देश की छह सबसे बड़ी स्मॉलकैप योजनाओं को अपनी शेयरधारिता 50 प्रतिशत कम करने के लिए 20 दिनों से अधिक समय की जरूरत होगी। जोखिम जांच (स्ट्रेस टेस्ट) के अनुसार इनमें ज्यादातर योजनाओं के पास नकदी की कोई कमी नहीं है और तेजी से कारोबार करने वाले लार्जकैप शेयरों में इनका निवेश भी अधिक है।
मिडकैप फंडों की बात करें तो इनमें चोटी की छह योजनाओं को 50 प्रतिशत हिस्सेदारी कम करने के लिए 7 से 34 दिनों की जरूरत होगी। म्युचुअल फंड कंपनियों द्वारा किए गए खुलासों में यह बात सामने आई है। इन दिनों छोटे एवं मझोले फंडों में बेतहाशा निवेश आ रहा है मगर इसके साथ इनके अधिक मूल्यांकन की चिंता भी पैदा हो गई है।
लिहाजा निवेशकों को उलझन से निकालने और उन्हें अधिक से अधिक जानकारियां मुहैया कराने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ऐसी जोखिम जांच कराए जाने पर जोर दे रहा है।
एसबीआई एमएफ ने कहा है स्मॉलकैप फंडों की परिसंपत्तियां कम करने के लिए उसे 60 दिनों की जरूरत होगी और 25 प्रतिशत हिस्सा बेचने के लिए लगभग 12 दिनों का समय लगेगा। हालांकि, फंड कंपनियों का मानना है कि अगर रकम तेजी से निकलने लगी तो स्मॉलकैप योजनाएं इस स्थिति से आसानी से इससे निपट सकती है।
एसबीआई एमएफ में उप महाप्रबंधक एवं संयुक्त मुख्य कार्याधिकारी डी पी सिंह ने कहा, ‘हमारे स्मॉलकैप फंड किसी भी परेशानी से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। स्मॉलकैप फंड पोर्टफोलियो में रसूखदार शेयरों की कोई कमी नहीं है और नकदी की भी भरमार है। इसके साथ ही लार्जकैप शेयरों में भी अच्छा खासा निवेश हो रखा है। पोर्टफोलियो का एक हिस्सा सुरक्षित रखने के उपाय पहले से तैयार हैं और एसआईपी के जरिये रकम लगातार आ रही है।’
जोखिम जांच इस बात का पता लगाती है कि शेयरों में हाल में हुए कारोबार को देखते हुए परिसंपत्तियां बेचने के लिए कितने दिनों की जरूरत होगी।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया ने जोखिम जांच का ढांचा तैयार किया है। इस ढांचे में सबसे कम कारोबार करने वाले 20 प्रतिशत हिस्से को हटाकर आनुपातिक आधार पर बिकवाली करने का तरीका अपनाने की भी शर्त रखी गई है। इस जांच के लिए म्युचुअल फंडों को पोर्टफोलियो में प्रत्येक शेयर के मामले में 10 प्रतिशत सहभागिता मात्रा (पार्टिसिपेशन वॉल्यूम) और पिछले तीन महीनों के रोजाना औसत कारोबार के तीन गुना आंकड़े पर विचार करना होगा।
एसबीआई के अलावा एचडीएफसी, टाटा, कोटक और डीएसपी को अपने स्मॉलकैप पोर्टफोलियो का 50 प्रतिशत हिस्सा बेचने के लिए 30 दिनों से अधिक समय की दरकार होगी।
निप्पॉन इंडिया एमएफ ने कहा है कि उसे अपने स्मॉलकैप पोर्टफोलियो का 50 प्रतिशत हिस्सा बेचने के लिए 27 दिन चाहिए। तुलनात्मक रूप से छोटी प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति (एयूएम) वाली योजनाएं स्ट्रेस टेस्ट में मजबूत स्थिति में आ रही हैं। 5,000 करोड़ रुपये से कम एयूएम वाली योजनाओं का कहना है कि वे 50 प्रतिशत हिस्सेदारी 5 दिनों के भीतर बेच सकती हैं।