आपने कितनी बार सोचा है कि महीने के आखिर में सेविंग्स के नाम पर आपके पास बस खाता नंबर ही बचता है? फाइनेंशियल फिटनेस प्लेटफॉर्म Finnovate ने हाल ही में एक सर्वे किया और नतीजे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। सर्वे के मुताबिक, भारत का औसत फाइनेंशियल फिटनेस स्कोर 20 में से सिर्फ 5.29 है। अब ये कोई स्कूल का रिजल्ट नहीं, बल्कि हमारी जेब की हालत बयां करता है। आइए जानते हैं, क्यों हमारी सेविंग्स ज़ीरो के पास पहुंच जाती है और इस हालात से बाहर निकलने का रास्ता क्या है।
क्या आपने कभी सोचा है कि आपके फाइनेंशियल गोल्स क्या हैं और उन्हें पाने के लिए आप सही दिशा में बढ़ रहे हैं या नहीं? सर्वे के मुताबिक, 63% लोगों को पता है कि वे क्या हासिल करना चाहते हैं, लेकिन 65% ने रिटायरमेंट के लिए कोई ठोस प्लानिंग नहीं की।
अब जरा अपने UPI के पिछले 30 ट्रांजैक्शन चेक करें। आपको महसूस होगा कि आपने छोटी-छोटी रकम ऐसी चीजों पर खर्च कर दी, जो जरूरी नहीं थीं। इन छोटे खर्चों को जोड़ें, तो आपको एहसास होगा कि ये छोटी रकम मिलकर एक बड़ी राशि बन जाती है। यही वजह है कि महीने की सैलरी कब खत्म हो जाती है, पता भी नहीं चलता, और महीने के आखिर में अकाउंट में बैलेंस शून्य रह जाता है।
सोचिए, अगर आप बिना प्लान किए एक लंबी दौड़ पर निकलें, तो क्या मंज़िल तक पहुंचना मुमकिन है? फाइनेंशियल प्लानिंग सिर्फ एक लक्ष्य नहीं, बल्कि आपकी जिंदगी को एक सही दिशा देने का जरिया है। आज से ही छोटे खर्चों पर काबू पाकर अपने बड़े सपनों की ओर कदम बढ़ाइए, क्योंकि हर छोटा कदम आपको मंज़िल के करीब ले जाएगा।
ऑनलाइन शॉपिंग और फूड डिलीवरी पर खर्च करने के लिए हमारे पास पैसे होते हैं, लेकिन क्या आपने अपनी सुरक्षा के बारे में सोचा है? रिपोर्ट के अनुसार, 73% लोगों के पास या तो हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है या उनका कवरेज बहुत कम है। इसी तरह, 74% लोग जीवन बीमा का पर्याप्त कवरेज नहीं लेते।
अब जरा सोचिए, अगर अचानक कोई मेडिकल इमरजेंसी आ जाए, तो आपकी सेविंग्स पर कितना बड़ा असर पड़ेगा? बीमा सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं है, यह आपकी और आपके परिवार की फाइनेंशियल सुरक्षा की नींव है। सही समय पर सही बीमा लेना, भविष्य में बड़ी आर्थिक परेशानियों से बचने का सबसे आसान और जरूरी कदम है।
भारत में अब भी ज्यादातर लोग प्रॉपर्टी और सोने को सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश मानते हैं। हालांकि, नए और बेहतर रिटर्न देने वाले विकल्पों की ओर कम ही लोग ध्यान देते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ 53% लोग ही अपनी बचत का 30% से कम हिस्सा इक्विटी में निवेश करते हैं।
इतना ही नहीं, 54% लोगों को यह भी नहीं पता होता कि उनके निवेश का CAGR (Compound Annual Growth Rate) क्या है। इसका मतलब यह है कि ज्यादातर लोग अपने पैसे को बढ़ाने के लिए बेहतर और आधुनिक विकल्पों का सही इस्तेमाल नहीं कर पाते।
यह स्थिति बताती है कि हमें निवेश के नए तरीकों और उनके फायदों के बारे में अधिक जानकारी लेने की जरूरत है। सही फाइनेंशियल प्लानिंग और जागरूकता न होने से न केवल हमारे पैसे की ग्रोथ रुक जाती है, बल्कि भविष्य में वित्तीय सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।
आज के समय में, वित्तीय सुरक्षा के लिए इमरजेंसी फंड और टैक्स प्लानिंग बेहद जरूरी है, लेकिन कई लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 40% लोगों के पास इमरजेंसी फंड नहीं है, जिससे अचानक आने वाली आर्थिक जरूरतों को पूरा करना उनके लिए मुश्किल हो जाता है।
इसी तरह, 27% लोग टैक्स प्लानिंग पर ध्यान नहीं देते। साल के अंत में जब टैक्स बचाने का दबाव बढ़ता है, तो वे जल्दबाजी में गलत निवेश विकल्प चुन लेते हैं। इससे न तो टैक्स की बचत होती है और न ही सही रिटर्न मिलता है।
अगर शुरुआत से ही सही प्लानिंग की जाए, तो आप न सिर्फ टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि अपनी सेविंग्स को भी बेहतर तरीके से बढ़ा सकते हैं। इमरजेंसी फंड और टैक्स प्लानिंग को अपने वित्तीय जीवन का हिस्सा बनाना न केवल आपको आर्थिक सुरक्षा देगा, बल्कि लंबे समय में वित्तीय स्थिरता भी सुनिश्चित करेगा।
सिर्फ 38% लोग ही पूरी तरह कर्ज-मुक्त हैं, जबकि 60 साल से ज्यादा उम्र के 31% लोग अब भी ईएमआई चुका रहे हैं। आज के समय में कर्ज लेना बहुत आसान हो गया है। आप कुछ ही मिनटों में पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं। डिजिटल पेमेंट करते वक्त हमें यह एहसास भी नहीं होता कि हम कर्ज की रकम गैर जरूरी चीजों में उड़ा रहे हैं, लेकिन बाद में उसे चुकाना जरूरी होता है।
सोचिए, रिटायरमेंट के बाद अगर कर्ज का बोझ आपके ऊपर हो, तो जिंदगी कितनी मुश्किल हो सकती है। इसलिए, कर्ज लेने से पहले सोच-समझकर फैसला करें और इसे जल्द से जल्द खत्म करने की कोशिश करें।
क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी अनुपस्थिति में आपके परिवार को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है? एक रिपोर्ट के मुताबिक, 40% लोग अपने जरूरी दस्तावेज़ व्यवस्थित नहीं करते, और 36% लोगों ने अपने एसेट्स के लिए नॉमिनी तक तय नहीं किया है।
यह छोटी सी लापरवाही भविष्य में आपके परिवार के लिए बड़ी कानूनी समस्याएं और आर्थिक संकट खड़ा कर सकती है। परिवार की सुरक्षा और भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि आप अपने दस्तावेज़ समय पर व्यवस्थित करें और अपने एसेट्स के लिए सही नॉमिनी का चुनाव करें। यह कदम आपके अपनों के लिए सबसे बड़ा तोहफा साबित हो सकता है।
सही सलाह न लेना और सट्टा ट्रेडिंग जैसी चीज़ों में समय और पैसा लगाना बड़ी गलती है। Finnovate के को-फाउंडर निहाल मोटा कहते हैं कि लोग अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों के बिना निवेश करते हैं, जिससे उनका पैसा सही जगह इस्तेमाल नहीं हो पाता।
सरकार और संस्थाएं जैसे RBI, SEBI और IRDAI फाइनेंशियल जागरूकता बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम चला रही हैं। लेकिन असली बदलाव तभी आएगा, जब आप अपनी सोच बदलेंगे।
याद रखें, आपकी बचत सिर्फ आपके भविष्य की सुरक्षा नहीं, बल्कि आपके सपनों को पूरा करने की कुंजी है। तो आज से ही अपने खर्चों और बचत पर ध्यान दें और अपने फाइनेंशियल सफर को सही दिशा में मोड़ें।