facebookmetapixel
अरावली पर सुप्रीम कोर्ट की रोक: पर्यावरण संरक्षण के नजरिये पर पुनर्विचार का मौकाबैंक रिकवरी पर सरकार का फोकस बढ़ा, वसूली में तेजी लाने के लिए तंत्र को किया जा रहा मजबूतरहने योग्य शहरों के लिए डिजाइन को नागरिक कौशल बनाना क्यों जरूरी है?बैंकिंग सेक्टर में बदलाव! RBI ने कहा: पांच वर्षों में पहली बार सरकारी बैंकों में कर्मचारियों की बढ़ी संख्याइलेक्ट्रिक मोबिलिटी को रफ्तार: 6000 ई-बसों की निविदा जल्द होगी जारी, PM ई-ड्राइव को मिलेगा बूस्टबड़े बदलावों और आर्थिक झटकों का साल: कैसे 2025 ने वैश्विक आर्थिक व्यवस्था की पुरानी नींव हिला दीपश्चिमी प्रतिबंधों की मार: रूस से कच्चे तेल का आयात तीन साल के निचले स्तर पर, सप्लाई में बड़ी गिरावटGold Outlook 2026: ऊंची कीमतों के बावजूद सोने की चमक बरकरार, 2026 में भी तेजी का समर्थन करेंगे फंडामेंटल्सरिटायरमेंट फंड से घर का सपना: NPS निकासी में मकान खरीदने या बनाने के लिए सबसे ज्यादा आवेदन दर्जबॉन्ड की बढ़त थमी, ब्याज दरों के खेल में कंपनियों की बैंकों की ओर दमदार वापसी

शेयर बाजार में मामूली गिरावट, Sensex 62200 के नीचे बंद

Last Updated- December 12, 2022 | 8:15 PM IST
share market

वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख और विदेशी निवेशकों की सतत निकासी के बीच सोमवार को सतर्कता भरे कारोबार में Sensex 51 अंक के नुकसान में रहा, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का Nifty लगभग फ्लैट बंद हुआ।

कारोबारियों के मुताबिक, नवंबर के मुद्रास्फीति एवं औद्योगिक उत्पादन संबंधी आंकड़ों से पहले अधिकतर कारोबारियों ने सतर्कता बरती और वे जोखिम लेने से बचते रहे।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 51.10 अंक यानी 0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 62,130.57 अंक पर बंद हुआ।
हालांकि, सेंसेक्स एक समय 505.52 अंक यानी 0.81 प्रतिशत तक लुढ़क गया था लेकिन बाद में इसमें सुधार आया।

एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी भी उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बाद सपाट स्तर पर रहा। निफ्टी 0.55 अंक की मामूली बढ़त के साथ 18,497.15 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से एशियन पेंट्स सर्वाधिक 1.94 प्रतिशत के नुकसान में रही।

इसके अलावा इन्फोसिस, टाइटन, कोटक महिंद्रा बैंक, पावर ग्रिड, भारती एयरटेल, एसबीआई और बजाज फिनसर्व के शेयर भी नीचे आए। दूसरी तरफ टाटा स्टील, नेस्ले इंडिया, डॉ रेड्डीज, विप्रो, अल्ट्राटेक सीमेंट, एचडीएफसी बैंक एवं आईटीसी के शेयरों में 1.18 प्रतिशत तक की बढ़त दर्ज की गई।

बाजार में नकारात्मक धारणा हावी रही और सेंसेक्स के कुल 30 में से 16 शेयर शेयर नुकसान में रहे। व्यापक बाजार में बीएसई स्मॉलकैप में 0.36 प्रतिशत की बढ़त रही जबकि मिडकैप 0.30 प्रतिशत बढ़ गया।

कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध प्रमुख (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘शुरुआती गिरावट से उबरने के बाद सूचकांक एक दायरे में ही रहे। निवेशकों ने मुद्रास्फीति के आंकड़े और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के पहले खुद को किनारे ही रखना बेहतर समझा।” रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि स्थानीय स्तर पर कोई बड़ी घटनाक्रम न होने से घरेलू बाजार वैश्विक रुझान पर ही चल रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘शेयर कारोबारियों को मौजूदा स्थिति में जुझारूपन दिखाने वाले बैंकिंग, एफएमसीजी एवं धातु क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। आईटी एवं फार्मा क्षेत्रों में गिरावट जारी रह सकती है।’’

एशिया के अन्य बाजारों में भी गिरावट का रुख देखा गया। दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान के साथ बंद हुए। यूरोप के बाजारों में भी दोपहर के सत्र में गिरावट देखी जा रही थी। अमेरिकी बाजार शुक्रवार को नकारात्मक स्तर पर बंद हुए थे।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.80 प्रतिशत गिरावट के साथ 75.49 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय बाजार से निकासी का सिलसिला जारी रखा है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने शुक्रवार को 158.01 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

First Published - December 12, 2022 | 7:20 PM IST

संबंधित पोस्ट