म्युचुअल फंड

Tata MF की करोड़पति स्कीम! ₹10,000 मंथली SIP से बना ₹3.81 करोड़ का फंड; देखें 25 साल का रिटर्न चार्ट

इस फंड को 25 फरवरी 1993 को लॉन्च किया गया था। इस तरह से इस स्कीम को बाजार में कदम रखें हुए 32 साल से ज्यादा का समय हो गया है।

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अंशु   
Last Updated- June 27, 2025 | 5:41 PM IST

Tata Large & Mid Cap Fund: देश के सबसे पुराने म्युचुअल फंड हाउसों में से एक टाटा म्युचुअल फंड की ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम टाटा लार्ज एंड मिड कैप फंड (Tata Large & Mid Cap Fund) ने लॉन्ग टर्म में निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है। इस फंड को 25 फरवरी 1993 को लॉन्च किया गया था। इस तरह से इस स्कीम को बाजार में कदम रखें हुए 32 साल से ज्यादा का समय हो गया है। बाजार में डेब्यू (Since Inception) के बाद से फंड ने 17.30% का CAGR रिटर्न दिया है। अगर किसी निवेशक ने साल 2000 से इस स्कीम में 25 साल तक ₹10,000 की मंथली SIP की होती तो आज वह ₹3.81 करोड़ के फंड का मालिक बन गया होता।

₹10,000 की मंथली SIP से 25 साल में कमाए ₹3.81 करोड़

टाटा म्युचुअल फंड की एक फैक्टशीट के मुताबिक, पिछले 25 वर्षों में टाटा लार्ज एंड मिड कैप फंड ने SIP निवेशकों को औसतन 17.30% सालाना का रिटर्न दिया है। अगर किसी निवेशक ने इस स्कीम के 1 जुलाई 2000 के बाद से इस फंड में ₹10,000 की मंथली SIP की है तो आज उसके फंड की वैल्यू करीब ₹3.81 करोड़ से ज्यादा है। रिटर्न देने के मामले में फंड ने अपने बेंचमार्क को भी पीछे छोड़ दिया है।

स्त्रोत: टाटा म्युचुअल फंड, डेटा- 30 अप्रैल 2025 के NAV के आधार पर

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Tata Large & Mid Cap Fund की डिटेल

टाटा लार्ज एंड मिड कैप फंड एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम है जो मुख्य रूप से लार्ज और मिडकैप कंपनियों के शेयरों में निवेश करती है। इस फंड में निवेशक मिनिमम ₹5,000 से निवेश शुरू कर सकते हैं। इस स्कीम में ₹100 से SIP भी की जा सकती है। इस फंड का बेंचमार्क NIFTY Large Midcap 250 TRI इंडेक्स हैं। चंद्रप्रकाश पडियार और मीता शेट्टी इस स्कीम के फंड मैनेजर्स हैं।

31 मई 2025 तक, इस फंड का एक्सपेंस रेश्यो 1.75% है। फंड में कोई लॉक-इन पीरियड नहीं है। हालांकि, निवेश की कुल राशि के 12% से ज्यादा यूनिट्स के रिडेम्पशन पर, यदि उन्हें 90 दिनों के भीतर भुनाया जाता है, तो 1% शुल्क लिया जाएगा।

इस फंड में किसे करना चाहिए निवेश?

टाटा एसेट मैनेजमेंट के सीनियर फंड मैनेजर चंद्रप्रकाश पडियार ने कहा, “टाटा इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड का नाम जून 2018 में बदलकर टाटा लार्ज एंड मिड कैप फंड कर दिया गया। इस फंड की संरचना ऐसी है कि इसमें हमेशा कम से कम 35% निवेश लार्ज कैप और कम से कम 35% निवेश मिड कैप में किया जाता है। शेष 30% हिस्से को फ्लेक्सी कैप अप्रोच के तहत मैनेज किया जा सकता है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह एक डाइवर्सिफाइड फंड है जो बाजार के सभी सेगमेंट में निवेश के लिए एक अनुशासित दृष्टिकोण अपनाता है और लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है। इस फंड का प्रबंधन “Growth at Reasonable Price” यानी उचित मूल्य पर विकास की निवेश रणनीति के तहत किया जा रहा है। इसका लक्ष्य ऐसे हाई ग्रोथ कंपनियों में निवेश करना है जो फ्री कैश जेनरेट कर रही हों और जिनका मूल्यांकन आकर्षक हो।”

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पोर्टफोलियो की पोजिशनिंग और कंस्ट्रक्शन

पोर्टफोलियो का आकार: वर्तमान में इस पोर्टफोलियो में 53 स्टॉक्स शामिल हैं। फंड मैनेजर टॉप-10 स्टॉक्स में लगभग 45% तक बड़ा आवंटन करते हैं, और बाकी पोर्टफोलियो में भी पर्याप्त वेटेज देते हैं। इसका मतलब है कि पोर्टफोलियो के अंतिम हिस्से में भी सिर्फ बेंचमार्क की नकल नहीं की गई है, जिससे साफ है कि यह पूरी तरह से बॉटम-अप अप्रोच पर आधारित पोर्टफोलियो है।

पोर्टफोलियो में स्टॉक्स के प्रकार: पोर्टफोलियो को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला वर्ग ऐसे सुरक्षित, अच्छी गुणवत्ता वाले स्टॉक्स का है जो पोर्टफोलियो को सुरक्षा, स्थिरता और लिक्विडिटी प्रदान करते हैं। दूसरा वर्ग उन स्टॉक्स का है जिनमें उम्मीद से बेहतर नतीजे मिलने की संभावना है।

Sector TATA LARGE & MID CAP FUND (%) Nifty LargeMidcap 250 (%) Overweight / Underweight (%)
Automobile and Auto Components 5.02 6.82 -1.80
Capital Goods 4.53 8.79 -4.26
Chemicals 7.51 3.33 4.18
Construction Materials 5.17 1.86 3.31
Consumer Durables 0.71 3.14 -2.43
Diversified 1.94 0.23 1.71
Financial Services 33.34 28.81 4.53
Information Technology 2.68 8.15 -5.47
Metals & Mining 0.00 3.46 -3.46
Telecommunication 5.65 3.31 2.34

बॉटम-अप स्टॉक पिकिंग: पोर्टफोलियो का निर्माण बॉटम-अप अप्रोच के साथ किया गया है और यह Growth at Reasonable Price (GARP) स्ट्रैटेजी पर आधारित है। फंड मैनेजर उन कंपनियों को प्राथमिकता देते हैं जिन पर कर्ज कम हो और जिनमें भविष्य में विकास की अच्छी संभावनाएं हों। जिन स्टॉक्स को लंबे समय तक ग्रोथ देने वाले (compounders) के रूप में चुना जाता है, उनकी मुख्य विशेषताएं हैं—कम कर्ज और हाई फ्री कैश फ्लो।

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इन सेक्टर्स से रखते हैं दूरी: फंड मैनेजर उन साइकलिकल सेक्टर्स से बचते हैं जिनमें ज्यादा कर्ज होने की संभावना रहती है। इसके अलावा, वे कमोडिटी सेक्टर में भी निवेश नहीं करते क्योंकि इस पर डिमांड-सप्लाई, वैश्विक आर्थिक हालात जैसे कई बाहरी कारकों का असर होता है।

पोर्टफोलियो टर्नओवर: फंड मैनेजर पोर्टफोलियो में बार-बार बदलाव नहीं करते और बाय एंड होल्ड की स्ट्रैटेजी अपनाते हैं।

Top 10 Stock Allocation (%)
HDFC Bank Ltd. 10.01
Reliance Industries Ltd. 4.66
P.I. Industries Ltd. 4.64
State Bank Of India 4.13
ICICI Bank Ltd. 3.89
Varun Beverages Ltd. 3.78
Bharti Airtel Ltd. 3.59
SBI Cards & Payment Services Ltd. 3.46
IDFC First Bank Ltd. 3.46
Fortis Healthcare Ltd. 2.95
Total 44.57
First Published : June 27, 2025 | 5:27 PM IST