facebookmetapixel
सोना कॉमस्टार ने दुर्लभ खनिज मैग्नेट की गुणवत्ता पर जताई चिंताअदाणी डिफेंस ऐंड एयरोस्पेस ने किया एमटीएआर टेक्नॉलजीज संग करारMSME पर ट्रंप टैरिफ का असर: वित्त मंत्रालय बैंकों के साथ करेगा समीक्षा, लोन की जरूरतों का भी होगा आकलनवैश्विक बोर्डरूम की नजर भारत पर, ऊंची हैं उम्मीदें : डीएचएल एक्सप्रेसTesla और VinFast की धीमी शुरुआत, सितंबर में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में हिस्सेदारी 1% से भी कमकंपनियां दीवाली पर कर्मचारियों और ग्राहकों को स्वादिष्ट और उपयोगी उपहार देने में दिखा रहीं बढ़त!किर्लोस्कर का औद्योगिक सुधार पर दांव, अरबों डॉलर की राजस्व वृद्धि पर नजरLokah Chapter 1: Chandra ने ₹30 करोड़ बजट में ₹300 करोड़ की कमाई की, दुनिया भर में रिकॉर्ड तोड़ाH-1B वीजा पर निर्भर नहीं है TCS, AI और डेटा सेंटर पर फोकस: के कृत्तिवासनदूसरी तिमाही के दौरान प्रमुख सीमेंट कंपनियों की आय में मजबूती का अनुमान

Results preview: IT कंपनियां Q4 दर्ज कर सकती है धीमी वृद्धि, हर किसी की नजर FY25 के अनुमान पर

जनवरी-मार्च की चौथी तिमाही को नरम माना जाता है और IT सेक्टर की मौजूदा चुनौतियां बरकरार रह सकती हैं।

Last Updated- April 05, 2024 | 10:00 PM IST
IT कंपनियां Q4 दर्ज कर सकती है धीमी वृद्धि, हर किसी की नजर FY25 के अनुमान पर, Results preview: IT firms may report muted Q4 growth, eyes on FY25 guidance

Results preview: कमजोर विवकाधीन खर्च और अर्थव्यवस्था की अनिश्चितताओं की वजह से वित्त वर्ष 2024 की आखिरी तिमाही नरम रहने से कई जानकार उम्मीद कर रहे हैं कि वित्त वर्ष 2025 आईटी उद्योग के लिए रिकवरी का वर्ष होगा।

जनवरी-मार्च की चौथी तिमाही को नरम माना जाता है और इस क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियां बरकरार रह सकती हैं। यह क्षेत्र कमजोर पैरों के साथ नए वित्त वर्ष में प्रवेश कर रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि बड़ी कंपनियां -1 प्रतिशत से 1.5 प्रतिशत की तिमाही वृद्धि दर्ज करेंगी और मिडकैप कंपनियों के लिए यह 0.7 प्रतिशत से 4 प्रतिशत के दायरे में रह सकती है। इसका यह भी मतलब है कि मिडकैप कंपनियां अपनी बड़ी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करेंगी।

बाजार की नजर मांग परिवेश के बारे में शीर्ष कंपनियों के प्रबंधन के अनुमानों और टिप्पणियों पर रहेगी। आईटी कंपनियों के नतीजों का दौर टीसीएस के साथ शुरू होगा। कंपनी 12 अप्रैल को अपने नतीजों की घोषणा करेगी जिसके बाद इन्फोसिस 18 अप्रैल और एचसीएलटेक 26 अप्रैल को नतीजे पेश करेंगी।

इन्फोसिस प्रबंधन की टिप्पणी महत्वपूर्ण होगी क्योंकि कंपनी सालाना राजस्व अनुमान जारी करती है। टीसीएस हालांकि कोई अनुमान नहीं देती लेकिन मांग को समझने के लिए नियुक्तियों के बारे में कंपनी की टिप्पणी महत्वपूर्ण होगी।

हालांकि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही की राजस्व वृद्धि धीमी रहेगी लेकिन विश्लेषक लागत कटौती के उपायों, कम नियुक्तियों और चुनिंदा वेतन वृद्धि जैसे उपायों से मार्जिन में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं।

बीएनपी पारिबा सिक्योरिटीज के कुमार राकेश ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘अपने कवरेज वाली ज्यादातर कंपनियों में हम वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही से सालाना आधार पर राजस्व वृद्धि में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। हमने नोट किया है कि कुछ कंपनियों पर परियोजनाएं बंद करने का प्रभाव रह सकता है। हमें परिचालन दक्षता की वजह से अपने कवरेज वाला ज्यादातर कंपनियों के लिए तिमाही दर तिमाही एबिट मार्जिन सुधरने का अनुमान है। हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2025 का अनुमान एक महत्वपूर्ण अल्पावधि उत्प्रेरक होगा।’

नोमुरा की रिपोर्ट केअनुसार लार्जकैप कंपनियों (टेकमहिंद्रा को छोड़कर) के लिए एबिट मार्जिन वित्त वर्ष 2025 एफ में सालाना आधार पर 40 प्रतिशत तक सुधर सकता है। कई विश्लेषक मान रहे हैं कि चौथी तिमाही से मंदी खत्म होने की शुरुआत हो सकती है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 बेहतर होगा। वित्तीय सेवाओं में कुछ सकारात्मक बदलाव दिख रहे हैं। बड़े आकार के सौदों का लाभ मिल रहा है। ग्राहकों ने लागत केंद्रित कार्यक्रमों पर जोर दिया है जिससे उन कंपनियों को फायदा होता है जो समेकित मल्टीसर्विसेज यानी कई सेवाओं वाले सौदे मुहैया करा सकती हैं।’

लेकिन वृहद आर्थिक स्तर पर अभी भी नहीं उबर पाने की वजह से कई विश्लेषक यह मान रहे हैं कि इन्फोसिस, एचसीएलटेक और विप्रो जैसी कंपनियों द्वारा मुहैया कराए जाने वाले अनुमान कमजोर होंगे।

बाजार उम्मीद कर रहा है कि इन्फोसिस वित्त वर्ष 2025 के लिए 2 से 6 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जताएगी। इस बीच, भले ही एचसीएलटेक की रणनीति अपने उत्पाद पोर्टफोलियो मिश्रण की वजह से दूसरों से अलग हो लेकिन उसकी वित्त वर्ष की पहली तिमाही आम तौर पर कमजोर रही है। इसके अलावा एक्सेंचर ने अपना राजस्व अनुमान घटाया है क्योंकि उसे डिस्क्रेशनरी खर्च पर दबाव बने रहने की आशंका है।

नोमुरा का मानना है कि एक्सेंचर द्वारा ताजा अनुमान कटौती तथा मौजूदा वृहद आर्थिक अनिश्चितताओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय आईटी कंपनियां सतर्कता के साथ सालाना राजस्व वृद्धि अनुमान जारी करेंगी।

नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हम आईटी सेवाओं के लिए डिस्क्रेशनरी मांग में बड़े उतार-चढ़ाव की वजह से सीमित संभावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र पर सतर्क बने हुए हैं। परिचालन प्रदर्शन वित्त वर्ष 2025 में सभी कंपनियों के लिए अलग अलग रहेगा। वित्त वर्ष 2025-26 का ईपीएस अनुमान बाजार के मुकाबले 2-9 प्रतिशत कम है। हम इस क्षेत्र पर चयन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं।’

एक्सेंचर के नतीजों का दूसरा पहलू यह था कि बैंकिंग और वित्त जैसे क्षेत्र में लगातार परेशानी दिख रही थी जो भारतीय आईटी दिग्गजों के लिए सबसे बड़ा क्षेत्र है।

First Published - April 5, 2024 | 10:00 PM IST

संबंधित पोस्ट