घरेलू म्युचुअल फंडों (एमएफ) की सोने और चांदी की होल्डिंग पिछले छह महीनों में दोगुनी से ज्यादा हो गई है। इसका कारण एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) में रिकॉर्ड निवेश और कीमती धातुओं की कीमतों में तेज वृद्धि है।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर के अंत में सोने और चांदी के ईटीएफ की संयुक्त प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये थीं, जो मई 2025 के 79,319 करोड़ रुपये के आंकड़े 100 फीसदी ज्यादा है।
नवीनतम एयूएम आंकड़ों से प्राप्त निवेश के आंकड़ों से संकेत मिलता है कि नवंबर में निवेश की रफ्तार धीमी होने के बावजूद हाल के दिनों की तुलना में अभी भी ऊंची बनी हुई है। लगातार दो महीनों में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के संग्रह के बाद पिछले महीने ईटीएफ ने करीब 6,000 करोड़ रुपये जुटाए।
सोने और चांदी के ईटीएफ में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी नए खाते खोलने के आंकड़ों में भी झलकती है। कैलेंडर वर्ष 2025 के पहले 10 महीनों में गोल्ड ईटीएफ के निवेश खातों या फोलियो में 50 फीसदी की वृद्धि हुई जबकि सिल्वर ईटीएफ के खातों में 4 गुना वृद्धि दर्ज की गई।
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वैश्विक और स्थानीय कारकों से प्रेरित कीमती धातुओं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के कारण सोने और चांदी के ईटीएफ में निवेशकों की रुचि बढ़ी है। भू-राजनीतिक तनाव, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और डॉलर में नरमी के कारण कई निवेशक मौजूदा माहौल में सोने और चांदी को सुरक्षित विकल्प के रूप में देख रहे हैं। इस तेजी ने नए निवेशकों को भी इन धातुओं को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
ऐंजल वन एएमसी के कार्यकारी निदेशक और सीईओ हेमेन भाटिया ने कहा, चूंकि निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षा चाहते हैं, इसलिए सोने का आकर्षण मजबूत बना हुआ है और ईटीएफ इस शाश्वत सुरक्षा को एक योजनाबद्ध निवेश माध्यम के अनुशासन के साथ जोड़ते हैं। भविष्य में मुद्रा दबाव, मुद्रास्फीति जोखिम और वैश्विक अस्थिरता जैसे कारकों के बने रहने से सोने की ईटीएफ योजनाओं के विविध पोर्टफोलियो का अभिन्न हिस्सा बनने की संभावना है।
घरेलू बाजार में सोने की कीमतें एक साल में 68 फीसदी बढ़ी हैं। इस दौरान चांदी की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ईटीएफ परिसंपत्तियों में वृद्धि खुदरा निवेशकों के बीच म्युचुअल फंडों की बढ़ती स्वीकार्यता का भी संकेत है।
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जीरोधा फंड हाउस ने एक रिपोर्ट में कहा, यह उछाल दर्शाती है कि निवेशक फिजिकल रूप से सोने को रखने से आगे बढ़ चुके हैं और गोल्ड ईटीएफ को अधिक कारगर साधन के रूप में मान्यता दे रहे हैं क्योंकि यह आधुनिक समाधान न केवल भंडारण की परेशानी और निर्माण शुल्क समाप्त करता है बल्कि कर लाभ भी प्रदान करता है। फिजिकल सोने की तुलना में 12.5 फीसदी दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर दर की पात्रता हेतु कम अवधि की होल्डिंग आवश्यक होती है।