मूल्यांकन के लिहाज से देश की सबसे बड़ी लिस्टेड फर्म रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने लगातार दूसरी तिमाही में बाजार के अनुमानों को पीछे छोड़ दिया। खुदरा क्षेत्र का परिचालन भले ही अनुमान से थोड़ा कमजोर रहा, लेकिन दूरसंचार कारोबार (Jio) का प्रदर्शन कुल मिलाकर उम्मीद के मुताबिक रहा। ऐसे में तेल से लेकर केमिकल सेक्टर में काम करने वाली दिग्गज कंपनी की क्रमिक आधार पर 20 फीसदी वृद्धि से उपभोक्ता कारोबार के नरम प्रदर्शन की भरपाई करने में मदद मिली। एनर्जी वर्टिकल की हिस्सेदारी उसके एकीकृत परिचालन लाभ में आधे से ज्यादा रही और शुद्धलाभ में करीब तीन चौथाई।
O2C कारोबार में क्रमिक आधार पर मार्जिन में हुई बढ़ोतरी केमिकल मार्जिन में हुए सुधार और अमेरिका में ईथेन की सस्ती कीमत के चलते हुई, जो 36 फीसदी घटा। मॉर्गन स्टैनली के रिसर्च से यह जानकारी मिली। सिंगापुर सकल रिफाइनिंग मार्जिन (gross refining margins) क्रमिक आधार पर सुधरकर 8.2 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिसे चीन की अर्थव्यवस्था के खुलने और मोबिलिटी के स्तर में इजाफे से सहारा मिला।
हालांकि अल्पावधि को लेकर कुछ चिंता भी है क्योंकि सिंगापुर बेंचमार्क पिछले पखवाड़े 6 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 2.5 डॉलर प्रति बैरल रह गया, जिसकी वजह मांग-आपूर्ति से जुड़े कई संकेतक हैं। सभी उत्पादों का स्प्रेड कम है और डीजल को सबसे ज्यादा झटका लगा है। एंटिक स्टॉक ब्रोकिंग (Antique Stock Broking) का हालांकि मानना है कि इसकी प्रकृति अल्पावधि की है और इसमें सुधार आएगा जब मांग-आपूर्ति अगले दो साल में रिफाइनिंग सुपर साइकल को सहारा देने लगेगी।
दूरसंचार कारोबार में ARPU स्थिर रहा और क्रमिक आधार पर ग्राहक संख्या में 1.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। दौलत कैपिटल (Dolat Capital ) के हिमांशु शाह की अगुआई में विश्लेषकों ने कहा कि वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में Jio की वित्तीय स्थिति थोड़ी बेहतर रही, जिसकी अगुआई नेटवर्क की स्थिर लागत और ज्यादा ARPU 179 रुपये ने की। ब्रोकरेज हालांकि ज्यादा पूंजीगत खर्च, मुक्त नकदी प्रवाह में सुस्ती और उच्च कर्ज को अल्पावधि व मध्यम अवधि के लिहाज से Jio के लिए अहम चुनौतियों के तौर पर रेखांकित करती है।
बाजार की नजर 5G अपनाने की रफ्तार पर रहेगी क्योंकि कंपनी अपने कवरेज में आक्रामकता से सुधार ला रही है। साथ ही इस पर नजर रहेगी कि कैसे यह उच्च एपीआरयू में तब्दील होता है। इसी तरह ब्रॉडबैंड सेवाएं अपनाने में तेजी और आकर्षक कीमतें ग्राहक आधार में विस्तार व प्रति ग्राहक राजस्व में बढ़ोतरी की अगुआई करेगी।
खुदरा कारोबार के प्रदर्शन को 41 फीसदी ज्यादा ग्राहक आने से सहारा मिला और यह 21.9 करोड़ हो गया। साथ ही स्टोर की संख्या भी 18.7 फीसदी बढ़ी। सालाना आधार पर परिचालन लाभ 33 फीसदी बढ़ा और मार्जिन में 60 आधार अंकों का इजाफा हुआ, लेकिन क्रमिक आधार पर लाभ 2 फीसदी बढ़ा व मार्जिन स्थिर रहा।
उच्च वृद्धिके बावजूद शुद्धलाभ में कम बढ़ोतरी हुई, यानी सालाना आधार पर यह 13 फीसदी बढ़ा जबकि क्रमिक आधार पर स्थिर रहा, जिसका कारण कर्ज के स्तर व ब्याज लागत में इजाफा था, जो एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले 2.5 फीसदी बढ़ा। यह कहना है नुवामा रिसर्च (Nuvama Research) का। ब्रोकरेज ने इस शेयर पर खरीद की रेटिंग बरकरार रखी है और उम्मीद कर रही है कि वृद्धि के अगले दौर की अगुआई कंपनी का नया ऊर्जा क्षेत्र करेगा। कंपनी ने न्यू एनर्जी-अक्षय ऊर्जा (new energy/renewable energy) के खुद में विलय की योजना छोड़ दी है और कारोबार का परिचालन अपनी सहायक रिलायंस न्यू एनर्जी के जरिए जारी रखेगी।
ब्रोकरेज कंपनी के कर्ज पर भी नजर रखेगी क्योंकि एकीकृत सकल कर्ज सालाना आधार पर 18 फीसदी बढ़कर 3.14 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया जबकि शुद्ध कर्ज इसी अवधि मे 3 गुने से ज्यादा बढ़कर 1.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा, जिसकी वजह खुदरा, डिजिटल और ओ2सी क्षेत्रों में जारी निवेश है। इसने हालांकि संकेत दिया है कि निवेश जारी रहने के बावजूद वह शुद्धकर्ज-परिचालन लाभ अनुपात 1 से नीचे बरकरार रखेगी। वित्त वर्ष 23 में शुद्धकर्ज व परिचालन लाभ का अनुपात 0.7 गुना रहा।
उपभोक्ता कारोबारों की सूचीबद्धता इस शेयर के लिए अहम संकेतक होगी, पर निवेशकों को 2 मई को निवेशकों-लेनदारों संग RIL की होनी वाली बैठक में होने वाली घोषणा का इंतजार है, जो Jio Financial Services के कारोबार को अलग करने से संबंधित है।
पिछले महीने में हुई बढ़त को छोड़ दें तो यह शेयर साल के ज्यादातर समय में बेंचमार्क के मुकाबले कमजोर रहा है। पिछले साल के मुकाबले आरआईएल हालांकि 16 फीसदी नीचे है, वहीं बीएसई सेंसेक्स 3 फीसदी और निफ्टी 1.3 फीसदी चढ़ा है। बीओबी कैपिटल मार्केट्स (BOB Capital Markets) का मानना है कि शेयर के कमजोर प्रदर्शन की वजह एफएमसीजी क्षेत्र में कंपनी का विस्तार और वित्तीय सेवा (Jio Financial Services) है, साथ ही 5G भी एक वजह है।
शेयरखान के विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में कंपनी के उपभोक्ता केंद्रित कारोबार को मजबूत समर्थन RIL की मजबूत आय को सहारा देगा और जियो या खुदरा कारोबार का संभावित IPO अहम उत्प्रेरक बना रहेगा। ब्रोकरेज ने RIL को खरीद की रेटिंग दी है और यह उसके पसंदीदा शेयरों में सबसे ऊपर है।