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FII की बिकवाली से बुरी तरह टूटा बाजार, ये 6 सेक्टर्स बने म्यूचुअल फंड्स के फेवरेट

विदेशी निवेशकों की बिकवाली से बाजार टूटा, DII ने जमकर किया निवेश

Last Updated- March 18, 2025 | 8:22 AM IST
Fund of Funds

फरवरी 2025 में भारतीय शेयर बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, निफ्टी इंडेक्स में इस महीने 5.9% की गिरावट दर्ज हुई। यह लगातार पांचवां महीना रहा जब निफ्टी लाल निशान में बंद हुआ। मार्च 2020 के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी मासिक गिरावट मानी जा रही है। इस गिरावट के पीछे कई वजहें रहीं, जिनमें कंपनियों की धीमी कमाई, वैश्विक मंदी की आशंका और विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली शामिल है।

FII ने फिर निकाला पैसा, DII ने रखा भरोसा

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने फरवरी में भी भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाला। रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2025 में जहां उन्होंने 8.4 अरब डॉलर बाजार से बाहर निकाले थे, वहीं फरवरी में भी 5.4 अरब डॉलर की बिकवाली की गई। इसके उलट, घरेलू निवेशकों (DII) का रुख बाजार के प्रति सकारात्मक रहा। उन्होंने फरवरी में 7.4 अरब डॉलर का निवेश किया, हालांकि यह जनवरी के मुकाबले थोड़ा कम था।

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की संपत्ति में आई गिरावट

शेयर बाजार की गिरावट का असर म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री पर भी साफ देखने को मिला। फरवरी 2025 में कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 4% घटकर 64.5 लाख करोड़ रुपए रह गया। इसमें सबसे ज्यादा गिरावट इक्विटी फंड्स में देखने को मिली, जिनका AUM करीब 2,150 अरब रुपए घटा। इसके अलावा, अन्य ETF और बैलेंस्ड फंड्स में भी गिरावट दर्ज हुई। हालांकि, लिक्विड फंड्स में निवेश थोड़ा बढ़ा और उनका AUM 6,300 करोड़ रुपए बढ़ गया।

इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में भी इस महीने सुस्ती दिखी। रिपोर्ट बताती है कि इक्विटी स्कीम्स की बिक्री 17% गिरकर 62,900 करोड़ रुपए पर आ गई। हालांकि, निवेशकों ने अपने पैसे निकालने में थोड़ी नरमी दिखाई और रिडेम्प्शन 5.7% कम होकर 29,500 करोड़ रुपए रहा। इसके चलते नेट इनफ्लो 10 महीने के निचले स्तर 33,400 करोड़ रुपए पर आ गया।

SIP में निवेश जारी, निवेशकों ने दिखाया भरोसा

भले ही बाजार में गिरावट रही, लेकिन निवेशकों का भरोसा सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) पर कायम रहा। फरवरी 2025 में SIP के जरिए 26,000 करोड़ रुपए का निवेश हुआ। यह आंकड़ा जनवरी के मुकाबले 1.5% कम है, लेकिन पिछले साल की तुलना में 35% ज्यादा है। इसका मतलब है कि छोटे निवेशकों ने बाजार में गिरावट के बावजूद म्यूचुअल फंड्स में निवेश जारी रखा।

किन सेक्टर्स में फंड्स ने बढ़ाई हिस्सेदारी, कहां घटाई

फरवरी में म्यूचुअल फंड्स ने प्राइवेट बैंक, एनबीएफसी, हेल्थकेयर, टेलीकॉम और मेटल सेक्टर में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। प्राइवेट बैंकों का वजन बढ़कर 18.5% के 16 महीने के हाई पर पहुंच गया। वहीं, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर और ऑयल एंड गैस सेक्टर में फंड्स ने अपनी हिस्सेदारी घटाई।

सबसे ज्यादा निवेश जिन कंपनियों में बढ़ा, उनमें एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व और श्रीराम फाइनेंस शामिल रहीं। टेक्नोलॉजी सेक्टर का वजन घटकर 9.3% और ऑटो सेक्टर 19 महीने के निचले स्तर 8.1% पर आ गया।

किस सेक्टर को फंड्स कर रहे पसंद, किसे नहीं

रिपोर्ट के अनुसार, हेल्थकेयर, कैपिटल गुड्स, केमिकल्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और रिटेल सेक्टर में म्यूचुअल फंड्स का निवेश बीएसई 200 के औसत से ज्यादा रहा। वहीं कंज्यूमर, ऑयल एंड गैस, प्राइवेट बैंक, टेक्नोलॉजी और यूटिलिटी सेक्टर में कई फंड्स ने अपेक्षाकृत कम निवेश किया है।

First Published - March 17, 2025 | 5:20 PM IST

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