बीएनपी पारिबा ने बुधवार को कहा कि इस साल के लिए शेयर बाजार का परिदृश्य धुंधला बना हुआ है क्योंकि वृद्धि की रफ्तार धीमी है और हाई-फ्रीक्वेंसी इंडिकेटर नरमी दिखा रहे हैं। फ्रांस मुख्यालय वाली ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि कैलेंडर वर्ष 2025 एक अंक रिटर्न वाला एक और वर्ष होगा। बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और अमेरिकी डॉलर में मजबूती आने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) में भारत जैसे महंगे उभरते बाजारों (ईएम) को लेकर दिलचस्पी घट रही है।
बीएनपी पारिबा को उम्मीद है कि निफ्टी-50 सूचकांक इस साल के अंत तक 25,500 तक पहुंच जाएगा जो बुधवार के बंद भाव के हिसाब से 10 फीसदी की वृद्धि है। एफपीआई की पूंजी आवक की कमजोर राह को देखते हुए ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) बाजार के लिए महत्त्वपूर्ण बने रहेंगे और आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के माध्यम से नए शेयरों की मजबूत आपूर्ति को खपाने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बीएनपी पारिबा में इंडिया इक्विटी रिसर्च के प्रमुख और निदेशक कुणाल वोरा ने कहा, ‘अभी तक इन सभी को समाहित करने के लिए घरेलू प्रवाह बहुत मजबूत होना चाहिए। ’ वोरा ने कहा कि इक्विटी की लगातार बढ़ रही आपूर्ति नकारात्मक होगी क्योंकि घरेलू संस्थानों का अधिकांश हिस्सा आपूर्ति को संभालने में ही चला जाएगा।
एफपीआई निवेश की आवक के लिए आगे की रहा बहुत अच्छी नहीं दिख रही है क्योंकि बढ़ते बॉन्ड प्रतिफल, नीति में संभावित बदलाव और चीन में अपनी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए संभावित प्रोत्साहन उपायों के बीच अमेरिकी बाजार अधिक आकर्षक है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ते बॉन्ड प्रतिफल से विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजारों का आकर्षण घटता है। मजबूत घरेलू निवेश प्रवाह की वजह से भले ही एफपीआई पर भारत की निर्भरता घटी है। लेकिन एफपीआई के पास 800 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय शेयर मौजूद हैं और उनकी लगातार बिकवाली एक मुख्य जोखिम है।
ब्रोकरेज ने अनुमान जताया है कि निफ्टी की वित्त वर्ष 2025 की आय वृद्धि नरम पड़कर 4-5 फीसदी रह जाएगी, क्योंकि कुछ बड़े क्षेत्रों (खासकर तेल रिफाइनिंग) में आय पर दबाव देखा जा सकता है। ब्रोकरेज ने लार्जकैप को पसंद किया है क्योंकि मिडकैप और स्मॉलकैप अपने दीर्घावधि औसत की तुलना में महंगे मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं।
सेक्टोरल पसंद के आधार पर बीएनपी पारिबा का कहना है कि उसने बैंकिंग शेयरों को पसंद किया है क्योंकि वित्त वर्ष 2026 की आय वृद्धि का परिदृश्य मजबूत है। ऋण लागत में ज्यादा इजाफा होने के आसार नहीं हैं। बीएनपी आईटी सेवा क्षेत्र पर भी उत्साहित है क्योंकि वृहद परिवेश पिछले दो साल की तुलना में अधिक अनुकूल है। दूरसंचार में भी सुधार बरकरार रह सकता है।
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