जुलाई 2025 में एक्टिव इक्विटी में निवेश का आंकड़ा 80% बढ़कर अब तक के सबसे ऊंचे स्तर ₹56,540 करोड़ पर पहुंच गया। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से एसआईपी (SIP) और लंप-सम निवेश में तेजी की वजह से हुई है। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुताबिक, इस मजबूत निवेश ट्रेंड और स्थिर शेयर बाजार से एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) और रजिस्टार-ट्रांसफर एजेंट (RTA) की कमाई में आने वाले समय में सुधार देखने को मिलेगा। कंपनी के टॉप निवेश विकल्पों में एचडीएफसी एएमसी (टारगेट प्राइस ₹6,530), निप्पॉन लाइफ इंडिया एएमसी (₹1,010) और केफिन टेक्नोलॉजीज (₹1,540) शामिल हैं।
जुलाई में एसआईपी के जरिए ₹28,460 करोड़ का निवेश हुआ, जो जून की तुलना में 4.4% ज्यादा है। वहीं लंप-सम निवेश 5.8 गुना बढ़कर ₹28,070 करोड़ पहुंच गया। पुरानी योजनाओं में ₹45,650 करोड़ का निवेश आया, जबकि 12 नई इक्विटी स्कीमें (NFO) मिलकर ₹10,880 करोड़ जुटाने में सफल रहीं। चालू वित्त वर्ष (FY26) में अब तक एक्टिव इक्विटी में कुल ₹1.39 लाख करोड़ का निवेश आया है, जो पिछले साल की तुलना में 10.1% कम है। इसमें से ₹1.09 लाख करोड़ SIP से और ₹30,050 करोड़ लंप-सम से आए हैं।
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जुलाई में सबसे ज्यादा निवेश लार्ज और मिड-कैप फंड (21.8%) में हुआ। इसके बाद फ्लेक्सी-कैप फंड (13.5%), स्मॉल-कैप फंड (11.5%) और थीमैटिक फंड (16.7%) का स्थान रहा। हालांकि, इस दौरान शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 50 और निफ्टी मिडकैप 150, दोनों 2.9% गिरे, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 250 में 3.7% की गिरावट आई। इसकी वजह से कुल एक्टिव इक्विटी एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 0.4% घटकर ₹41.3 लाख करोड़ रह गया।
पैसिव फंड (ETF और इंडेक्स फंड, गोल्ड और विदेशी फंड-ऑफ-फंड को छोड़कर) में ₹8,260 करोड़ का निवेश हुआ। गोल्ड और ओवरसीज फंड-ऑफ-फंड में ₹1,450 करोड़ आए, जबकि आर्बिट्राज फंड में निवेश घटकर ₹7,300 करोड़ रह गया, जो जून से 53% कम है। डेट फंड में ₹13,910 करोड़ और लिक्विड स्कीम में ₹92,790 करोड़ का निवेश हुआ।
नुवामा का मानना है कि एसआईपी में लगातार आ रही मजबूती और निवेशकों की स्थिर भागीदारी आने वाले महीनों में AMC और RTA कंपनियों की कमाई को मजबूत आधार देगी, भले ही बाजार में थोड़ी बहुत उतार-चढ़ाव क्यों न हो।