकिट को तब खरीदा जब वह संकट से घिरी हुई थी और उसे मजबूरी में बेचा जा रहा था। अब यह आपकी कंपनी जोमैटो से भी आगे निकलती हुई दिख रही है। कोई व्यक्ति बिजनेस स्कूल जाकर इस महत्त्वपूर्ण बदलाव से जुड़ी केस स्टडी को पढ़ सकता है या अगर कोई आपका चीफ ऑफ स्टाफ बन जाए तब भी वह करीब से देख सकता है कि आप यह सब काम कैसे कर रहे हैं। ऐसे में यह बात निकलकर आती है कि इसके लिए आखिर कोई तंत्र क्यों न बनाया जाए? सिर्फ आप ही नहीं, शायद अन्य स्टार्टअप संस्थापक भी मिलकर कोई ऐसा प्रोग्राम तैयार कर सकते हैं जहां योग्य उम्मीदवारों को सफल संस्थापकों के साथ काम करने का मौका मिलेगा।

लेकिन, आपके सामने भी एक समस्या हो सकती है। आपने कहा कि आपको करीब 18,000 आवेदन मिले। आखिर ये कैसे आवेदन हैं? मुझे लगता है कि इनमें से कुछ आवेदक वास्तव में आप से सीखने के इच्छुक होंगे। कुछ आपके प्रशंसक भी हो सकते हैं। कुछ बेहद परेशान करने वाली नौकरियों में फंसे लोग हो सकते हैं। मुझे इस बात का भी डर है कि कुछ लोग ऐसे भी हो सकते हैं जो जीवन में कुछ हासिल न कर पाए हों लेकिन अब वे अपने माता-पिता को 20 लाख रुपये देने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हों।

सवाल यह है कि मैं कौन हूं? मैं आपके पोस्ट से निश्चित रूप से प्रभावित हुआ हूं। आपके अंदाज और आपके आत्मविश्वास का क्या ही कहना। आप वास्तव में किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं जो ‘सही काम करना चाहता हो, भले ही इसकी कीमत दूसरों को नाराज करके क्यों न चुकानी पड़े।’ मुझे ऐसा ही लग रहा है (और दूसरा हिस्सा स्वाभाविक रूप से जुड़ गया है।)

मुझे पूरा यकीन है कि आप कोई अजीब या अविश्वसनीय व्यक्ति नहीं हैं। जिस व्यक्ति ने ब्लिंकिट की तकदीर बदल दी वह अविश्वसनीय तो बिल्कुल नहीं हो सकता है। आप भी अपनी प्रतिष्ठा को दांव पर लगा रहे हैं। ऐसे में निश्चित रूप से आप यह सुनिश्चित करेंगे कि उस व्यक्ति का लगाया गया समय और पैसा व्यर्थ न जाए। मुझे यह भी लगता है कि आप निश्चित रूप से एक साहसिक वादा कर रहे हैं कि आपको ‘एक शीर्ष प्रबंधन संस्थान की दो साल की डिग्री की तुलना में 10 गुना अधिक सीखने को मिलेगा।‘

यह बात भी मुझे आकर्षित करती है कि मैं जो 20 लाख रुपये दूंगा, वह सीधे फीडिंग इंडिया के लिए दान राशि के तौर पर चला जाएगा और इसके बदले आप मेरी पसंद के किसी चैरिटी संस्थान को 50 लाख रुपये दान कर देंगे। इस तरह मैं अपनी आमदनी के स्तर को देखते हुए एक साल में ही इतना दान कर दूंगा, जितना दो जिंदगियों में कर पाता। इसके अलावा, अगर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस अपने वादे पर खरा उतरता है तब लोगों के काम की उत्पादकता में तेजी आएगी और सभी के पास काफी कुछ होगा, ऐसे में वेतन कम महत्त्वपूर्ण हो जाएगा। मुझे इस बात पर भी पूरा भरोसा है।

हालांकि, बस आश्वस्त होने के लिए मैंने अपने एक दूसरे दोस्त, कंवलदीप सिंह को फोन किया। मैंने उन्हें इसलिए फोन किया क्योंकि वे एक अधिकारी होने के साथ लीडरशिप कोच भी हैं और वह हमेशा मेरा फोन भी उठा लेते हैं। उन्होंने शुरुआत में आपके, मेरे और आदर्श स्थिति में एक मध्यस्थ के बीच गंभीरता से बातचीत की सलाह दी। उनके मुताबिक इस बातचीत के माध्यम से हमें मानवीय स्तर पर जुड़ना चाहिए। हमें एक-दूसरे को बताना चाहिए कि हमारी क्या उम्मीदें हैं। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या मैं सिर्फ आपका शेड्यूल बनाऊंगा और मीटिंग की तैयारी में आपकी मदद करूंगा? मुझे इसका अंदाजा कैसे मिलेगा कि आप क्या सोच रहे हैं? मुझे आपकी कंपनी का संपूर्ण तरीके से जायजा लेने का मौका मिलेगा? अगर मुझे तीन महीने बाद कोई संदेह होने लगे तब क्या होगा? साल के अंत में यह कैसे निर्धारित होगा कि यह काम हमारे लायक था या नहीं?

मुझे पता है कि आप मुझ पर विचार नहीं करेंगे। आप 200 शब्दों का एक पत्र चाहते थे लेकिन मैंने जो पत्र लिखा है वह लगभग 950 शब्दों का है। लेकिन कोई बात नहीं। आपके अपने इस प्रस्ताव से पीछे हटने को लेकर मुझे ज्यादा हैरानी नहीं हुई।

आपने समझाया कि 20 लाख रुपये महज एक ‘फिल्टर’ था और आप इनमें से अधिकांश आवेदनों को अस्वीकार कर देंगे जिनमें ‘पैसे के बारे में बात’ की गई है। आपने इस बात को साबित करने के लिए यह कहते हुए अपने डायरेक्ट मेसेज के स्क्रीनशॉट तक पोस्ट कर दिए कि पैसे लेना आपकी इस योजना का हिस्सा कभी नहीं था। मैं सोशल मीडिया का दबाव समझता हूं। लेकिन आपका यह रक्षात्मक रुख कहीं से भी ‘कूल’ नहीं है। आप मेरा आवेदन वापस लेने पर विचार कर सकते हैं। लेकिन क्या आपको इसे पढ़ने में मजा आया? क्या आप इस तरह लिखना सीखना चाहेंगे? हमारे यहां सालाना इंटर्नशिप प्रोग्राम शुरू होने वाला है। यह एक महीने के लिए है और हम इस एक महीने की इंटर्नशिप के लिए 30,000 रुपये का भुगतान करते हैं।

 

First Published - December 3, 2024 | 9:47 PM IST

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