facebookmetapixel
पांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यान

Explainer: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की बंद हो जाए फेडरल फंडिंग तो क्या होगा?

फेडरल सिविल राइट्स कानूनों के उल्लंघन के आरोपों के चलते हार्वर्ड की सरकारी फंडिंग पर संकट, ट्रंप प्रशासन ने दी कड़ी चेतावनी

Last Updated- July 03, 2025 | 4:16 PM IST

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रशासन का कहना है कि हार्वर्ड ने कैंपस में यहूदी विरोधी गतिविधियों (एंटी-सेमिटिज़्म) को गंभीरता से नहीं लिया और न ही इन घटनाओं पर उचित कार्रवाई की।

सोमवार को भेजे गए एक औपचारिक नोटिस में ट्रंप प्रशासन ने यूनिवर्सिटी पर अमेरिकी फेडरल सिविल राइट्स कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया। इस नोटिस में साफ कहा गया है कि अगर हार्वर्ड ने तुरंत सुधारात्मक कदम नहीं उठाए, तो उसकी सारी सरकारी फंडिंग बंद कर दी जाएगी और उसका अमेरिकी सरकार से रिश्ता भी प्रभावित होगा।

यह नोटिस उस समय आया है जब हार्वर्ड और अमेरिकी प्रशासन के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है, जिसमें रिसर्च फंडिंग, विदेशी छात्रों का नामांकन और कोर्ट में कई मामले शामिल हैं। हालांकि हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से कुछ नरमी के संकेत भी मिले थे, जिससे रिश्तों में सुधार की संभावना बनी थी।

नोटिस में अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट की सिविल राइट्स चीफ हरमीत कौर ढिल्लों ने हार्वर्ड के प्रेसिडेंट एलन गार्बर को यह भी लिखा कि, “हार्वर्ड चाहें तो बिना सरकारी सहायता के काम करना जारी रख सकता है, और शायद यही आज़ादी उसे फिर से श्रेष्ठता की ओर ले जाए।”

 

First Published - July 3, 2025 | 4:16 PM IST

संबंधित पोस्ट