NPS Vatsalya Scheme: अगर आप अपने बच्चे के रिटायरमेंट के लिए जल्दी निवेश शुरू करना चाहते हैं तो एनपीएस वात्सल्य योजना (NPS Vatsalya) आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। हर महीने सिर्फ ₹1,000 निवेश करके आप अपने बच्चे के लिए ₹4 करोड़ से ज्यादा का फंड बना सकते हैं। NPS वात्सल्य योजना माता-पिता को शिशु अवस्था से ही बच्चों के नाम पर निवेश करने का मौका देती है, जिससे लॉन्ग टर्म में चक्रवृद्धि ब्याज (compounding) का लाभ मिलता है। यह योजना फ्लेक्सिबल निवेश विकल्पों और सुरक्षित रिटर्न के साथ बच्चों के भविष्य को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद कर सकती है। माता-पिता सिर्फ ₹1,000 सालाना जमा करके बच्चे के नाम पर NPS अकाउंट खोल सकते हैं। इस कारण यह योजना हर आर्थिक वर्ग के परिवारों के लिए किफायती और सुलभ है। आइए जानते हैं इसमें निवेश कैसे करें और क्या हैं इसके फायदे…
मान लीजिए रमेश (एक काल्पनिक नाम) ने अपने बच्चे के जन्म के साथ ही उसके नाम पर एक एनपीएस अकाउंट खोला। रमेश ने अपने बच्चे के व्यस्क होने (18 साल की उम्र) तक हर महीने सिर्फ ₹1000 का निवेश किया। वयस्क होने के बाद रमेश के बेटे ने अपने NPS अकाउंट को कंटिन्यू रखा और 60 वर्ष की उम्र तक उसने भी लगातार ₹1000 का निवेश जारी रखा। इस स्थित में जब रमेश का बेचा रिटायर होगा तब उसके पास ₹4 करोड़ से ज्यादा का फंड होगा। इसका कैलकुलेशन आप यहां देख सकते हैं…
NPS अकाउंट में हर महीने निवेश: ₹1000
निवेश की कुल अवधि: 18 वर्ष
ब्याज दर: 10%
18 साल में कुल निवेश: ₹2,28,000 (2.28 लाख रुपये)
18 साल की उम्र में संभावित कॉर्पस: ₹6,75,300 (6.75 लाख रुपये)
वयस्क होने के बाद, अगर रमेश के बेटे ने 60 साल की उम्र तक ₹1000 का निवेश जारी रखा तो
60 साल की उम्र में संभावित कॉर्पस: ₹4,40,78,734 (4.40 करोड़ रुपये)
एनपीएस वात्सल्य योजना मौजूदा नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) का ही एक विस्तार है, जो विशेष रूप से बच्चों के लिए बनाया गया है। इस योजना का लक्ष्य माता-पिता को अपने बच्चे के रिटायरमेंट फंड के लिए बचत करने में मदद करना है। NPS की ही तरह, इसमें किए गए योगदान को शेयर बाजार से जुड़े निवेश विकल्पों जैसे इक्विटी और बॉन्ड में लगाया जाता है, जिससे पारंपरिक फिक्स्ड-इनकम योजनाओं की तुलना में बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना होती है।
इस योजना के तहत, माता-पिता अपने बच्चे के रिटायरमेंट के लिए जल्दी से बचत शुरू कर सकते हैं, जिससे नियमित निवेश के जरिए लंबी अवधि में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
एनपीएस वात्सल्य योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि माता-पिता अपने बच्चे के रिटायरमेंट के लिए बचत शिशु अवस्था से ही शुरू कर सकते हैं। कंपाउंडिंग के जरिए, यह योजना समय के साथ बेहतर रिटर्न देने में सक्षम है।
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एनपीएस वात्सल्य में नामांकन के लिए निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा:
यह खाता Points of Presence (POPs) के माध्यम से खोला जा सकता है, जिसमें मुख्य बैंक, इंडिया पोस्ट, पेंशन फंड आदि शामिल हैं। इसके अलावा, e-NPS ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए भी खाता खोला जा सकता है।
NPS वात्सल्य योजना में माता-पिता को तीन तरह के निवेश विकल्प मिलते हैं:
मॉडरेट लाइफसाइकिल फंड – LC-50 (50% इक्विटी निवेश)
एग्रेसिव लाइफसाइकिल फंड – LC-75 (75% इक्विटी)
मॉडरेट लाइफसाइकिल फंड – LC-50 (50% इक्विटी)
कंजर्वेटिव लाइफसाइकिल फंड – LC-25 (25% इक्विटी)
एक्टिव चॉइस के तहत, माता-पिता अपने निवेश का आवंटन स्वयं तय कर सकते हैं। इसमें वे अधिकतम 75% इक्विटी (Equity), 100% सरकारी प्रतिभूतियां (Government Securities), 100% कॉरपोरेट डेट (Corporate Debt) और 5% तक वैकल्पिक संपत्तियों (Alternate Asset) में निवेश कर सकते हैं।
NPS वात्सल्य अकाउंट से निकासी के नियमों के तहत, तीन साल पूरे होने के बाद आंशिक निकासी की अनुमति मिलती है। SBI पेंशन फंड की वेबसाइट के अनुसार, कुछ विशेष परिस्थितियों में कुल जमा राशि (कॉर्पस) का 25% तक निकाला जा सकता है। इसमें शिक्षा से जुड़े खर्चे, कुछ गंभीर बीमारियों का इलाज, और 75% या उससे अधिक की विकलांगता की स्थिति में चिकित्सा सहायता शामिल है। इसके अलावा, 18 साल की उम्र से पहले, अकाउंट होल्डर को अधिकतम तीन बार आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है।
जब NPS वात्सल्य अकाउंट होल्डर 18 साल का हो जाता है, तो उसे दो विकल्प मिलते हैं:
अकाउंट होल्डर अपने NPS वात्सल्य अकाउंट को NPS टियर I रेगुलर अकाउंट में बदल सकते हैं। इसके लिए 18 साल की उम्र पूरी होने के बाद तीन महीने के भीतर नया KYC पूरा करना अनिवार्य है।