साल 2023 के पहले 11 हफ्तों में तेजी दर्ज करने के बाद सरकारी ट्रेजरी बिल के प्रतिफल में बुधवार को तेज गिरावट आई क्योंकि अमेरिकी सिलिकन वैली बैंक के धराशायी होने के बाद वैश्विक बाजारों में पैदा हुई अस्थिरता से अनुमान है कि विभिन्न केंद्रीय बैंक आगे और सख्ती पर अपनी रफ्तार धीमी करेंगे।
बुधवार के प्राइमरी सेल में 91 दिन, 182 दिन और 364 दिन के ट्रेजरी बिल का कटऑफ प्रतिफल पिछले हफ्ते की नीलामी के मुकाबले 11 से 17 आधार अंक कम तय हुआ।
एसवीबी के धराशायी होने से अमेरिका व यूरोपीय बैंकिंग क्षेत्रों में पैदा हुई परेशानी को देखते हुए ट्रेडरों की राय यह है कि केंद्रीय बैंकों मसलन फेडरल रिजर्व बैंक या तो अपनी रफ्तार धीमी कर देगा या नई ब्याज बढ़ोतरी को रोक लेगा। फेड की ब्याज बढ़ोतरी की धीमी रफ्तार से आरबीआई पर मौद्रिक सख्ती और दरों का अंतर बनाए रखने का दबाव घटेगा। ट्रेडरों ने ये बातें कही।
अल्पावधि वाली प्रतिभूतियां मसलन ट्रेजरी बिल ब्याज दरों के अनुमान को लेकर काफी ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्राइमरी डीलरशिप के ट्रेडिंग प्रमुख नवीन सिंह ने कहा, बाजारों के लिए यह काफी अनिश्चित वक्त है। एसवीबी के बाद अमेरिका में सिग्नेचर बैंक भी धराशायी हो गया। यूरोप में क्रेडिट सुइस का भी बुरा हाल है। ये सभी चीजें बताता है कि केंद्रीय बैंकों के अभी अपनी रफ्तार धीमी करनी होगी।