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सस्ते घरों की राह होगी आसान! एक्सपर्ट्स से समझें वित्त मंत्री की घोषणाओं के मायने

बजट 2025 में होम बायर्स को बड़ी राहत: टैक्स छूट, अफोर्डेबल हाउसिंग और दो घरों पर नोशनल इनकम टैक्स से छूट

Last Updated- February 01, 2025 | 6:36 PM IST
Luxury house

केंद्रीय बजट 2025 में होम बायर्स के लिए कई अहम घोषणाएं की गई हैं, जो उन्हें न सिर्फ अपना घर खरीदने में मदद करेंगी बल्कि उनकी बचत को भी बढ़ावा देंगी। टैक्स छूट बढ़ाने और अफोर्डेबल हाउसिंग पर फोकस से लेकर अटके हुए प्रोजेक्ट्स को पूरा करने तक, इस बजट ने होम बायर्स की कई चिंताओं का हल निकाल दिया है।

साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अब टैक्सपेयर्स दो सेल्फ-ऑक्यूपाइड घरों की वैल्यू को “शून्य” दिखा सकते हैं और इसके लिए पहले जैसी शर्तें पूरी करने की जरूरत नहीं होगी। यह नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा और 2025-26 के असेसमेंट वर्ष पर असर डालेगा।

पहले, इनकम टैक्स नियमों के तहत सिर्फ कुछ खास स्थितियों में ही घर की वैल्यू “शून्य” मानी जाती थी। अब नए नियमों से दो घरों पर किराये की अनुमानित इनकम पर टैक्स नहीं लगेगा, जिससे टैक्स कम होगा और बचत में बढ़ोतरी होगी।

जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

वेद जैन एंड एसोसिएट्स के पार्टनर अंकित जैन बताते हैं कि अब इस नियम को सरल बना दिया गया है। व्यक्ति बिना किसी कारण बताए अपनी किसी भी दो प्रॉपर्टीज को सेल्फ-ऑक्यूपाइड घोषित कर सकता है और उन पर कोई अनुमानित किराया नहीं जोड़ा जाएगा। यह बदलाव न सिर्फ मध्यम वर्ग को राहत देगा बल्कि हाई-नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) के लिए भी फायदेमंद होगा, जिनके पास कई प्रॉपर्टीज हैं। कई बार परिवार की जरूरतों, कानूनी विवादों या बाजार की स्थिति के कारण ये प्रॉपर्टीज किराये पर नहीं दी जाती थीं, ऐसे में यह नियम बड़ी बचत और राहत देगा।

मध्यम वर्ग को टैक्स छूट का फायदा

बेसिक होम लोन के सीईओ अतुल मोंगा का कहना है, “बजट में पर्सनल टैक्स में छूट और स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाने से मध्यम वर्ग की आय में इजाफा होगा। इससे उनके पास अतिरिक्त बचत होगी, जो घर खरीदने जैसे बड़े निवेश में मदद करेगी।”

उन्होंने आगे कहा, बजट में टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने से पहली बार घर खरीदने वालों को वित्तीय लचीलापन मिलेगा, जिससे वे अपनी जरूरतों के हिसाब से सही प्रॉपर्टी चुन सकेंगे।

अफोर्डेबल हाउसिंग और अटके प्रोजेक्ट्स पर फोकस

बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के लिए ₹79,000 करोड़ का आवंटन किया गया है, जो पहली बार घर खरीदने वालों के लिए राहतभरा कदम है। वहीं, अटके हुए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए SWAMIH फंड के तहत ₹15,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

अतुल मोंगा के अनुसार, “ये कदम उन प्रोजेक्ट्स को पटरी पर लाएंगे, जो वित्तीय दिक्कतों के कारण लंबे समय से अटके हुए थे। इससे घर खरीदारों को समय पर डिलीवरी मिलेगी और उनकी होम लोन की बोझिल ईएमआई से राहत मिलेगी। रियल एस्टेट में निवेश बढ़ने से न केवल जीडीपी में सुधार होगा, बल्कि भारत के $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने का रास्ता भी आसान होगा।”

शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट में टैक्स का प्रभाव

सुगम्या फाइनेंस के संस्थापक अमन ढल ने कहा, “बजट ने मध्यम वर्ग को राहत तो दी है, लेकिन एक कैच यह है कि जिनकी आय ₹12.75 लाख से कम है, उन्हें यह लाभ तभी मिलेगा जब वे शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन से बचें।”

उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति शॉर्ट-टर्म स्टॉक में निवेश करता है और कैपिटल गेन अर्जित करता है, तो उनका टैक्स रेट ज्यादा कमाई वालों के समान होगा। इसका उद्देश्य लोगों को शॉर्ट-टर्म स्पेक्युलेशन से बचाकर लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट की ओर प्रेरित करना है।

उन्होंने आगे कहा, “शेयर बाजार में शुरुआत में कुछ गिरावट देखी जा सकती है क्योंकि निवेशक बजट की बारीकियों को समझने में समय लेंगे। हालांकि, जैसे-जैसे गहन विश्लेषण होगा, बाजार में स्पष्टता आएगी और सूझ-बूझ से निवेश के बेहतर फैसले लिए जाएंगे।”

First Published - February 1, 2025 | 6:29 PM IST

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