facebookmetapixel
मनरेगा बचाने के लिए सड़क पर उतरेंगे मजदूर, 19 दिसंबर से आंदोलनअनुसंधान व शिक्षा का वैश्विक केंद्र बनेगा भारत, विदेशी यूनिवर्सिटियों को न्योतावैश्विक व्यापार को हथियार बनाया जा रहा है, भारत को सावधानी से आगे बढ़ना होगा: सीतारमणकम दाम से परेशान प्याज किसानों ने उठाया बड़ा कदम, नाशिक में बनेगा राष्ट्रीय प्याज केंद्र20,000 AI एजेंट, भारतीय स्टार्टअप्स को मिलेगी नई रफ्तार: प्रोसस इंडिया के आशुतोष शर्माAmazon Pay ने शुरू किया यूपीआई बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन, पिन की जरूरत खत्मEV पर ही केंद्रित हों सरकारी प्रोत्साहन, हाइब्रिड पर नहीं: संसदीय समितियूपीआई से जुड़ेगा क्रेडिट कार्ड, गूगल पे की नई पहलसेल्फ-मेड अरबपतियों में दीपिंदर गोयल नंबर वननिजी निवेश का डर खत्म करने के लिए लाया गया परमाणु ऊर्जा शांति विधेयक: सरकार

शेयर मार्केट में पैसा लगाने से पहले पढ़ ले ये Interview

पीजीआईएम इंडिया म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी विनय पहाड़िया का कहना है कि तीसरी तिमाही के नतीजे और प्रबंधन की टिप्पणियों से शुरुआती रुझान आशाजनक नहीं लगते हैं।

Last Updated- January 30, 2025 | 10:28 PM IST
Share Market

पीजीआईएम इंडिया म्युचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी विनय पहाड़िया का कहना है कि तीसरी तिमाही के नतीजे और प्रबंधन की टिप्पणियों से शुरुआती रुझान आशाजनक नहीं लगते हैं। इसलिए इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव ज्यादा समय तक रह सकता है। अभिषेक कुमार के साथ ईमेल बातचीत में पहाड़िया ने कहा कि मध्यावधि से दीर्घावधि का परिदृश्य सकारात्मक बना हुआ है। बातचीत के मुख्य अंश:

बाजार कब तक इसी दायरे में बना रह सकता है?
एक वजह यह है कि महामारी के बाद तेजी से बढ़ी खपत अब कमजोर पड़ती दिख रही है। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में कमजोरी कुछ हद तक मौसम के विपरीत हालात और आम चुनाव से पहले सरकारी खर्च में कमी की वजह से आई। यह कमजोरी वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में बरकरार रह सकती है। आय वृद्धि को घटते आय अनुमानों का सामना करना पड़ सकता है, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है। हालांकि इक्विटी बाजार के लिए मध्यावधि से दीर्घावधि का परिदृश्य मजबूत बना हुआ है क्योंकि लंबी अवधि में सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि मजबूत रहने की उम्मीद है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की तेजी से निकासी क्यों हो रही है?
विदेशी निवेशक कई बातों पर ध्यान देते हैं, जिनमें अन्य बाजारों के ज्यादा आकर्षक मूल्यांकन भी शामिल हैं। उनके अपने घरेलू बाजारों में जोखिम-मुक्त ब्याज दरों में वृद्धि एक कारण हो सकती है। सबसे नया कारक डॉनल्ड ट्रंप का अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर पुन: चुना जाना है। अमेरिका बाजार शानदार पूंजी प्रवाह आ रहा है जबकि अन्य बाजारों को निकासी का सामना करना पड़ रहा है।

आप मूल्यांकन को किस नजरिये से देखते हैं? क्या यह निवेशकों के लिए उनका इक्विटी आवंटन बढ़ाने के लिए सही समय है?
मूल्यांकन ऐतिहासिक औसत के मुकाबले ऊंचे हैं, खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंटों में। हालांकि मूल्यांकन कंपनी की गुणवत्ता के आधार पर अलग अलग होता है। इस समय कम गुणवत्ता वाले, कम वृद्धि वाले शेयर बबल जोन में यानी बुलबुले जैसे मूल्यांकन की स्थिति में कारोबार कर रहे हैं जबकि ऊंची वृद्धि और अच्छी गुणवत्ता वाले शेयर उचित कीमतों पर उपलब्ध हैं। हमें नहीं लगता कि इक्विटी आवंटन बढ़ाने का यह सही समय है।

क्या आप अपने पोर्टफोलियो के सेक्टर बदल रहे हैं।
हम हेल्थकेयर, दूरसंचार, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी, निजी बैंकों और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेक्टरों पर उत्साहित हैं। हम क्विक कॉमर्स, ऑनलाइन फूड डिलिवरी, संगठित रिटेल, कई इंटरनेट-आधारित व्यवसायों और इलेक्ट्रॉनिक एवं फार्मास्युटिकल के अनुबंधित निर्माताओं के साथ साथ अन्य क्षेत्रों पर भी सकारात्मक बने हुए हैं।

बजट से आपकी क्या उम्मीदें हैं?
सरकार राजकोषीय अनुशासन और आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन के बीच संतुलन पर जोर दे सकती है। उम्मीद है कि उपभोग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे और पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।

First Published - January 30, 2025 | 10:13 PM IST

संबंधित पोस्ट