नवंबर में करीब 4,25,000 लाख यात्री वाहनों की थोक बिक्री हुई। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा माल एवं सेवा कर की दरों में की गई कटौती से इसे बल मिला है और इसमें एक साल पहले के मुकाबले 20.7 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआईएल) के वरिष्ठ कार्य अधिकारी (मार्केटिंग एवं सेल्स) पार्थ बनर्जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की गई संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘बाजार अब भी काफी तेजी में है। मांग इतनी मजबूत है कि आठ मॉडलों के लिए, हमारे कारखानों में डीलरों को भेजने के लिए कोई गाड़ी ही नहीं बची है।’
उन्होंने कहा कि फिलहाल, लगभग 80,000 गाड़ियां (19 दिनों का स्टॉक) डीलरों के पास हैं और लगभग 40,000 गाड़ियां ट्रांजिट में हैं।
मारुति सुजूकी की की घरेलू यात्री वाहनों की थोक बिक्री, जो डीलरों को भेजी गई एक साल पहले के मुकाबले 21 फीसदी 1,70,971 इकाई हो गई। बनर्जी ने कहा कि दिसंबर में थोक बिक्री भी अच्छी रहने की उम्मीद है क्योंकि उत्पादन टीम उच्च मांग को पूरा करने के लिए ओवरटाइम काम कर रही है। उन्होंने बताया कि इस साल नवंबर में वाहन उद्योग की यात्री वाहनों की थोक बिक्री लगभग 4,25,000 गाड़ियों की रही, जबकि पिछले साल इसी महीने में करीब 3,52,000 गाड़ियां बिकी थीं। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2026 में वाहन उद्योग की कुल यात्री वाहनों की बिक्री 5 से 6 फीसदी के दायरे में रहने की उम्मीद है।
भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम ने 14 नवंबर को कहा था कि त्योहारी सीजन और जीएसटी में कमी के बीच उच्च मांग के कारण इस साल अक्टूबर में घरेलू यात्री वाहनों की थोक बिक्री एक साल पहले के मुकाबले 17.2 फीसदी बढ़ी हैं और 460,739 गाड़ियां बिकी हैं।
नवंबर में टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स घरेलू यात्री वाहनों की थोक बिक्री के मामले में दूसरे नंबर पर रही। कंपनी ने सोमवार को कहा कि उसने नवंबर में अपने डीलरों को 57,436 गाड़ियां भेजीं, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 22 फीसदी अधिक है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा की घरेलू यात्री वाहनों थोक बिक्री 56,336 इकाई रही, जिसमें कि एक साल पहले के मुकाबले 21.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
ह्युंडै मोटर इंडिया की घरेलू पीवी थोक बिक्री नवंबर में एक साल पहले के मुकाबले 4.3 फीसदी बढ़कर 50,340 इकाई हो गई। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने नवंबर में 30,085 यात्री वाहनों की थोक बिक्री की, जो एक साल पहले के मुकाबले 19.5 फीसदी अधिक है।