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डिजिटल अरेस्ट घोटालों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, CBI को देशभर में तत्काल जांच का आदेश

विश्व भर में इस तरह की धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए अदालत ने सीबीआई से कहा कि यदि आवश्यकता हो तो इंटरपोल की सहायता ली जाए

Last Updated- December 01, 2025 | 10:50 PM IST
supreme court of india
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को सीबीआई को पूरे देश में डिजिटल गिरफ्तारी के मामलों की जांच करने का निर्देश दिया है। इस मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत पर बल देते हुए अदालत ने कहा कि एजेंसी बैंकरों की भूमिका की भी जांच करे, क्योंकि वहीं धोखाधड़ी वाले खाते संचालित होते हैं।

भारत के मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची की अध्यक्षता वाले पीठ ने केंद्रीय एजेंसी को साइबर अपराधों से निपटने के दौरान ऐसे घोटालों को अपनी पहली प्राथमिकता के रूप में मानने का आदेश दिया, जिनमें निवेश और पार्ट-टाइम नौकरी के नाम पर की गई धोखाधड़ी के मामले भी शामिल हैं। अदालत ने ऑनलाइन उगाही रैकेट में वृद्धि के मद्देनजर अक्टूबर में स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी।

सर्वाच्च अदालत ने सोमवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए आदेश दिया, ‘डिजिटल गिरफ्तारी मामलों पर देश की प्रमुख जांच एजेंसी द्वारा तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। इसलिए, हम स्पष्ट निर्देश देते हैं कि सीबीआई सबसे पहले डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले के मामलों की जांच करेगी। लोगों को साइबर जाल में फंसाकर किस-किस तरह के घोटाले होते हैं, उसे अगले चरणों में लिया जाएगा।’

पीठ ने कहा कि इन घोटालों में फर्जी अधिकारी बन कर लोगों खासकर वरिष्ठ नागरिकों को गिरफ्तारी का डर दिखाकर बड़ी रकम हस्तांतरित करने के लिए मजबूर किया जाता है। आदेश में कहा गया, ‘चूंकि संज्ञान लिया गया था, इसलिए कई पीड़ितों ने अदालत का रुख किया है। इस संगठित अपराध का परिमाण राज्यों में दर्ज कई एफआईआर से स्पष्ट है।’

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अदालत ने सीबीआई को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत बैंकरों की भूमिका की जांच करने को भी कहा है, क्योंकि धोखाधड़ी करने के लिए वहीं खातों का उपयोग किया गया है। भारतीय रिजर्व बैंक को संदिग्ध खातों का पता लगाने और अपराध से अर्जित आय को स्वचालित रूप से फ्रीज करने के लिए एआई या मशीन लर्निंग सिस्टम का उपयोग करने की संभावना तलाशकर अदालत की मदद करने के लिए कहा गया था।

सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के अंतर्गत आने वाले सभी मंचों जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को जांच के दौरान सीबीआई के साथ पूरा सहयोग करने का निर्देश दिया गया है। कार्रवाई में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए जिन राज्यों ने अभी तक सीबीआई को सामान्य सहमति नहीं दी है, उन्हें तुरंत ऐसा करने के लिए कहा है ताकि एजेंसी को क्षेत्राधिकार बाधाओं के बिना देश भर में जांच करने में आसानी हो।

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विश्व भर में इस तरह की धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों को देखते हुए अदालत ने सीबीआई से कहा कि यदि आवश्यकता हो तो इंटरपोल की सहायता ली जाए। दूरसंचार विभाग (डीओटी) को सिम कार्ड के दुरुपयोग रोकने के लिए सुरक्षा उपाय प्रस्तावित करने के लिए कहा गया है, खासकर जहां एक ही नाम पर कई नंबर जारी किए जाते हैं।

First Published - December 1, 2025 | 10:45 PM IST

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