सरकार ने जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की ब्याज दर को वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2025) के लिए बिना किसी बदलाव किए 7.1 फीसदी ही रखा है। यह दर सरकारी कर्मचारियों और अन्य समान प्रोविडेंट फंड योजनाओं के तहत आने वाले कर्मचारियों के रिटायरमेंट बचत पर लागू होगी।
यह नई दर 1 जुलाई 2025 से 30 सितंबर 2025 तक प्रभावी होगी। वित्त मंत्रालय के बजट प्रभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की है। इस तिमाही के दौरान सब्सक्राइबर्स को निश्चित रिटर्न मिलता रहेगा।
दूसरी ओर निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की रिटायरमेंट बचत को मैनेज करने वाला संगठन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 8.25 फीसदी की ब्याज दर को खातों में जमा करना शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी तक SMS या ईमेल के जरिए कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है, लेकिन कई EPF खाताधारकों ने बताया कि उनके पासबुक में अपडेटेड ब्याज राशि दिखाई दे रही है।
ब्याज दरें: EPF वर्तमान में 8.25 फीसदी का अधिक रिटर्न दे रहा है, जबकि GPF की ब्याज दर 7.1 फीसदी है।
पात्रता: GPF उन केंद्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए है, जो 2004 से पहले सेवा में शामिल हुए थे। लेकिन अगर बात EPF की करें तो यह ज्यादातर निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए अनिवार्य है।
लचीलापन: EPF खाताधारकों को एंप्लॉयर के योगदान का लाभ मिलता है और EPF कॉर्पस की कमाई के आधार पर वार्षिक ब्याज दर में जुटता है।
हालांकि, GPF की ब्याज दर हाल की तिमाहियों में स्थिर रही है, लेकिन EPF की अधिक ब्याज दर यह दर्शाती है कि निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को उनकी अनिवार्य रिटायरमेंट बचत पर बेहतर रिटर्न मिल रहा है।