वित्त वर्ष 2023 स्थिर आय योजनाओं में निवेश करने वालों को खुशखबरी देकर गया क्योंकि सरकार ने नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), सुकन्या समृद्धि योजना, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और डाकघर सावधि जमा योजनाओं जैसी लघु बचत योजनाओं पर ब्याज की दर बढ़ा दी। मगर लोक भविष्य निधि (PPF) पर ब्याज दर में कोई इजाफा नहीं किया गया।
अब सवाल उठता है कि जब डेट फंड दीर्घावधि पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन का फायदा गंवा चुके हैं तब ब्याज में इजाफे की वजह से क्या लघु बचत योजनाएं वाकई आकर्षक बन गई है?
प्लानरूपी इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक अमोल जोशी कहते हैं, ‘ब्याज दरों में हालिया इजाफे के बाद लघु बचत योजनाएं बेशक पहले से आकर्षक बन गई हैं। उन्हें इसलिए भी ज्यादा पसंद किया जा सकता है क्योंकि डेट म्युचुअल फंडों को अब इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलता।’
जोखिम नहीं, तरलता भी नहीं
पारंपरिक तरीके से चलने वाले कई छोटे निवेशक लघु बचत योजनाओं के सहारे रहते हैं। प्रमाणित वित्तीय योजनाकार पारुल माहेश्वरी कहती हैं, ‘ज्यादातर लघु बचत योजनाओं से मिलने वाले रिटर्न इस समय महंगाई को बेअसर कर रहे हैं। वे बहुत सुरक्षित हैं क्योंकि उनमें सरकार की गारंटी है। सतर्कता के साथ चलने वाले जो निवेशक स्थिर आय योजनाओं में निवेश करना चाहते हैं, वे इन योजनाओं पर विचार कर सकते हैं।’
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मगर ये योजनाएं तरलता यानी फौरन नकदी देने के मामले में पिछड़ जाती हैं। PPF और सुकन्या समृद्धि जैसी योजनाएं सबसे अधिक रिटर्न देती हैं। मगर इनमें लॉक-इन अवधि बहुत लंबी होती है।
ब्याज दर पक्की
कुछ लघु बचत योजनाएं ऐसी भी होती हैं, जिनमें पूरी योजना के दौरान एक जैसा ब्याज मिलता है। योजना में निवेश करते समय जो भी ब्याज दर चल रही होती है वही पूरी योजना में चलती रहती है। एनएससी, डाकघर सावधि जमा और वरिष्ठ नागरिक बचत योजना ऐसी ही हैं।
इन योजनाओं पर सरकार बीच में ब्याज दर कम भी कर दे तो पहले से निवेश कर चुके व्यक्ति को कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि उसे पुरानी दर पर ही ब्याज मिलता रहता है। ऐसी योजनाएं निवेशकों को मैच्योरिटी तक रिटर्न की एक ही दर पक्की करने में मदद करती हैं और जिस समय ब्याज दर घटाई जाती हैं, उस समय वे बेअसर रहती हैं।
इनके उलट पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना जैसी लघु बचत योजनाओं का ब्याज सरकार पर निर्भर करता है। सरकार किसी भी तिमाही में इसे बदल सकती है। लेकिन इन योजनाओं का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इनके मैच्योर होने पर मिलने वाली रकम पूरी तरह टैक्स मुक्त होती है। इसीलिए रिटायरमेंट या बच्चों की शिक्षा जैसे लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिहाज से ये सबसे सटीक रहते हैं।
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बहरहाल लघु बचत योजना चुननी हो तो निवेशकों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे अहम बातें हैं – नकदी की जरूरत किस समय पड़नी है और निवेशक किस टैक्स स्लैब में आते हैं। जोशी समझाते हैं, ‘जिनके बेटी है, उन्हें सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने से फायदा हो सकता है। PPF पर किसी भी चरण में टैक्स नहीं वसूला जाता, इसलिए यह हमेशा आकर्षक बना रहता है।’
माहेश्वरी की सलाह है, ‘जो निवेशक ऊंचे कर स्लैब में आते हैं, उन्हें पीपीएफ पर विचार करना चाहिए। PPF में 7.1 फीसदी ब्याज मिलता है और इस पर किसी तरह का टैक्स नहीं काटा जाता। इस कारण यह सबसे अच्छी बचत योजनाओं में से एक है।’
डेट फंड से दूरी?
हालांकि 1 अप्रैल, 2023 से डेट फंडों पर इंडेक्सेशन का फायदा खत्म हो गया है। इसके साथ ही taxation के मामले में ये सावधि जमा (एफडी) और लघु बचत योजनाओं के समान ही हो गए हैं। फिर भी इनमें कुछ फायदे होते हैं। डेट फंड में निवेश से आपको विविधता मिलती है, रिटर्न स्थिर न होकर बाजार की चाल के हिसाब से मिलता है, इन्हें फौरन बेचा जा सकता है और ब्याज दर घटने पर इनमें फायदा होता है। साथ ही इनके जरिये निवेशक अपनी टैक्स देनदारी को आगे के लिए टाल भी सकते हैं।
रीफोलियो इन्वेस्टमेंट्स के मुख्य कार्य अधिकारी और संस्थापक संतोष जोसेफ का कहना है, ‘डेट म्युचुअल फंड में तरलता बहुत अधिक होती है। इन्हें डिजिटल या डीमैट रूप में रखना भी बेहद आसान है। इतना ही नहीं, उनका शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) जांचकर आप रोजाना उनका मूल्यांकन भी पता कर सकते हैं।’ जो निवेशक ऊंचे टैक्स स्लैब में आते हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश कर रकम बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए डेट फंड फायदे का सौदा हो सकते हैं।
अब सवाल आता है कि लघु बचत योजनाओं में निवेश कैसे किया जाए? इसके लिए सबसे पहले निवेशकों को अपना वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करना होगा और यह भी देखना होगा कि उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उनके पास कितनी संपत्ति होनी चाहिए। उसके बाद निवेश की रकम तय कर उन्हें स्थिर आय आवंटन के लिए उचित लघु बचत योजना चुन लेनी चाहिए।
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लंबे समय बाद का कोई लक्ष्य है तो उसके लिए रकम जुटाने का अच्छा साधन पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना हो सकती है। यदि निकट भविष्य में या कुछ समय बाद ही आपको रकम की जरूरत पड़नी है तो महिला सम्मान बचत पत्र तथा डाक सावधि जमा आपके लिए ज्यादा कारगर हो सकते हैं।
जो बुजुर्ग नियमित नकदी चाहते हैं, वे वरिष्ठ नागरिक बचत योजना में जा सकते हैं। मगर जोसेफ चेतावनी देते हुए कहते हैं, ‘लघु बचत योजना में निवेश केवल इसलिए मत कीजिए कि रिटर्न अच्छा मिल रहा है या डेट फंड पर ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है। उसके बजाय अपनी निवेश संबंधी जरूरत समझिए और उसके बाद उचित निवेश योजना चुनिए।’
लघु बचत योजना में आपका रिटर्न पक्का होता है, जिसकी वजह से दिमागी सुकून मिलता है। मगर केवल सुकून के फेर में अपनी पूरी रकम इन्हीं योजनाओं में मत लगा दीजिए। माहेश्वरी समझाती हैं, ‘युवा निवेशकों और जोखिम उठाने के लिए तैयार निवेशकों को इक्विटी म्युचुअल फंड पर भी विचार करना चाहिए। लंबी अवधि में वे स्थिर आय योजनाओं के मुकाबले काफी ज्यादा रिटर्न दे सकते हैं।’