भारत के शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी रही। वित्तीय शेयरों के पिटने की वजह से शेयर बाजार लुढ़के मगर उन्होंने अधिकांश एशियाई बाजारों से बेहतर प्रदर्शन किया। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक टकराव गहराने से दुनिया के कई बाजारों में निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता पर असर पड़ा है।
निफ्टी 50 सूचकांक 0.32 फीसदी टूटकर 25,145.5 पर आ गया। सेंसेक्स 0.36 प्रतिशत गिरकर 82,029.98 पर आ गया। शुक्रवार को अमेरिका द्वारा चीन के खिलाफ नए टैरिफ की धमकी के बाद जहां दोनों बेंचमार्क दो सत्रों में लगभग 0.6 फीसदी गिरे वहीं अन्य एशियाई बाजारों में 1.9 फीसदी की गिरावट आई। हालांकि तब से अमेरिका का रुख नरम हुआ है। लेकिन एशियाई बाजारों में गिरावट जारी है। एसएमसी ग्लोबल में रिटेल इक्विटी के सहायक उपाध्यक्ष सौरभ जैन ने कहा, ‘टैरिफ अनिश्चितता की ताजा धमकी के बीच भारत अन्य एशियाई बाजारों की तुलना में अच्छी स्थिति में रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘सरकारी कर कटौती और सहायक मौद्रिक नीति के कारण, वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में आय में सुधार की उम्मीद ने इसका असर कम करने में मदद की है। फिर भी, जब तक आय में सुधार के स्पष्ट संकेत नहीं मिलते, तब तक बाजार एक दायरे में बने रहेंगे।’ इस सप्ताह मामूली गिरावट से पहले शुक्रवार को प्रमुख सूचकांकों ने तीन महीनों में अपना सर्वश्रेष्ठ सप्ताह दर्ज किया था। स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में क्रमशः लगभग 0.9 प्रतिशत और 0.8 प्रतिशत की गिरावट आई।
सभी 16 प्रमुख सेक्टरों में गिरावट दर्ज की गई। वित्तीय और बैंक शेयर लगभग 0.2 फीसदी टूटे जबकि निजी ऋणदाताओं और सरकारी बैंकों में क्रमशः 0.3 फीसदी और 1.5 फीसदी की कमी हुई। मुनाफावसूली के कारण तीन सत्रों की बढ़त के बाद सूचकांक गिरावट का शिकार हुए।
शेयरों की बात करें तो एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया (जो बेंचमार्क का हिस्सा नहीं है) अपने निर्गम मूल्य से 50 प्रतिशत अधिक प्रीमियम पर सूचीबद्ध हुआ। 2021 में इटरनल के बाद से एक अरब डॉलर के आईपीओ के लिहाज से यह सबसे शानदार लिस्टिंग रही। एलजी का शेयर 48.2 प्रतिशत चढ़कर बंद हुआ। सितंबर तिमाही के मुनाफे में बढ़ोतरी के साथ वेल्थ मैनेजमेंट फर्म आनंद राठी वेल्थ में 7.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।