प्रमोटरों (Promoters) के गिरवी शेयरों में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही (2022-23) के दौरान इजाफा हुआ और यह कवायद बेंचमार्क निफ्टी इंडेक्स में 6 फीसदी की बढ़ोतरी के बीच देखने को मिली।
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तकों की हिस्सेदारी के प्रतिशत के तौर पर प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों की वैल्यू वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 1.61 फीसदी पर पहुंच गई, जो सितंबर तिमाही (2022-23) में 1.57 फीसदी रही थी।
प्रवर्तकों की तरफ से गिरवी शेयरों की कुल वैल्यू 2.2 लाख करोड़ रुपये रही, जो बीएसई 500 इंडेक्स के कुल बाजार पूंजीकरण का 0.83 फीसदी बैठता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, प्रमुख भारतीय कंपनियों के प्रवर्तकों ने दिसंबर तिमाही में गिरवी शेयरों में बढ़ोतरी की क्योंकि बढ़ती महंगाई के कारण वैश्विक स्तर पर नीतिगत सख्ती के कारण इक्विटी बाजारों में उतारचढ़ाव देखने को मिला।
बीएसई 500 इंडेक्स की 87 कंपनियों के प्रवर्तकों ने अपनी हिस्सेदारी का कम से कम कुछ हिस्सा तीसरी तिमाही के आखिर में गिरवी रखा। इसमें से सिर्फ 17 कंपनियों के प्रवर्तकों की 25 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी गिरवी थी।
जिन कंपनियों के प्रवर्तकों ने अपनी हिस्सेदारी का 90 फीसदी से ज्यादा गिरवी रखा वे हैं मैक्स फाइनैंशियल सर्विसेज और थायरोकेयर टेक्नोलॉजिज शामिल हैं। जिन कंपनियों के प्रवर्तकों ने गिरवी शेयरों में खासी बढ़ोतरी की उनमें लॉयड्स मेटल्स ऐंड एनर्जी, हैप्पिएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजिज, वॉकहार्ट, इमामी और अजंता फार्मा शामिल हैं।
उधर, मदरसन सूमी वायरिंग इंडिया, दीपक फर्टिलाइजर्स ऐंड पेट्रोकेमिकल्स, जीएमआर एयरपोर्ट्स, गेन्युल्स इंडिया और 360 वन के प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों में कमी दर्ज हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, लॉयड्स मेटल्स ऐंड एनर्जी और हैप्पिएस्ट माइंड्स टेक्नोलॉजिज के प्रवर्तकों ने नए शेयर गिरवी रखे।
निफ्टी-50 में शामिल कंपनियों में प्रवर्तकों की सबसे ज्यादा गिरवी शेयर अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (17.3 फीसदी), अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज (16.4 फीसदी), एशियन पेंट्स (7.6 फीसदी), इंडसइंड बैंक (45.5 फीसदी) और जेएसडब्ल्यू स्टील (17.6 फीसदी) के पाए गए।
यह रिपोर्ट दिसंबर 2022 के आंकड़ों पर आधारित है। तब से प्रवर्तकों के गिरवी शेयरों में फेरबदल भी हो सक