उच्च फ्रीक्वेंसी वाले ज्यादातर ट्रेडर (एचएफटी) हालांकि बेहतर पहुंच के लिए एक्सचेंजों के पास रहकर कामकाज करना पसंद करते हैं, वहीं कुछ लोग थोड़ी रकम बचाने के लिए निकटता छोड़ने को तैयार हैं। दो एचएफटी ने गिफ्ट सिटी (गुजरात इंटरनैशनल फाइनैंस टेक-सिटी) आईएफएससी में अपने कार्यालय खोल दिए हैं जबकि कई और के ऐसा करने की उम्मीद है।
ये एचएफटी अल्गोरिदम और क्वांट रणनीतियों को लागू करते हैं। इनका भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) नियमन करता रहेगा और ये घरेलू एक्सचेंजों में भी कारोबार करेंगे। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार गिफ्ट सिटी में बदलाव का मकसद ब्रोकिंग लेनदेन पर चुकाई जाने वाली स्टांप ड्यूटी की अहम राशि बचाना है।
एचएफटी के ट्रेडों की संख्या अधिक होती है। इसलिए उनकी लेनदेन लागत भी बढ़ जाती है। एक विशेषज्ञ ने बताया कि स्टांप ड्यूटी रिफंड के साथ उनका लाभ करोड़ों में हो सकता है। कानूनी और कर विशेषज्ञों का कहना है कि गुजरात सरकार की एक योजना ने इस बदलाव को बढ़ावा दिया है। योजना के तहत शेयर ब्रोकिंग लेनदेन पर चुकाई गई 100 फीसदी स्टांप ड्यूटी पात्र ब्रोकरों को वापस कर दी जाती है।
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हालांकि कर लाभ और स्टांप ड्यूटी लाभ को गुजरात सरकार ने लगभग पांच वर्ष पहले ही अधिसूचित कर दिया था। लेकिन अब जाकर एचएफटी का ध्यान इस ओर गया है। कर विशेषज्ञ ने कहा, पहले इस प्रक्रिया में कुछ खामियां थीं, जिसके कारण यह स्पष्ट नहीं हो पाता था कि रिफंड आएगा या नहीं। अब पिछले डेढ़ साल में इसे दुरुस्त किया गया है। वैश्विक संस्थाओं को नई व्यवस्था को नया ढांचा खड़ा करने में समय लगता है। कुछ ने अब बातचीत शुरू कर दी है।
जंप ट्रेडिंग और टावर रिसर्च दो ऐसी फर्म हैं जिन्होंने गिफ्ट सिटी में अपने कार्यालय खोल लिए हैं। जंप का मुंबई में पहले से ही एक कार्यालय है जबकि टावर का भारत में पहला कार्यालय गुरुग्राम, हरियाणा में स्थापित किया गया था। विशेषज्ञों ने कहा कि इन दोनों एचएफटी ने पिछले एक साल में अपने गिफ्ट सिटी कार्यालय शुरू किए हैं। इस बारे में जानकारी के लिए इन दोनों एचएफटी को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला।
सूत्रों ने बताया कि कई एचएफटी ने रुचि दिखाई है और वित्तीय केंद्र में अवसरों और लाभों के अपने विश्लेषण के आधार पर वहां दफ्तर खोलने पर विचार कर रहे हैं।
प्राइस वाटरहाउस ऐंड कंपनी में पार्टनर सुरेश स्वामी ने कहा, गुजरात सरकार ने कई अधिसूचनाओं और परिपत्रों के माध्यम से शेयर ब्रोकरों को गिफ्ट सिटी में अपने पंजीकृत कार्यालय खोलने और चलाने को प्रोत्साहित करने के लिए स्टांप ड्यूटी रिफंड प्रोत्साहन की शुरुआत की है। यह पहल लेनदेन लागत को कम करके और स्टॉकब्रोकिंग गतिविधियों के लिए इसे आकर्षक बनाने और गिफ्ट सिटी को प्रमुख अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र के रूप में विकसित करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।
लाभ उठाने के लिए एचएफटी को गिफ्ट सिटी में अपना शेयर ब्रोकिंग कार्यालय पंजीकृत कराना होगा और वास्तविक ट्रेडिंग करनी होगी। इसके अलावा, उन्हें न्यूनतम संख्या में कर्मचारी रखने होंगे और अनुपालन तथा संचालन भूमिकाओं के लिए पूर्णकालिक कर्मचारियों को नियुक्त करना होगा। साथ ही आपदा रिकवरी सेटअप और ट्रेडिंग टर्मिनलों जैसी कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता बरकरार रखनी होगी।
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने मई में शेयर दलालों को गिफ्ट सिटी में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में बिना किसी पूर्व स्वीकृति के काम करने की अनुमति दे दी थी। गिफ्ट आईएफएससी में प्रतिभूति बाजार से संबंधित गतिविधियों को करने का प्रस्ताव रखने वाले शेयर दलालों को स्टॉक ब्रोकिंग इकाई की एक अलग व्यावसायिक इकाई के तहत ऐसा करने की अनुमति है।