भारतीय शेयर बाजार में शुरुआत के लिए तैयार कोरियाई मूल की दिग्गज वाहन कंपनी ह्युंडै मोटर इंडिया का कहना है कि आईपीओ से यह साबित होगा कि कंपनी भारत में सफल होने के लिए और ज्यादा ‘समर्पित’ है। सोहिनी दास और समी मोडक से बातचीत में ह्युंडै के अध्यक्ष, मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक उनसू किम और कार्यकारी निदेशक, सीएफओ वांगडो हूर तथा कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक, सीओओ तरुण गर्ग ने अपनी योजनाओं की रूपरेखा के बारे चर्चा की। प्रमुख अंश …
ह्युंडै मोटर भारत में सूचीबद्ध होने पर क्यों विचार कर रही है?
किम : यह सबसे बुनियादी सवालों में से एक है और हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है। भारत दुनिया के सबसे रोमांचक वाहन बाजारों में से एक है और ह्युंडै मोटर इंडिया 26 वर्षों से सफल रही है तथा वर्तमान में हम भारत में दूसरे सबसे बड़े यात्री वाहन विनिर्माता हैं और इसलिए हमें लगता है कि यहां अपने परिचालन का और ‘भारतीयकरण’ करने तथा भारत में ‘स्थानीय-ब्रांड’ बनने का यह सही वक्त है।
आईपीओ यह सुनिश्चित करेगा कि ह्युंडै मोटर भारत में कामयाबी के लिए और भी ज्यादा समर्पित हो जाए। साथ ही हम प्रशासन के मामले में वैश्विक मानकों का पालन करना जारी रखेंगे। आईपीओ स्थानीय और वैश्विक निवेशकों को हमारी विकास की कहानी में भाग लेने का अच्छा अवसर प्रदान करेगा।
भारत में आईपीओ लाने का विचार कब आया?
किम : वैश्विक स्तर पर ह्युंडै मोटर ग्रुप (एचएमजी) तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है और ह्युंडै मोटर कॉर्पोरेशन (एचएमसी) के पास वैश्विक स्तर पर शानदार कारोबारी क्षमताएं – आरऐंडडी क्षमता, ब्रांड पावर और सर्वोत्तम कार्य प्रणाली है। एचएमसी का सपना लोगों को परिवहन सुविधा प्रदान करना है और इसी सपने के तहत हमने साल 1998 में भारत में अपना परिचालन शुरू किया था। अब आईपीओ की दिशा में बढ़ने का सही समय है
आपके मूल्यांकन पर निवेशकों की क्या प्रतिक्रिया है?
पिछले दो महीने में हमने यूरोप, उत्तरी अमेरिका, एशिया और पिश्चमी एशिया में रोड शो किए। बहुत से निवेशकों ने भारत में हमारे आईपीओ का स्वागत किया है। वे बहुत इच्छुक हैं। मूल्य के दायरे के संबंध में हमारे बैंकरों ने बाजार के रुझान और वैश्विक रुझानों का विश्लेषण किया है। मेरा मानना है कि उन्होंने मूल्य दायरा सही ढंग से निर्धारित किया है।
बैंक में आपके पास कितनी नकदी है और आप भारत में अपने विस्तार के लिए किस तरह पैसा जुटाने की योजना बना रहे हैं?
हूर : हम अपने आंतरिक स्रोतों से 32,000 करोड़ रुपये की निवेश योजना के लिए पैसा देने की योजना बना रहे हैं। 1 अप्रैल तक हमारे पास 9,000 करोड़ रुपये की नकदी है।
कंपनी ने बड़ा लाभांश दिया है। आगे चलकर भविष्य में लाभांश के संबंध में आपकी नीति क्या होगी?
हूर : पिछले सालों की तुलना में लाभांश भुगतान बहुत बड़ा था क्योंकि कोविड-19 की अवधि के दौरान हमने कोई लाभांश नहीं दिया था। इसलिए वित्त वर्ष 24 में हमारा लाभांश भुगतान पिछले सालों के मुकाबले कुछ अधिक रहा। आम तौर पर हमारा लाभांश भुगतान हमारी आय का 40 प्रतिशत होता है। लेकिन आईपीओ के बाद हम अपनी नई लाभांश नीति तय करेंगे। हम आय, भविष्य की पूंजीगत व्यय योजनाओं जैसे हर कारक पर विचार करेंगे।
क्या रॉयल्टी नीति पर भी दोबारा विचार किया जाएगा?
हूर : वर्तमान में हमारा रॉयल्टी भुगतान (मूल कंपनी को) वित्त वर्ष 25 में कुल यात्री वाहन राजस्व का 3.5 प्रतिशत है। आगे चलकर हम उसी दर (रॉयल्टी भुगतान के लिए) को बनाए रखेंगे, जब तक कि आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के दिशानिर्देशों या वैश्विक हस्तांतरण मूल्य निर्धारण के विषय में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं होता।
क्या आप भारत से इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात की योजना बना रहे हैं?
किम : वर्तमान में हम भारत से निर्यात करने वाले दूसरे सबसे बड़े निर्यातक हैं। हम निर्यात पर ज्यादा ध्यान केंद्रित देंगे। इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात हमारे निर्यात देशों या बाजारों गतिविधि पर निर्भर करेगा। अगर किसी देश में सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बुनियादी ढांचा बनाने की पहल होती है, तो हम निश्चित रूप से अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्यात करेंगे।
हम मुख्य रूप से पश्चिम एशिया, एशिया और लैटिन अमेरिका जैसे उभरते बाजारों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अगर हमें वहां इलेक्ट्रिक वाहनों की कोई मांग दिखती है, तो हम उसे भी दायरे में लेने का प्रयास करेंगे।
आप आगामी कैफे3 मानदंडों के लिए क्या तैयारी कर रहे हैं? आप अपने पोर्टफोलियो में ग्रीनर कारों की हिस्सेदारी बढ़ाने की क्या योजना बना रहे हैं? हाइब्रिड लाने की कोई योजना है?
गर्ग : पिछले 26 साल के दौरान हमने सभी नियमों का पालन किया है। कैफे3 नियमों पर अब भी बातचीत हो रही है, लेकिन हमें पूरा विश्वास (उन्हें पूरा करने के संबंध में) है क्योंकि हमारे पास एचएमसी की सभी तकनीकों तक पहुंच है। रणनीति बहुत स्पष्ट है – शुरुआती स्तर पर पेट्रोल और सीएनजी अच्छा काम करते हैं, एसयूवी श्रेणी में डीजल और पेट्रोल अच्छा काम करते हैं और फिर हमारे पास ईवी की दमदार योजनाएं हैं।
हम क्रेटा ईवी (वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही) तथा तीन और ईवी ला रहे हैं। इसलिए हमें लगता है कि जो भी मानदंड होंगे, हम उन मानदंडों को पूरा करने की स्थिति में होंगे। एचएमसी की तकनीकों तक पहुंच हमारे पास बरकरार है। हम पहले भी तकनीकों को पेश करने में तत्पर रहे हैं।