रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर सोमवार को करीब 3 फीसदी टूट गया क्योंकि दिग्गज कंपनी का जून में समाप्त तिमाही में मार्जिन और मुनाफा बाजार के अनुमानों से कमजोर रहा। देश की सबसे मूल्यवान कंपनी का शेयर 3.21 फीसदी की गिरावट के साथ 1,428.6 रुपये पर बंद हुआ जबकि बेंचमार्क निफ्टी-50 इंडेक्स में 0.49 फीसदी का इजाफा हुआ। 4 अप्रैल, 2025 के बाद आरआईएल के शेयरों में यह सबसे तेज गिरावट है। तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज समूह ने वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में शुद्ध लाभ में 78.3 फीसदी की सालाना वृद्धि दर्ज की और यह 26,994 करोड़ रुपये रहा। यह मुख्यतः एशियन पेंट्स में अपनी हिस्सेदारी बेचने से हुए एकमुश्त लाभ के कारण हुआ। अन्य आय से मिले लाभ को छोड़कर इसका समेकित कर पूर्व लाभ सालाना आधार पर 14.4 फीसदी बढ़ा जो बाजार के अनुमानों से कम है।
आरआईएल की समेकित शुद्ध बिक्री उम्मीद से थोड़ी कम रही और यह सालाना आधार पर 5.1 फीसदी की बढ़त के साथ 2.43 लाख करोड़ रुपये रही। राजस्व वृद्धि में यह कमी मुख्यतः उसके तेल से रसायन (ओ2सी) और तेल एवं गैस कारोबार में सिकुड़न के कारण हुई। इसकी तुलना में जियो प्लेटफॉर्म और रिलायंस रिटेल दोनों ने तिमाही के दौरान शुद्ध बिक्री में सालाना आधार पर दो अंकों में वृद्धि दर्ज की।
एमके ग्लोबल के विश्लेषकों ने कहा कि समेकित एबिटा और शुद्ध लाभ उम्मीद से क्रमशः 5 फीसदी और 7 फीसदी कमजोर रहे। प्रबंधन हालांकि आशावादी है। उसने रिफाइनरियों के बंद रहने के दौरान ओ2सी सेगमेंट से समर्थनका हवाला दिया है। रिटेल और जियो में और तेजी की उम्मीद है और उनका लक्ष्य अगले 4-5 वर्षों में समूह का एबिटा दोगुना करना है।
नुवामा इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज ने बताया कि पहली तिमाही में एबिटा में सालाना आधार पर 11 फीसदी की वृद्धि हुई। लेकिन खुदरा और ओ2सी खंडों में अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन के कारण यह अनुमान से कम रहा। नोमुरा ने डिजिटल कारोबार के लिए कम एबिटा और ओ2सी कारोबार के लिए कमजोर एबिटा अनुमानों का हवाला देते हुए वित्त वर्ष 27 के लिए अपने अनुमान में 3 फीसदी की कटौती की है। हालांकि ब्रोकरेज फर्म आरआईएल के मध्य अवधि के दृष्टिकोण को लेकर आशावादी बनी हुई है क्योंकि कंपनी के न्यू एनर्जी कारोबार में वृद्धि, जियो के लिए टैरिफ में बढ़ोतरी से सीधे तौर पर लाभप्रदता में वृद्धि की उम्मीद है। साथ ही जियो के संभावित आईपीओ या लिस्टिंग का हवाला दिया गया है।
अनुमान से कम रहने के बावजूद विश्लेषक मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाले समूह को लेकर आशावादी बने हुए हैं जिसमें नए ऊर्जा कारोबार में वृद्धि की संभावनाएं हैं। नोमूरा के विश्लेषकों का मानना है कि नया ऊर्जा कारोबार आरआईएल की अगली वृद्धि के इंजन के रूप में उभर सकता है क्योंकि कंपनी एकीकृत सौर समाधानों और ऊर्जा भंडारण प्रणाली (ईएसएस) बैटरी विनिर्माण और तैनाती में वैश्विक नेतृत्व को लक्ष्य कर रही है।
नोमूरा के विश्लेषकों ने कहा, हमारा मानना है कि नया ऊर्जा कारोबार रिलायंस के लिए बढ़ोतरी का अगला चालक हो सकता है क्योंकि कंपनी एकीकृत सौर समाधान और बैटरी विनिर्माण व कार्यान्वयन में विश्व में अग्रणी बनने का लक्ष्य कर रही है। नुवामा के अनुसार, नया ऊर्जा कारोबार अगली 4 से 6 तिमाहियों में तेजी से बढ़ने की उम्मीद है और यह कर पश्चात लाभ में 50 फीसदी से अधिक का योगदान दे सकता है जिससे संभावित रूप से 20 अरब डॉलर का उद्यम मूल्य प्राप्त हो सकता है।