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‘आम आदमी को उठाना पड़ सकता है बैंकिंग सिस्टम का नुकसान’, रॉबर्ट कियोसाकी ने लोगों को क्यों चेताया?

मशहूर किताब 'रिच डैड पुअर डैड' के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी का कहना है कि बैंकिंग सिस्टम में घाटा जनता पर डाला जाता है और मुनाफा बैंकों के लिए सुरक्षित रखा जाता है

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ऋषभ राज   
Last Updated- December 19, 2025 | 5:20 PM IST

मशहूर किताब ‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक और फाइनेंशियल एडवायजर रॉबर्ट कियोसाकी ने फिर से आम लोगों को चेताया है। उनका कहना है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था में नया तनाव आ रहा है और इस बार भी साधारण टैक्स देने वाले लोग ही नुकसान उठाएंगे। उन्होंने दावा किया, “इसकी वजह ये है कि जनता के पैसे पर पूरा सिस्टम बैंकों को बचाने के लिए बना हुआ है।”

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी पोस्ट में कियोसाकी ने सीधे शब्दों में कहा, “दुनिया के बैंकर दुनिया को कंट्रोल करते हैं क्योंकि वे ग्लोबल कैश फ्लो को अपने हाथ में रखते हैं।” उनका मानना है कि खेल का नियम बहुत सिंपल है क्योंकि “हेड्स आए तो बैंकर जीतते हैं, टेल्स आए तो भी बैंकर जीतते हैं, लेकिन आप हमेशा हारते हैं।”

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नुकसान जनता के सर, मुनाफा बैंकों की जेब में

कियोसाकी के मुताबिक, जब बैंक मुनाफा कमाते हैं तो वो पैसा खुद रख लेते हैं। लेकिन जैसे ही घाटा होता है, बोझ जनता पर डाल दिया जाता है। उन्होंने इसे ऐसे समझाया, “हमारा मुनाफा प्राइवेट रखो, घाटा सोशल बनाओ।” यानी बैंक अच्छा कमाएं तो अपना, बुरा हो तो सबका।

2008 की बड़ी आर्थिक संकट की मिसाल देते हुए उन्होंने बताया कि उस वक्त बैंकों को भारी नुकसान हुआ था, लेकिन जनता ने ही टैक्स बढ़ाकर उसकी भरपाई की। कियोसाकी का कहना है कि हर बार यही होता है कि गलतियां बैंकों की होती है लेकिन इसका बिल आम आदमी भरता है।

इस खेल में नहीं खेलने की बात करते हुए वे खुद बताते हैं कि वे कानूनी तरीके से टैक्स कम करते हैं और अपना पैसा पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम से बाहर रखते हैं। उनके पसंदीदा एसेट हैं – असली सोना, चांदी, बिटकॉइन और इथेरियम।

लोगों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि पैसों के मामले में समझदार बनो। टैक्स प्लानिंग सीखो। वे अपने सलाहकार टॉम व्हीलराइट की किताब ‘टैक्स फ्री वेल्थ’ पढ़ने की सिफारिश करते हैं। उनकी आखिरी लाइन थी, “हारने वाले मत बनो, अपने पैसे के साथ स्मार्ट बनो।”

First Published : December 19, 2025 | 5:20 PM IST