facebookmetapixel
नवंबर में थोक महंगाई शून्य से नीचे, WPI -0.32 प्रतिशत पर रही; खाद्य तेल व दलहन पर निगरानी जरूरीई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट का मुख्यालय सिंगापुर से भारत आएगा, NCLT ने दी मंजूरीघने कोहरे और गंभीर प्रदूषण से उत्तर भारत में 220 उड़ानें रद्द, दिल्ली में कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे अम्मान, भारत-जॉर्डन द्विपक्षीय संबंधों में प्रगाढ़ता का नया अध्यायपहली छमाही की उठापटक के बाद शांति, दूसरी छमाही में सेंसेक्स-निफ्टी सीमित दायरे में रहेडॉलर के मुकाबले लगातार फिसलता रुपया: लुढ़कते-लुढ़कते 90.80 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक पहुंचाभारत के निर्यात ने रचा रिकॉर्ड: 41 महीने में सबसे तेज बढ़ोतरी से व्यापार घाटा 5 महीने के निचले स्तर परमनरेगा बनेगा ‘वीबी-जी राम जी’, केंद्र सरकार लाने जा रही है नया ग्रामीण रोजगार कानूनGST कटौती का असर दिखना शुरू: खपत में तेजी और कुछ तिमाहियों तक बढ़ती रहेगी मांगविदेशी कोषों की बिकवाली और रुपये की कमजोरी का असर: शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ बंद

SEBI के नए नियम: अब 16 तरह की जानकारियां होंगी गोपनीय

पहले सिर्फ 5 तरह की जानकारियों को UPSI माना जाता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 16 कर दिया गया है।

Last Updated- March 13, 2025 | 5:44 PM IST
SEBI

शेयर बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने इनसाइडर ट्रेडिंग रोकने के लिए Unpublished Price Sensitive Information (UPSI) यानी गोपनीय जानकारी के नियमों को और सख्त कर दिया है। पहले सिर्फ 5 तरह की जानकारियों को UPSI माना जाता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 16 कर दिया गया है। इससे कंपनियों को यह स्पष्ट रहेगा कि कौन-सी जानकारी सार्वजनिक करनी है और कौन-सी नहीं।

किन जानकारियों को अब UPSI माना जाएगा?

सेबी के नए नियमों के तहत अब कंपनियों के फंड जुटाने की योजना, क्रेडिट रेटिंग में बदलाव, प्रबंधन या मालिकाना हक में बदलाव, दिवालिया होने की प्रक्रिया, बैंक लोन का वन-टाइम सेटलमेंट या पुनर्गठन जैसी जानकारी UPSI के दायरे में आएगी। इसके अलावा, अगर कंपनी, प्रमोटर या डायरेक्टर किसी धोखाधड़ी या डिफॉल्ट में शामिल होते हैं या उनकी गिरफ्तारी होती है, तो यह भी UPSI माना जाएगा। साथ ही, फॉरेंसिक ऑडिट शुरू होने या उसकी रिपोर्ट आने, सरकार या कोर्ट से जुड़े बड़े आदेश और जरूरी लाइसेंस या अनुमतियों के मिलने या रद्द होने जैसी जानकारियां भी अब इस लिस्ट में शामिल कर दी गई हैं।

इस बदलाव से क्या फायदा होगा?

इन नए नियमों से कंपनियों को अधिक स्पष्टता मिलेगी कि किन घटनाओं को गोपनीय रखना है और कब उन्हें सार्वजनिक करना है। इससे न्यायिक विवादों में कमी आएगी क्योंकि पहले कई कंपनियां इस आधार पर कानूनी राहत ले लेती थीं कि कोई जानकारी UPSI के तहत आती है या नहीं। इसके अलावा, अगर कोई गोपनीय जानकारी बाहर से लीक होती है, तो कंपनी को अपनी ट्रेडिंग विंडो बंद नहीं करनी होगी। एक और बदलाव यह हुआ है कि कंपनियों को अब UPSI डेटा दर्ज करने के लिए 2 दिन तक का समय मिलेगा।

निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है यह बदलाव?

SEBI के इन नए नियमों से शेयर बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी और इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने में मदद मिलेगी। इससे निवेशकों का बाजार पर भरोसा भी मजबूत होगा क्योंकि अब कंपनियों को अधिक पारदर्शिता और नियमों का पालन करना होगा। ये नए नियम 10 जून 2024 से लागू हो जाएंगे, जिसके बाद सभी कंपनियों को इनका पालन करना अनिवार्य होगा। (PTI के इनपुट के साथ)

First Published - March 13, 2025 | 5:44 PM IST

संबंधित पोस्ट