facebookmetapixel
BFSI Summit : ‘नए दौर के जोखिमों’ से निपटने के लिए बीमा उद्योग ने ज्यादा सहयोगभारत में प्राइवेट इक्विटी बनी FDI की सबसे बड़ी ताकत, रोजगार बढ़ाने में निभा रही अहम भूमिकाबढ़ते करोड़पतियों, वित्तीयकरण से वेल्थ मैनेजमेंट में आ रही तेजी; BFSI समिट में बोले उद्योग विशेषज्ञसाइबर सिक्योरिटी पर शिक्षित करना लंबी प्रक्रिया, ‘जीरो-ट्रस्ट मॉडल’ बनेगा सुरक्षा कवचडिजिटल परिसंपत्ति नीति पर रफ्तार बनाए भारत, BFSI समिट में एक्सपर्ट्स ने कहानकदी संकट के बाद माइक्रोफाइनैंस सेक्टर में दिखे सुधार के शुरुआती संकेत, इंडस्ट्री को गारंटी फंड से उम्मीदेंजीएसटी में कटौती से खर्च उठाने की क्षमता में होगा इजाफाविदेशी बाजारों में कदम बढ़ाने को तैयार भारतीय फिनटेक! सीमा पार भुगतान चुनौतियों का समाधान जरूरीनियामक के तौर पर खुलेपन को तरजीह: BFSI समिट में बोले अजय सेठडॉलर को हटाना नहीं, बल्कि जोखिम घटाना है रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण का मकसद : आरबीआई डिप्टी गवर्नर टी. रवि शंकर

Market Closing: फेड के रेट कट के बावजूद इन 3 वजहों से गिरा बाजार, सेंसेक्स 592 अंक टूटा; निफ्टी 25877 पर बंद

Stock Market Closing: फेडरल रिजर्व का यह फैसला पहले से तय माना जा रहा था। लेकिन फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान ने बाजार की उम्मीदों पर ठंडा पानी डाल दिया।

Last Updated- October 30, 2025 | 3:55 PM IST
Stock Market Today

Stock Market Closing Bell, 30 October: फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती की घोषणा के बावजदू भारतीय शेयर बाजार गुरुवार (30 अक्टूबर) बड़ी गिरावट में बंद हुए। फेड के फैसले का वैश्विक बाजारों में मिला-जुला माहौल देखने को मिला और इसका असर घरेलू शेयर बाजार पर भी पड़ा। रिलायंस इंडस्ट्रीज और एचडीएफसी बैंक जैसे हैवीवेट शेयरों में गिरावट ने भी बाजार को नीचे खींचा।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) गिरावट के साथ 84,750.90 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह 84,312 अंक के नीचले और 84,906 अंक के हाई लेवल तक गया। अंत में यह 592.67 अंक या 0.70 फीसदी की गिरावट लेकर 84,404 पर बंद हुआ।

इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी गिरावट लेकर 25,984 पर खुला। कारोबार के दौरान 26,032 अंक और 25,845 अंक के बीच झूलने के बाद यह 176.05 अंक या 0.68 फीसदी गिरकर 25,877 पर बंद हुआ।

जियोजित इन्वेस्टमेंट में रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा, ”जैसा कि उम्मीद की जा रही थी, अमेरिकी फेडरल रिज़र्व ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की। हालांकि, चेयरमैन जेरोम पॉवेल के इस संकेत के बाद कि यह संभवत 2025 की आखिरी दर कटौती हो सकती है। पॉवेल के इस संकेत से बाजार में तेजी थम गई और आगे ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें कम हो गईं। इसके बाद मजबूत होता अमेरिकी डॉलर उभरते बाजारों, जिनमें भारत भी शामिल है, में जोखिम से बचने की भावना को बढ़ा गया।”

उन्होंने कहा, ”घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के दूसरी तिमाही के मिले-जुले नतीजे रहने और सेंसेक्स की एफ एंड ओ एक्सपायरी के कारण बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। इस बीच, निवेशक ट्रंप–शी व्यापार वार्ताओं पर बाजार बनाए हुए हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन चर्चाओं को लेकर बनी अनिश्चितता बाजार की धारणा को सतर्क बनाए हुए है।”

Top Losers & Gainers

सेंसेक्स में कंपनियों में भारती एयरटेल, पावरग्रिड, टेक महिंद्रा, इंफोसिस और बजाज फाइनेंस सबसे ज्यादा गिरावट में रहने वाले शेयरों में रहे। दूसरी तरफ, एलएंडटी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, अल्ट्राटेक, मारुति सुजुकी और अदाणी पोर्ट्स के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।

ब्रोडर मार्केट में निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 0.1 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में क्रमशः 0.1 प्रतिशत की गिरावट आई। सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी एनर्जी को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर लाल निशान में बंद हुए। निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज में 0.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसके बाद आईटी, ऑटो, मेटल, फार्मा, बैंक और ऑयल एंड गैस का स्थान रहा।

शेयर बाजार में गिरावट की 3 बड़ी वजह

1. पॉवेल के बयान से बाजार की उम्मीदों को झटका

फेडरल रिजर्व का यह फैसला पहले से तय माना जा रहा था। लेकिन फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान ने बाजार की उम्मीदों पर ठंडा पानी डाल दिया। पॉवेल ने कहा कि दिसंबर में दर घटाना तय नहीं है। यानि आगे राहत मिलने की कोई गारंटी नहीं है। निवेशकों को उम्मीद थी कि लगातार दर कटौती से बाजार में पैसा बढ़ेगा। इससे अर्थव्यवस्था को भी सहारा मिलता। लेकिन पॉवेल के बयान से साफ है कि फेड अब सतर्क है। वह जल्दबाजी में कोई बड़ा कदम नहीं उठाएगा।

2. सेंसेक्स की अक्टूबर एक्सपायरी

सेंसेक्स की अक्टूबर डेरिवेटिव्स आज एक्सपायर हो रही हैं। सेंसेक्स का पुट-कॉल रेशियो (PCR) 0.7 पर रहा। यह दर्शाता है कि सेंसेक्स कॉल्स में पुट्स की तुलना में ज्यादा ओपन इंटरेस्ट (OI) मौजूद है।बीएसई के अनुसार, सेंसेक्स कॉल्स में सबसे अधिक ओपन इंटरेस्ट 85,000 स्ट्राइक पर देखा गया। इसके बाद 84,600 और 84,500 स्ट्राइक्स पर रहा। दूसरी ओर पुट्स में सबसे अधिक ओपन इंटरेस्ट 84,400 और 84,300 स्ट्राइक्स पर दिखाई दिया।

3. मुनाफावसूली

सेंसेक्स और निफ्टी के ऑल टाइम हाई के करीब पहुंचने के कारण बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिली। विश्लेषकों का मानना है कि आज की बाजार गतिविधि मुनाफावसूली का परिणाम है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस महीने अब तक बेंचमार्क इंडेक्स में 5 प्रतिशत से अधिक की बढ़त दर्ज की गई थी और वे अपने ऑल टाइम हाई के नजदीक पहुंच गए थे। वर्तमान स्तरों पर सेंसेक्स और निफ्टी अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर सितंबर 2024 में दर्ज 85,978 और 26,277 से क्रमशः 2 प्रतिशत से भी कम नीचे हैं।

Global Markets

इसी कारण एशियाई बाजारों में मिला-जुला माहौल देखने को मिला। दक्षिण कोरिया का कोस्पी सूचकांक करीब एक प्रतिशत बढ़ा, जबकि जापान का निक्केई 225 हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ। ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 भी नीचे फिसला, लेकिन टॉपिक्स इंडेक्स में मामूली बढ़त देखने को मिली। इस बीच, निवेशकों की नजरें अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की होने वाली मुलाकात पर टिकी हैं, जो ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के बाद उनकी पहली आमने-सामने बातचीत होगी। इस मुलाकात से व्यापारिक संबंधों पर असर पड़ सकता है, इसलिए बाजार इस पर पैनी निगाह रखे हुए है।

अमेरिकी बाजारों में भी कल हल्की कमजोरी दिखी। डॉव जोन्स 0.2 प्रतिशत गिरकर बंद हुआ, जबकि एसएंडपी 500 में मामूली गिरावट रही। हालांकि, नैस्डैक सूचकांक 0.55 प्रतिशत की तेजी के साथ नए रिकॉर्ड 23,958.47 पर पहुंच गया, जिसमें टेक्नोलॉजी कंपनी एनविडिया के शेयरों की मजबूत बढ़त का बड़ा योगदान रहा।

First Published - October 30, 2025 | 8:52 AM IST

संबंधित पोस्ट