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Gold ETFs ने छुआ नया शिखर, AUM ₹1 लाख करोड़ के पार; 5 साल में फोलियो 12 गुना बढ़ा

अब लोग फिजिकल गोल्ड खरीदने की बजाय गोल्ड ईटीएफ को चुन रहे हैं, क्योंकि यह ज्यादा आसान और किफायती होता है

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अंशु   
Last Updated- December 01, 2025 | 6:02 PM IST

Gold ETFs AUM: भारत में गोल्ड ईटीएफ में निवेश तेजी से बढ़ रहा है और यह एक नए शिखर पर पहुंच गया है। ज़ेरोधा फंड हाउस की रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर 2025 तक गोल्ड ईटीएफ का कुल AUM 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। यह निवेशकों की बदलती सोच को दिखाता है। अब लोग फिजिकल गोल्ड खरीदने की बजाय गोल्ड ईटीएफ को चुन रहे हैं, क्योंकि यह ज्यादा आसान और किफायती होता है। साल 2025 में सोने की कीमतों में तेजी और भारी निवेश ने गोल्ड ईटीएफ को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है।

Gold ETFs में इनफ्लो ऑल टाइम हाई पर

अक्टूबर 2025 तक गोल्ड ईटीएफ में इस साल कुल नेट इनफ्लो 27,500 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। सिर्फ 10 महीने में आया यह इनफ्लो, 2020 से 2024 के पूरे 5 साल के कुल इनफ्लो से भी ज्यादा है।

यह बढ़त दिखाती है कि निवेशकों का रुझान फिजिकल गोल्ड खरीदने की बजाय गोल्ड ईटीएफ की ओर तेजी से बढ़ रहा है। गोल्ड ईटीएफ में न तो स्टोरेज की परेशानी होती है और न ही मेकिंग चार्ज देना पड़ता है। साथ ही, यह टैक्स के मामले में भी फायदेमंद साबित होता है क्योंकि इसमें फिजिकल गोल्ड की तुलना में कम अवधि में 12.5% LTCG टैक्स का लाभ मिल जाता है।

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Gold ETFs फोलियो 5 साल में 12 गुना बढ़ा

रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले पांच साल में गोल्ड ईटीएफ के फोलियो में 12 गुना की जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली है। अक्टूबर 2020 में गोल्ड ईटीएफ के फोलियो की संख्या 7.83 लाख थी। अक्टूबर 2025 में बढ़कर यह 95 लाख से ज्यादा हो गए हैं। इस बढ़ोतरी का कारण पूंजी संबंधी बाधाओं का हटाया जाना है। गोल्ड ईटीएफ के एक यूनिट की कीमत अब सिर्फ 20 रुपये है। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति थोड़ा पैसा लगाकर सोने में निवेश कर सकता है। हर यूनिट 99.5% या उससे ज्यादा शुद्ध सोने से सुरक्षित है।

1 साल में AUM दो गुना बढ़ा

निवेश के साथ-साथ, गोल्ड ईटीएफ का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) एक साल के अंदर (अक्टूबर 2024 – अक्टूबर 2025) में दोगुना से भी ज्यादा बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया है। इसके अलावा, भारत के गोल्ड ईटीएफ अब 83 टन से ज्यादा फिजिकल सोना रखते हैं, जिसमें से लगभग एक तिहाई रिजर्व केवल 2025 में जोड़ा गया है। इसका मतलब है कि गोल्ड ईटीएफ केवल “वित्तीय उत्पाद” नहीं हैं। हर यूनिट फिजिकल सोने से पूरी तरह सुरक्षित है, जो स्टोरेज में रखा जाता है। यह निवेशकों के लिए भरोसा बनाता है और डिजिटल सुविधा और भौतिक भंडारण के बीच का फासला कम करता है।

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Gold ETFs का सफर

ज़ेरोधा फंड हाउस के सीईओ विषाल जैन ने कहा, “मुझे अच्छे से याद है कि मैं 2002 में उस टीम का हिस्सा था जिसने सबसे पहले गोल्ड ईटीएफ का विचार बनाया था। विचार से हकीकत तक पहुंचने का रास्ता लंबा था। जब हमने 2007 में इसे लॉन्च किया, तब AUM को 1,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने में हमें लगभग ढाई साल लगे। यह देखना कि जिस प्रोडक्ट को हम केवल एक विचार मानते थे, वह अब 1 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है, मेरे लिए बहुत ही गर्व की बात है। यह साबित करता है कि अगर आप ऐसे फंड ऑफर करें जो सरल और उपयोगी हों, तो वे अंततः निवेशकों के पोर्टफोलियो में जगह बना ही लेंगे।”

सिल्वर ईटीएफ भी नहीं है पीछे

जैसे-जैसे निवेशक ईटीएफ फॉर्मेट में कमोडिटीज में निवेश करने में सहज हो रहे हैं, वैसे ही इसका स्वीकार्यता चांदी तक भी बढ़ रही है। 2022 में अपने पहले ईटीएफ लॉन्च के बाद से, भारत में सिल्वर ईटीएफ की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। अक्टूबर 2025 तक, सिल्वर ईटीएफ में 25 लाख से ज्यादा निवेशक फोलियो हैं। इनका कुल AUM 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

First Published : December 1, 2025 | 5:56 PM IST