अनुभवी उद्यमी एवं निवेशक रॉनी स्क्रूवाला के स्वदेस फाउंडेशन (Swades Foundation) ने 10 करोड़ रुपये जुटाने के लिए एनएसई के अधीन सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) में रकम जुटाने के लिए अपना मसौदा जमा किया है।
फाउंडेशन इस राशि का इस्तेमाल अपनी कई खास परियोजनाओं में करेगा। रॉनी और जरीना स्क्रूवाला द्वारा स्थापित यह गैर-लाभकारी संगठन रायगढ़ और नासिक जिलों में काम करता है। ग्रामीण सशक्तीकरण में 500 करोड़ रुपये के व्यय के साथ पिछले 10 साल के दौरान संगठन 11 लाख से ज्यादा लोगों तक अपनी पहुंच बना चुका है।
संगठन पशु पालन के माध्यम से स्थायी आजीविका पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने के लिए ‘जीरो-कूपन, जीरो प्रिंसीपल बॉन्ड’ के जरिये धन जुटाने की योजना बना रहा है।
इसमें महिला सशक्तीकरण भी शामिल है। वह घरों में सुरक्षित स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य और सफाई पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। अन्य पहल में युवा शिक्षा और रोजगार वाले उपायों पर जोर देना शामिल है।
स्वदेस ने कहा है कि एसएसई में किसी एनजीओ का यह सबसे बड़ा निर्गम होगा। इससे महाराष्ट्र में ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। निर्गम इस साल जुलाई के मध्य में खुलने की संभावना है।
रॉनी स्क्रूवाला ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘भारत सरकार ने कल्याणकारी गतिविधियों पर जोर दिया है। कॉरपोरेट सोशल रेस्पोंसिबिलिटी (सीएसआर) कानून अच्छी पहल है। लेकिन एक सामान्य व्यक्ति जो कुछ देना चाहता है, उसे नहीं पता कि यह कहां और कैसे करना है। ये विश्वसनीयता से जुड़े मामले हैं। हालांकि एसएसई एक बेहद मजबूत प्लेटफॉर्म तैयार कर रहा है। सेबी और एनएसई ने अपनी पूरी जांच-पड़ताल कर ली है। आपको बहुत सारी जानकारी देनी होती है और उसके बाद उसके प्रभाव के लिए जवाबदेह होना पड़ता है।’
स्वदेस फाउंडेशन प्रत्येक 6-7 वर्षों में 10 लाख ग्रामीण भारतीयों को सशक्त बनाने के एकमात्र लक्ष्य के साथ काम करता है। संगठन का कहना है कि उसका समग्र दृष्टिकोण 4 प्रमुख कार्य क्षेत्रों के माध्यम से व्यक्तिगत और सामुदायिक विकास के सभी पहलुओं को कवर करता है। इनमें स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, जल और स्वच्छता और आर्थिक विकास शामिल हैं। स्वदेस ने 11 वर्षों में महाराष्ट्र के रायगढ़ और नाशिक जिलों की 3,313 बस्तियों तक अपनी पहुंच बनाई है।